ओड़िशा में खेल शिक्षकों को प्रतिमाह मिलता है 5451 रुपया मानदेय!

सिर्फ दिखावा करते हैं ओड़िशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक

2013 में राज्य में नियुक्त 8866 खेल शिक्षक आज भी शोषण का शिकार

खेलपथ संवाद

भुवनेश्वर। ओड़िशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक खेलों, खिलाड़ियों, प्रशिक्षकों तथा शारीरिक शिक्षकों की भलाई का सिर्फ स्वांग करते हैं। यदि यह सच नहीं तो फिर 2013 में राज्य में नियुक्त 8866 खेल शिक्षक आज शोषण का शिकार क्यों हैं। वह प्रतिमाह 5451 रुपये मानदेय पर नौकरी करने को क्यों मजबूर है? यह दर्द भरी दास्तां एक खेल शिक्षक ने खेलपथ को बताई है।

गौरतलब है कि हाल ही मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने ओड़िशा के 57 हजार कर्मचारियों के नियमितीकरण का ऐलान किया है। मुख्यमंत्री पटनायक की इस घोषणा पर राज्य के खेल शिक्षकों का कहना है कि यह सब सस्ती लोकप्रियता हासिल करने का उनका नाटक है। ओड़िशा में 2013 में 8866 खेल शिक्षक संविदा पर नियुक्त हुए थे। यह खेल शिक्षक आज भी 5451 रुपया प्रतिमाह मानदेय पर किसी तरह गुजर-बसर कर रहे हैं।  

बकौल खेल शिक्षक हम 2013 से नियुक्त होकर प्राथमिक और उच्च प्राथमिक (कक्षा 1 से कक्षा 8 तक) स्कूलों के छात्र-छात्राओं को प्रतिदिन खेल और कला में शिक्षा देते हैं। नौ साल बीत जाने के बाद भी नियमितीकरण की कौन कहे हमारा मानदेय सिर्फ 5451 रुपया प्रतिमाह ही है। ओड़िशा में खेल शिक्षकों को गर्मी की छुट्टियों का मानदेय नहीं दिया जाता। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने जो नियमितीकरण की घोषणा की है वह सिर्फ बड़े-बड़े शासकीय कर्मचारियों के लिए है। हम खेल शिक्षकों का कल भी शोषण हो रहा था और आज भी हो रहा है।

दुखित खेल शिक्षकों का कहना है कि नवीन पटनायक सरकार खेलों की कोई मसीहा नहीं है यह सिर्फ सस्ती लोकप्रियता पाने का नाटक करती है। नवीन पटनायक सरकार ने जमीनी स्तर पर कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं। यह सरकार खेलों के विकास के नाम पर प्रदेश और देश को गुमराह कर रही है। खेल शिक्षकों का कहना है कि आप ही सोचिए साल में 10 महीने की सेलरी वह भी महीने में सिर्फ 5451 रुपये में एक ट्रेंड शिक्षक अपना और अपने परिवार का जीवन बसर कैसे कर सकता है। दुख और अफसोस की बात है कि हर सुबह मुस्कराते हुए बच्चों को खेल गुर सिखाने वाला ओड़िशा का खेल शिक्षक आज अपना परिवार चलाने को चिंतित है।

 

 

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