पंजाब सरकार हरजिंदर को देगी 40 लाख रुपये

चारा काटने की मशीन चलाने से बनी फौलादी
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
राष्ट्रमंडल खेलों में वेटलिफ्टिंग का कांस्य पदक जीतने वाली हरिजंदर कौर के मजबूत हाथों का राज चारा काटने की मशीन चलाना है। हरजिंदर ने बताया- वह अपने पिता के साथ घर और खेतों में काम करती थीं। इससे उनके हाथ मजबूत हुए। मेशा गांव (पटियाला) की रहने वाली हरजिंदर के बड़े भाई प्रीतपाल सिंह ने कहा- वह खेतों में कृषि कार्य में हाथ बंटाती थीं। 
हरजिंदर पहले कबड्डी खेलती थीं। उन्होंने 2016 में पटियाला की पंजाब यूनिवर्सिटी में एडमिशन लिया। यहां पर वह वेटलिफ्टिंग की ओर आकर्षित हुईं। हरजिंदर बताती हैं कि कोच परमजीत सिंह ने उन्हें भारोत्तोलन के लिए प्रोत्साहित किया। हरजिंदर तीन भाई-बहनों में सबसे छोटी हैं। उन्होंने स्नातक की पढ़ाई पटियाला के मोदी कॉलेज से किया है।
बर्मिंघम में चल रहे राष्ट्रमंडल खेलों में कांस्य पदक जीतने वालीं भारोत्तोलक हरजिंदर कौर को पंजाब सरकार 40 लाख रुपये का नकद पुरस्कार देगी। हरजिंदर ने महिलाओं के 71 किलो भारवर्ग में कांस्य पदक हासिल किया। पटियाला जिले के नाभा की रहने वालीं हरजिंदर ने कुल 212 किलो (93+119) वजन उठाया। इंग्लैंड की सारा डेविस (229) ने स्वर्ण और कनाडा की एलेक्सिस ऐश्वर्थ (214) ने रजत पदक जीता। नाइजीरिया की स्वर्ण पदक की प्रबल दावेदार जॉय इजे क्लीन एवं जर्क के तीनों प्रयासों में नाकाम रहीं, जिससे हरजिंदर का कांस्य पदक पक्का हो गया। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और खेल मंत्री गुरमीत सिंह मीत ने हरजिंदर को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी। पंजाब सरकार ने उनके लिए 40 लाख रुपए के नकद पुरस्कार की घोषणा भी की। हरजिंदर के भाई पृथपाल सिंह ने कहा कि वह बहन की कामयाबी से बेहद खुश हैं। उन्होंने कहा कि परिवार ने उन्हें हमेशा प्रोत्साहित किया है और अब वह देश के लिए पदक जीत रही हैं।

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