पहलवान सतेंद्र मलिक पर लगे प्रतिबंध को वापस लेने उठी आवाज

भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष से मिलेगी 101 सदस्यीय कमेटी
खेलपथ संवाद
रोहतक।
दिल्ली में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स के ट्रायल्स के दौरान पहलवान सतेंद्र मलिक को पहले कोच द्वारा थप्पड़ मारने व उस पर आजीवन कुश्ती में प्रतिबंध लगाए जाने के खिलाफ मोखरा की खंडयान वाली चौपाल में पंचायत हुई। इसकी अध्यक्षता तपा प्रधान रामकिशन मोखरा ने की। पंचायत में निर्णय लिया गया कि 101 सदस्यीय कमेटी भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह से मिलेगी और इस मामले पर विरोध जताएगी। इसके अलावा कमेटी संजीव बालियान व दीपेंद्र सिंह हुड्डा से भी मिलेगी। इस मामले में सूत्रों का कहना है कि सतेंद्र मलिक पर प्रतिबंध तो जारी रहेगा लेकिन रेफरी पर भी कार्रवाई जरूर होगी।
सतेंद्र पहलवान ने बताया कि वे कोच को शिकायत करने के लिए गए थे। वह ट्रायल में तीन-एक से आगे चल रहा था। दूसरे पहलवान को एक नंबर अलग से दिए जाने की शिकायत की तो कोच ने उन्हें थप्पड़ जड़ दिया। उसने भी हाथ उठाया। पंचायत में पहलवान ने कहा कि इस पूरे प्रकरण में उनकी गलती नहीं है फिर भी अगर पंचायत उसे माफी मांगने के लिए कहे तो वे इसके लिए भी तैयार हैं। लेकिन उस पर आजीवन प्रतिबंध लगाया जाना गलत है। इससे उसका भविष्य खराब हो जाएगा। इस अवसर पर वेदपाल मलिक, राजा, कृष्ण, प्रमोद सरपंच आदि मौजूद रहे।
ग्रामवासियों ने बताया कि सतेंद्र ने पूरी दुनिया में कुश्ती में नाम कमाया है। उनके गांव से निकले पहलवान हिंद केसरी बने व कई पुरस्कार जीते। यहां तक कि उनके गांव की धाक ओलम्पिक में भी सुनाई दी। पहलवान सतेंद्र ने कुश्ती की शुरुआत अपने गांव मोखरा से ही की थी। गांव में दांव-पेच सीखने के बाद सतेंद्र 2005 में रोहतक शहर में आए और यहां देव कॉलोनी स्थित मेहर सिंह अखाड़ा में अभ्यास करने लगे। ग्रामीणों ने कहा कि सतेंद्र गुस्से वाले पहलवान नहीं है, बल्कि वह तो हंसमुख पहलवान है। ऐसे हंसमुख पहलवान के साथ ऐसी क्या बात हुई कि उन्हें गुस्सा आ गया और रेफरी को थप्पड़ मारने जैसी घटना हो गई, यह गांव वालों की समझ से परे है। 

 

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