जागृति में प्रयागराज को खेलों में जगमग करने का जुनून

मैदान फतह करने वाली बेटी कर रही ग्रामीण प्रतिभाओं का उद्धार
खेलपथ संवाद
प्रयागराज।
बेटियां हर काम शिद्दत से कर सकती हैं। उन्हें बेचारी और अबला सुनना पसंद नहीं है। यही तो कर रही है प्रयागराज की हरफनमौला खिलाड़ी जागृति गुप्ता। सच कहें तो इस बेटी के सर नई पीढ़ी को खेलों में जागरूक कर उसे प्रशिक्षण देकर राष्ट्रीय स्तर का खिलाड़ी बनाने का जुनून सवार है। कभी अपने शानदार कौशल से मैदान फतह करने वाली बेटी अब ग्रामीण प्रतिभाओं को खेल से जोड़कर उनका उद्धार कर रही है।
नीलम रानी और ओमप्रकाश गुप्ता के घर जन्मी बेटी जागृति ने अपनी शिक्षा प्रयागराज में पूरी की। नैनी हैंडबॉल ग्राउंड से अपने खेल सफर की शुरुआत करने वाली इस बेटी ने आगे चलकर हैंडबॉल स्टेट चैम्पियनशिप जीतकर अपने होनहार होने का सबूत पेश किया। इस बेटी ने एनसीसी नेवल सी सर्टिफिकेट हासिल किया और यहीं पर स्वीमिंग का प्रशिक्षण हासिल कर प्रयागराज में नदी पार करने का कीर्तिमान भी बना डाला। 
प्रयागराज विश्वविद्यालय में पढ़ाई करते समय इसने बैडमिंटन में गोल्ड मेडल हासिल किया तो 2011 में कैनो क्याक में ऑल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी में ब्रांज मेडल जीता, फिर 2014 तक कई नेशनल खेले और दर्जनों पदकों से अपना गला सजाया। जागृति 2014 में यूनिवर्सिटी की महिला फुटबॉल टीम में गोलकीपर रहीं और 2017 में एनआईएस पटियाला से लाइफ गार्ड का कोर्स किया और वहां से प्रशिक्षण लेने वाली पहली महिला बनीं।
2018 में केरल से रोइंग कैनोइंग और कैयाकिंग एन.आई.एस. डिप्लोमा किया तथा उत्तर प्रदेश की पहली महिला डिप्लोमा होल्डर बनीं। इस उपलब्धि को देखते हुए खेल विभाग उत्तर प्रदेश द्वारा इन्हें रोइंग कोच के रूप में कार्य करने का अवसर दिया गया। खेल के प्रति इस बेटी की लगन को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार मिशन शक्ति के तहत सम्मानित कर चुकी है। जागृति ने 2019 में अन्तरराष्ट्रीय रोइंग लेबल 2 प्रशिक्षण लिया तथा इसी साल प्रयागराज में आयोजित मिस प्रयागराज प्रतियोगिता में रनरअप रहीं।
निर्भय लक्ष्य सोसाइटी के बैनर तले निखार रही प्रतिभाएं
जागृति गुप्ता इन दिनों टी.जी.टी. फिजिकल एज्यूकेशन टीचर के रूप में आर्मी पब्लिक स्कूल में कार्यरत हैं। इतना ही नहीं यह बेटी निर्भय लक्ष्य सोसाइटी के बैनर तले  ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को प्रशिक्षित कर उन्हें आगे लाने का कार्य कर रही है। वह पहले जिले, राज्य, राष्ट्र और फिर अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में युवाओं को अवसर दिलाने को प्रतिबद्ध है। जागृति जैसी बेटियों को जन्म देने वाले माता-पिता धन्य हैं, हमारे समाज को इनसे नसीहत लेनी चाहिए।

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