नौकरशाहों की खातिरदारी में माहिर हैं आनंदेश्वर पांडेय

देश में खेल संस्कृति को बेहतर कर रहा आईओए

खेलपथ संवाद

लखनऊ। भारतीय ओलम्पिक संघ के कोषाध्यक्ष आनंदेश्वर पांडेय यारों के यार हैं, यही वजह है कि उनके सारे गुनाह माफ होते रहते हैं। वह अपनी याराना छवि को बरकरार रखने के लिए अब तक छह बार जहां ओलम्पिक आयोजनों में शिरकत कर चुके हैं वहीं रियो ओलम्पिक में तो वह अपने साथ नौकरशाहों को भी तफरीह के लिए ले गए थे। इस तफरीह में भारतीय हैंडबाल संघ का 20 लाख से अधिक रुपये स्वाहा हुआ था।

खैर, खिलाड़ियों का भला हो या नहीं पांडेय मानते हैं कि पहले की अपेक्षा अब खेलों में सुविधाएं, नाम, पैसा व पुरस्कार बढ़े हैं। वह कहते हैं कि लगन, परिश्रम और ईमानदारी से की गई मेहनत की बदौलत कोई भी खिलाड़ी बड़ा मुकाम हासिल कर सकता है। वह कहते हैं कि खेलो इंडिया योजना के तहत देश में खेल संस्कृति को और बेहतर बनाने में ओलम्पिक संघ जुटा है।

कुशीनगर जनपद के कोटवा धन्नीपट्टी निवासी एवं वर्तमान में उत्तर प्रदेश ओलम्पिक संघ के सचिव तथा रियो ओलम्पिक में भारतीय दल के डिप्टी चीफ द मिशन की जिम्मेदारी निभा चुके आनंदेश्वर पांडेय अब तक न केवल छह बार ओलम्पिक खेलों में जा चुके हैं बल्कि कई नौकरशाहों को भी भारतीय हैंडबाल संघ के खजाने से तफरीह करा चुके हैं। आनंदेश्वर का कहना है कि सरकार खिलाड़ियों के आधुनिक प्रशिक्षण, सेहत पर विशेष ध्यान दे रही है। खेल के बजट को भी बढ़ाया गया है। सबसे खास बात यह है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद ही खेल से जुड़ी गतिविधियों की विशेष रूप से मॉनीटर कर रहे हैं। खेलो इंडिया पीएम का ही ड्रीम प्रोजेक्ट है, आने वाले सालों में इसका और भी असर दिखेगा। पांडेय कहते हैं कि विदेशों में खेल की उपलब्धियों को उस देश के स्वास्थ्य के पैमाने से जोड़कर देखा जाता है, जबकि हमारे यहां अभी ऐसा नहीं है।

पांडेय मानते हैं कि खेलों में बेहतर प्रतिभाएं ग्रामीण क्षेत्रों से ही निकलेंगी, क्योंकि जो स्टेमिना और स्पीड ग्रामीण खिलाड़ियों में है, वह शहरी क्षेत्र के खिलाड़ियों में नहीं होती। वह कहते हैं कि खेलों को आगे बढ़ाने के लिए सरकार के साथ ही समाज के प्रबुद्ध वर्ग के लोगों को भी सामने आना चाहिए। आनंदेश्वर पांडेय को भारत की किसी यूनिवर्सिटी ने नहीं बल्कि कॉमनवेल्थ वोकेशनल यूनिवर्सिटी टैगो, बैंकाक की ओर से शारीरिक शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर योगदान के लिए डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त हुई है।

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