बेलिंडा बेनकिक ने टोक्यो में जीता टेनिस का गोल्ड मेडल
इसे दो महान खिलाड़ियों फेडरर और मार्टिना हिंगिस के नाम किया
टोक्यो। जापान की राजधानी टोक्यो में जारी ओलम्पिक खेलों के वुमेंस सिंगल्स टेनिस टूर्नामेंट का फाइनल जीतकर स्विट्जरलैंड की बेलिंडा बेनकिक ने इतिहास रचा है। बेलिंडा बेनकिक ने गोल्ड मेडल पर कब्जा जमाया है, लेकिन बेलिंडा बेनकिक ने महिला सिंगल्स टेनिस का स्वर्ण पदक जीतने के बाद इस पदक को अपने देश के महान खिलाड़ी रोजर फेडरर के नाम किया है।
दरअसल, टोक्यो 2020 में वुमेंस सिंगल्स के फाइनल में उतरने से पहले दिग्गज खिलाड़ी रोजर फेडरर ने बेलिंडा बेनकिक को एक संदेश भेजा था और उन्हें जीत के लिए प्रेरित किया था। बेलिंडा बेनकिक फेडरर को अपना आदर्श मानती हैं, लेकिन 20 बार के ग्रैंडस्लैम खिताब के विजेता रोजर फेडरर ओलम्पिक में कभी सिंगल्स में गोल्ड मेडल नहीं जीत पाए हैं। फेडरर ही नहीं, बेनकिक की आदर्श मार्टिना हिंगिस भी ओलम्पिक खेलों में स्वर्ण जीतने में नाकाम रही हैं।
12वीं वरीय बेलिंडा बेनकिक ने फाइनल में चेक गणराज्य की मर्केटा वोंड्राउसोवा को 7-5, 2- 6, 6-3 हराकर स्वर्ण पदक अपने नाम किया। बेनकिक ने कहा, "मुझे लगता है कि मैंने इसे उनके ( फेडरर व मार्टिना) लिए जीता है। उन्होंने करियर में बहुत कुछ हासिल किया है। मुझे यकीन नहीं है कि मैं कभी वैसा कर पाऊंगी, लेकिन हो सकता है कि मैं उन्हें यह ओलम्पिक पदक देकर उनकी मदद कर सकूं। यह मार्टिना और रोजर दोनों के लिए है।"
आपको बता दें, स्विट्जरलैंड की मार्टिना हिंगिस ने पांच बार ग्रैंडस्लैम जीता है, लेकिन एक भी बार ओलम्पिक खेलों में गोल्ड मेडल नहीं जीता है। ऐसा ही हाल 20 बार के ग्रैंडस्लैम विजेता रोजर फेडरर का भी रहा है। उधर, बेलिंडा बेनकिक ने ग्रैंडस्लैम तो छोड़िए, कभी फाइनल तक का सफर ग्रैंडस्लैम टूर्नामेंट में नहीं किया है, लेकिन वे अभी 24 साल की हैं और वे अपने लम्बे करियर में बहुत कुछ हासिल कर सकती हैं। ओलम्पिक गोल्ड उनके लिए आत्मविश्वास देने वाला रहा होगा।