ओलम्पिक हॉकी टीम में पहली बार झारखंड की दो बेटियां

रेलवे में नौकरी करती हैं सिमडेगा की सलीमा टेटे और खूंटी की निक्की प्रधान
खेलपथ संवाद
रांची।
झारखण्ड की दो बेटियों ने अपने राज्य का गौरव बढ़ाया है। घोर नक्सल क्षेत्र से निकली राज्य की दो बेटियां जापान में होने वाले टोक्यो ओलम्पिक खेलों में भारतीय महिला हॉकी टीम की ओर से खेलेंगी। इनमें एक सिमडेगा की सलीमा टेटे और दूसरी खूंटी की निक्की प्रधान हैं।
ऐसा पहली बार है जब झारखण्ड से दो महिला हॉकी खिलाड़ी ओलम्पिक खेलने जा रही हैं। निक्की प्रधान दूसरी बार ओलम्पिक में खेलेंगी। हॉकी इंडिया ने टोक्यो ओलम्पिक के लिए 16 सदस्यीय महिला हॉकी टीम का ऐलान किया जिसमें झारखण्ड की दो हॉकी बेटियों को जगह मिली है। निक्की डिफेंडर और सलीमा मिडफील्डर के रूप में मैदान में खेलती दिखाई देंगी। दोनों ही खिलाड़ी अभी दक्षिण पूर्व रेलवे में कार्यरत हैं। निक्की को साल 2012 में यार्ड मास्टर के रूप में रेलवे में नौकरी मिली जबकि सलीमा 2019 में टिकट कलेक्टर के रूप में रेलवे में नियुक्त हुईं।
मूवी के हेतल गांव की रहने वाली निक्की प्रधान चार बहनों में दूसरे नम्बर पर हैं। उनके पिता सोमा प्रधान बिहार पुलिस में थे और मां जितने देवी खेती और घर संभालती हैं। निक्की 2015 में सीनियर महिला टीम में शामिल हुईं और 2016 ओलम्पिक में भारतीय महिला हॉकी टीम में चुनी गईं और झारखंड की पहली महिला ओलम्पिक हॉकी खिलाड़ी बनने का गौरव हासिल किया।
सलीमा टेटे सिमडेगा की सदर प्रखंड के बड़की छापर गांव की हैं। सलीमा 2014 में पुणे में आयोजित राष्ट्रीय सब जूनियर प्रतियोगिता में पहली बार झारखंड टीम में चुनी गईं तब टीम ने रजत पदक जीता था। नवम्बर, 2016 में उनका चयन ऑस्ट्रेलिया जाने वाली सीनियर महिला टीम में हुआ। 2019 यूथ ओलम्पिक में उसे जूनियर भारतीय टीम का कप्तान बनाया गया। उनके पिता सुलक्षण टेटे भी हॉकी खिलाड़ी रहे।

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