मैं किसी पद-लालसा को राजनीति में नहीं आईः कृष्णा पूनिया

कांग्रेस कभी नहीं छोड़ूंगी, बड़ी नेकदिल हैं सोनिया गांधी
भाजपा ने भी दिया था पार्टी में आने आफर 
श्रीप्रकाश शुक्ला
मथुरा।
राजनीति और खेल के मैदान में बड़ा फर्क है। खेलों में सिर्फ हम अपने लिए जीते हैं जबकि राजनीतिक पथ पर हमारा हर किस्म के लोगों से वास्ता पड़ता है। राजनीति वह क्षेत्र है जहां हमें बिना मांगे ही हर कोई सलाह देता है, बेशक उसे राजनीति की जानकारी हो या नहीं। मैं किसी पद-लालसा के लिए राजनीति में नहीं आई बल्कि मेरा उद्देश्य हर बेटी और परेशान इंसान की सेवा तथा मदद करना है। यह कहना है पद्मश्री कृष्णा पूनिया का।
मथुरा प्रवास पर आईं कांग्रेस नेत्री और खेलों में भारत का गौरव कृष्णा पूनिया ने विशेष बातचीत में बताया कि मेरा कांग्रेस में आना इत्तफाक नहीं, क्योंकि मेरा परिवार कांग्रेसी है। कांग्रेस की विचारधारा अन्य पार्टियों से अलग है। कांग्रेस भाईचारे का प्रतीक है। सोनिया गांधी की जहां तक बात है वह बड़ी नेकदिल हैं। आज के समय में ऐसा कौन होगा जो प्रधानमंत्री जैसे पद का परित्याग कर सकता हो, उन्होंने ऐसा करके भारतीय राजनीति में एक नजीर पेश की है। 
कृष्णा पूनिया का कहना है कि मुझे पता है कि मैं एक खिलाड़ी के रूप में देश, प्रदेश और समाज की उतनी सेवा नहीं कर सकती जितनी कि राजनीति के माध्यम से कर सकती हूं। मैंने हर ग्रामीण बेटी की तरह बचपन में कोई सपना नहीं देखा था लेकिन कालेज में आने के बाद शौकिया खेलों में उतरी और कामयाबी मिलते ही मन में खिलाड़ी बनने की इच्छा पैदा हुई। पढ़ाई के समय ही मेरी शादी हो गई। मैं खुशकिस्मत हूं कि मुझे वीरेन्दर पूनिया जैसा पति मिला। सच कहूं तो मेरी सारी कामयाबी और शोहरत में मेरे पति वीरेन्दर पूनिया का सबसे बड़ा योगदान है। मैं आज जो भी हूं उसमें उनकी ही अथक मेहनत और प्रोत्साहन समाहित है लिहाजा उनकी इच्छा के बिना मैं कोई फैसला नहीं लेती। मेरे पति वीरेन्दर पूनिया ने जिस तरह दुनिया के विभिन्न खेल मैदानों में मेरा हौसला बढ़ाया, आज राजनीति के कंटीले मैदानों में भी वह मेरे साथ हैं। 
कृष्णा पूनिया का कहना है कि उन्होंने राजनीति में आने का फैसला एकदम नहीं लिया। मैं अपने परिवार से काफी मंत्रणा के बाद इस नतीजे पर पहुंची। वैसे तो मुझे भारतीय जनता पार्टी से भी आफर मिला था कि मैं जहां से चाहूं चुनाव लड़ सकती हूं लेकिन मुझे भाजपा की रीति-नीति पसंद नहीं थी और मैंने कांग्रेस में शामिल होकर राजनीति में आने का मन बना लिया। कृष्णा पूनिया ने बताया कि जब राजस्थान में कांग्रेस की सरकार थी तब उन्हें स्वास्थ्य महकमे का ब्रांड एम्बेसडर बनाया गया था। 
पद्मश्री कृष्णा पूनिया खेल और सियासत दोनों ही क्षेत्रों में समानांतर भागीदारी की हिमायती हैं। वह कहती हैं कि राजनीति में आने का उनका एकमात्र मकसद समाजसेवा करना है। इस क्षेत्र में भी वह युवाओं और महिलाओं के हितों को साथ लेकर चलना चाहती हैं। विधायक कृष्णा पूनिया कोई बात कहने की बजाय करने में विश्वास रखती हैं। वह लगातार बच्चों व महिलाओं के लिए काम कर रही हैं। गैर सरकारी संगठनों से जुड़कर वह कन्या भ्रूणहत्या व दहेज जैसी सामाजिक बुराइयों के खिलाफ लगातार आवाज उठा रही हैं।

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