कोरोना के खिलाफ जापान ने चलाया बड़ा अभियान
ओलम्पिक से दो महीने पहले टीकाकरण में आई तेजी
टोक्यो में एक सूमो स्टेडियम को भी टीकाकरण केंद्र बनाया
टोक्यो। ओलम्पिक के आयोजन में दो महीने बचे हैं और जापान ने कोरोना के खिलाफ अपने टीकाकरण अभियान को और तेज कर दिया है। सेना के डॉक्टरों और नर्सों को भी इस मुहिम में लगा दिया गया है। टोक्यो में तो एक सूमो स्टेडियम को भी टीकाकरण केंद्र बना दिया गया है। इस स्टेडियम का इस्तेमाल ओलम्पिक में मुक्केबाजी केंद्र के रूप में होना है। सुमिदा वार्ड में स्थित इस क्षेत्र में 25 प्रतिशत लोग 65 की उम्र से ज्यादा हैं। सोमवार को 759 आवेदनों में से 230 का चयन किया गया।
टीके के साथ चाकलेट : टीका लगाने के बाद लोगों को दर्शक दीर्घा में बिठाया गया और उन्हें बिग स्क्रीन पर सूमो कुश्ती के वीडियो दिखाए गए। जिन लोगों ने टीका लगवाया, उनके प्रोत्साहन के लिए लाटरी प्रणाली भी रखी गई जिसमें जीतने वालों को सूमो पहलवानों के पोस्टर, चाकलेट और अन्य तोहफे दिए जा रहे हैं। एक साल देरी से हो रहे ओलम्पिक के आयोजन को लेकर प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा दृढ़ संकल्पित नजर आ रहे हैं। योजना साढ़े तीन करोड़ से ज्यादा 65 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को जल्द से जल्द टीका लगाने का लक्ष्य बनाया गया है। हालांकि अभी बहुत कम लोगों को टीका लगा है और ऐसे में ओलम्पिक को रद्द करने की मांग उठ रही है।
दस हजार लोगों को रोजाना टीका: दो केंद्रों पर 280 मिलिट्री स्टाफ और 200 नर्सें तैनात हैं। लक्ष्य अगले तीन महीने में टोक्यो में प्रतिदिन दस हजार लोगों को और ओसाका में पांच हजार लोगों को टीका लगाने का है। अभी जापान में टोक्यो सहित नौ क्षेत्रों में आपात स्थिति है जहां जापान की 40 प्रतिशत जनसंख्या बसती है। जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा ने कहा कि टीकाकरण एक चुनौती बना है। हम जो कर सकते हैं, अवश्य करेंगे ताकि लोग टीका लगवाने के बाद जल्द से जल्द अपने रोजमर्रा जिंदगी के कार्यों से जुड़ सकें।
23 जुलाई से टोक्यो में होना है ओलम्पिक का आयोजन
जापान इस समय कोविड-19 की चौथी लहर से जूझ रहा है। इस साल होने वाले ओलंपिक और पैरालंपिक के आयोजन को लेकर घरेलू स्तर पर विरोध भी हो रहा है। दो नए ओपिनियन में दर्शाया गया है कि 60 प्रतिशत और 80 प्रतिशत जनता इस मत में है कि या तो ओलंपिक को टाल दिया जाए या फिर इन्हें रद्द कर दिया जाए। पिछले साल कोरोना के कारण ही ओलंपिक खेलों को इस साल के लिए स्थगित किया गया था। बार-बार यह सवाल उठाए जा रहे हैं कि क्या ओलंपिक का आयोजन संभव हो पाएगा और हर बार जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा और अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) इस बात पर जोर देती आई है कि ओलंपिक का कार्यक्रम पूर्ववत रहेगा।
शिंजो के लिए कुर्सी का भी सवाल
जनता के ताजा सर्वेक्षण में इस बात के स्पष्ट संकेत हैं कि ओलम्पिक कराने को लेकर जनता का बहुमत सरकार के साथ नहीं है। इस साल जापान में चुनाव भी होने हैं। शिंजो अबे से सत्ता संभालने के बाद यह सुगा का पहला चुनाव होगा। यह ओपिनियन यह भी बता रहे हैं कि प्रधानमंत्री और सत्ताधारी दल लिबरेल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) के लिए यह संकेत अच्छे नहीं है। एक खिलाड़ी के तौर पर किसी ने अपनी ओलंपिक तैयारियां नहीं रोकी हैं। ऐसा इसलिए कि यह सवाल साधारण नहीं है। यह राजनीति और ओलंपिक मद पर खर्च हुए पैसे से भी जुड़ा है।