मौत से जंग जीतकर लौटी 20 वर्षीय रिकाको ने किया ओलम्पिक क्वालीफाई

रक्त कैंसर के चलते दस महीने गुजारे थे अस्पताल में 
टोक्यो।
टोक्यो ओलम्पिक खेल शुरू होने में अब कुछ ही महीनों का समय बाकी है। सभी खिलाड़ी खेलों के इस महाकुंभ में हिस्सा लेने के लिए पूरी ताकत लगा रहे हैं और अपना श्रेष्ठ प्रदर्शन करने की कोशिश में हैं। इसके लिए फिलहाल खिलाड़ियों के लिए सबसे बड़ी चुनौती है ओलम्पिक में क्वालीफाई करने के लिए तय मानक को हासिल करना।
उधर जापान की एक युवा तैराक जो दो साल पहले जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही थी। उसने अपने बुलंद इरादे और जुझारूपन के दम पर अब टोक्यो ओलम्पिक के लिए क्वालीफाई कर लिया है। जापानी तैराक रिकाको इकी ने जापान की राष्ट्रीय चैम्पियनशिप के जरिए रविवार को टोक्यो ओलम्पिक के लिए क्वालीफाई किया। इकी को दो साल पहले ल्यूकेमिया (रक्त का कैंसर) होने का पता चला था।
रिकाको ने टोक्यो ओलम्पिक के लिए बने नए तैराकी स्थल में आयोजित हुई राष्ट्रीय चैम्पियनशिप की 100 मीटर बटरफ्लाई स्पर्धा में 57.77 सेकेंड का समय लिया। इससे वह मेडले रिले में क्वालीफाई करने में सफल रही। रेस के बाद उनकी आंखों में आंसू थे। वह पानी से निकलने के बाद भी बोल नहीं पा रही थी और लगातार रोये जा रही थी। उन्होंने बाद में कहा, ‘मैं 100 मीटर स्पर्धा में जीत की उम्मीद नहीं कर रही थी, मैं पांच साल पहले ओलंपिक क्वालीफायर के दौरान जितनी आत्मविश्वास से भरी थी, उतना इस बार नहीं था। मुझे लगता है कि अगर आप दर्द से भी गुजर रहे हो तो आपकी कड़ी मेहनत का हमेशा आपको फल मिलता है।’
रक्त कैंसर से पीड़ित होने के बाद उन्होंने दस महीने अस्पताल में गुजारे थे। उन्होंने पिछले साल मार्च में ही अभ्यास शुरू किया था। उन्होंने कहा, ‘मैं 100 मीटर स्पर्धा में जीत की उम्मीद नहीं कर रही थी, मैं पांच साल पहले ओलंपिक क्वालीफायर के दौरान जितनी आत्मविश्वास से भरी थी, उतना इस बार नहीं था।’ वह तो टोक्यो की जगह पेरिस में 2024 ओलम्पिक की तैयारियों पर फोकस कर रही थी। वापसी के बाद उन्होंने फरवरी में टोक्यो ओपन में 50 मीटर बटरफ्लाई रेस जीती थी।

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