टोक्यो में गोल्ड जीतेगी मेरी सहेली
खेलपथ प्रतिनिधि
चरखी दादरी (हरियाणा)।
जुनून हो तो विनेश फोगाट जैसा। रियो ओलम्पिक में चोट लगने के बाद करीब डेढ़ साल बिस्तर पर रहीं, फिर शानदार वापसी करते हुए विश्व चैंपियनशिप में ऐसा दांव लगाया कि गोल्ड जीतकर सीधे टोक्यो ओलम्पिक का टिकट झटक लिया। पहले पिता की मौत का गम फिर रियो ओलम्पिक में लगी चोट से विनेश की जिंदगी ठहर-सी गई। फिर भी चरखी दादरी की बहादुर बेटी का जज्बा कम नहीं हुआ और एशियन खेलों में महिला कुश्ती में पहला गोल्ड जीतकर इतिहास रच दिया।
शादी के बाद विश्व चैंपियन बनने के साथ अब विनेश टोक्यो ओलम्पिक में गोल्ड जीतने को अखाड़े में उतरी हैं। विनेश इस समय यूक्रेन की राजधानी कीव में ओलम्पिक की तैयारी कर रही हैं। विनेश की सहेलियां कहती हैं कि विनेश टोक्यो में गोल्ड जीतेगी तथा बलाली का नाम दुनिया में गूंजेगा। बता दें कि चरखी दादरी के गांव बलाली निवासी विनेश फोगाट के पिता का वर्ष 2003 में देहांत हो गया था। पिता की मौत के बाद ताऊ द्रोणाचार्य अवार्डी महाबीर फोगाट ने विनेश व उसकी छोटी बहन को अपनाया और अपनी बेटियों के साथ अखाड़े में उतारा। ताऊ के विश्वास व गीता-बबिता बहनों से प्रेरणा लेते हुए विनेश फोगाट ने एशियन खेलों के साथ-साथ विश्व चैंपियनशिप में गोल्ड जीतकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा दिया। विनेश ने टोक्यो ओलम्पिक का टिकट कटाया। वर्ष 2018 में पहलवान सोमबीर राठी के साथ शादी करने के बाद भी विनेश लगातार अखाड़ेे में उतरकर ओलम्पिक में गोल्ड जीतकर रिकार्ड बनाना चाहती हैं। इसी मकसद से अर्जुन अवार्डी विनेश यूक्रेन की राजधानी कीव में प्रेक्टिस कर रही हैं।
सहेलियां बोलीं, विनेश की मेहनत को सलाम
विनेश की बचपन की सहेलियां कविता व सुनीता ने बताया कि वे पहली से 8वीं कक्षा तक साथ पढ़ी हैं। बचपन से ही विनेश का ध्यान खेलों पर रहा है। बड़ी बहन गीता व बबिता के अखाड़े में उतरी तो पहलवानी शुरू कर दी थी। विनेश ने गीता व बबिता से भी बढ़कर अनेक मेडल जीते हैं और अब ओलम्पिक में देश के लिए गोल्ड जीतकर लाएंगी। विनेश की मेहनत को सलाम करते हुए सहेलियों ने कहा कि विनेश विश्व की नंबर वन खिलाड़ी बनकर उनके गांव व देश का नाम रोशन करेंगी।