खिलाड़ियों को दिलाएंगे बुनियादी सुविधाएं- प्रदीप वत्स
दिल्ली ओलम्पिक एसोसिएशन के उपाध्यक्ष का कहना
श्रीप्रकाश शुक्ला
नई दिल्ली। हमारे देश में एकलव्य भी हैं और अर्जुन भी लेकिन उन्हें मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल पाने से भारत दुनिया में आजादी के सात दशक बाद भी खेलों की ताकत नहीं बन पाया है। दिल्ली ओलम्पिक एसोसिएशन से जुड़ने का मेरा एकमात्र मकसद खिलाड़ियों को बुनियादी सुविधाएं मयस्सर कराना है। मैं इसके लिए हर तरह के प्रयास करने को संकल्पित हूं। यह कहना है दिल्ली ओलम्पिक एसोसिएशन के उपाध्यक्ष प्रदीप वत्स का।
प्रदीप वत्स ने खेलपथ से बातचीत में कहा कि हमारे देश में प्रतिभाएं तो हैं लेकिन उन्हें मूलभूत सुविधाएं और अच्छे प्रशिक्षक नहीं मिल पाते। जब तक खिलाड़ियों को सुविधाएं और अच्छे प्रशिक्षक नहीं मिलेंगे भारत खेलों में अंतरराष्ट्रीय महाशक्ति नहीं बन सकता। श्री वत्स ने कहा कि दिल्ली देश की राजधानी है यहां सब कुछ है लेकिन खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने वाले बहुत ही कम लोग हैं। दिल्ली सरकार भी खेलों की बेहतरी के लिए कुछ भी नहीं कर रही।
श्री वत्स ने हाल ही खेल मंत्रालय द्वारा दिल्ली के चार स्टेडियमों के द्वार खिलाड़ियों के लिए खोले जाने के निर्णय की मुक्तकंठ से प्रशंसा करते हुए कहा कि इसका खिलाड़ियों और खेल संगठनों को लाभ मिलेगा। अंतरराष्ट्रीय क्रीड़ांगनों में खिलाड़ियों को अभ्यास के मौके मिलने से उन्हें अपनी क्षमता का सही अंदाजा होता है। गौरतलब है कि केन्द्रीय खेल मंत्रालय ने हाल ही जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम और कर्णी सिंह निशानेबाजी रेंज समेत दिल्ली के चार स्टेडियम बिना किसी शुल्क के सभी महासंघों और खिलाड़ियों के लिये एक नवम्बर से खोलने का फैसला किया है। यह फैसला खिलाड़ियों को बुनियादी ढांचा मुहैया कराने की कवायद में लिया गया है। पहले चरण में जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम, इंदिरा गांधी स्टेडियम, मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम और कर्णी सिंह रेंज राज्य और खेल महासंघों के लिये प्रतिस्पर्धायें आयोजित कराने को दिये जाएंगे।
श्री वत्स ने कहा कि हमारे देश के ग्रामीण क्षेत्रों में एक से बढ़कर एक प्रतिभाएं हैं लेकिन सुविधा और प्रशिक्षकों की कमी के चलते सभी प्रयास व्यर्थ सिद्ध हो रहे हैं। श्री वत्स का कहना है कि दिल्ली की प्रतिभाएं स्कूल स्तर से आगे नहीं बढ़ पा रहीं इसकी मुख्य वजह दिल्ली सरकार की उदासीनता है। श्री वत्स का कहना है कि दिल्ली को खेलों का हब बनाने के लिए जरूरी है कि यहां खेलों का अलग निदेशालय बनाया जाए। दिल्ली में खेल निदेशालय नहीं होने पर श्री वत्स ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि मुख्यमंत्री की खेलों में कोई दिलचस्पी नहीं होने से ही खिलाड़ियों का नुकसान हो रहा है।
श्री वत्स ने कहा कि सरकार अपने साढ़े चार साल के कार्यकाल में खेलों के लिए प्रभावकारी नीति बनाने में विफल रही है। दिल्ली में खेलों के लिए अलग से कोई भी विभाग नहीं है। खेल और खिलाड़ियों को प्रोत्साहन देने के लिए निदेशालय की आवश्यकता है। वर्तमान व्यवस्था में राज्य स्तर पर खेलों के लिए किसी अधिकारी के पास न तो समय है न रुचि। यही वजह है कि खिलाड़ियों को आवश्यक धनराशि, प्रोत्साहन और आधारभूत ढांचा उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। श्री वत्स ने कहा कि वह अपनी तरफ से खिलाड़ियों को सुविधाएं मयस्सर कराने के हरमुमकिन प्रयास करेंगे।