भारतीय युवा मेहनत, अनुशासन और आत्मविश्वास से आगे बढ़ें

प्रधानमंत्री मोदी बॉक्सर से बोले- “तेरे जैसा ही हूं, राम-राम”

सांसद खेल महोत्सव में पीएम  का युवाओं से विनोदपूर्ण संवाद

खेलपथ संवाद

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सांसद खेल महोत्सव को वर्चुअली सम्बोधित करते हुए देश के खिलाड़ियों और युवाओं का उत्साह बढ़ाया। अपने सम्बोधन में उन्होंने खेलों में बढ़ते अवसरों, खिलाड़ियों के उज्ज्वल भविष्य और खेलों के माध्यम से राष्ट्र निर्माण की भूमिका पर जोर दिया। साथ ही उन्होंने खिलाड़ियों से सीधे संवाद कर उनका हौसला भी बढ़ाया।

कार्यक्रम के दौरान सिरसा के बॉक्सर नीरज सिंह और प्रधानमंत्री मोदी के बीच हुआ हल्का-फुल्का संवाद खासा चर्चा का विषय बन गया। नीरज सिंह ने प्रधानमंत्री से हरियाणवी अंदाज में पूछा, “सर जी राम-राम सभी की तरफ से, और कैसे हो जी?” इस पर प्रधानमंत्री मोदी ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, “तेरे जैसा ही हूं, राम-राम।” प्रधानमंत्री के इस सहज और आत्मीय जवाब पर कार्यक्रम स्थल पर मौजूद लोग हंस पड़े और माहौल और भी उत्साहपूर्ण हो गया।

प्रधानमंत्री ने खिलाड़ियों से मेहनत, अनुशासन और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि सरकार खेलों को बढ़ावा देने और प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को हर स्तर पर अवसर उपलब्ध कराने के लिए लगातार काम कर रही है। इस संवाद ने कार्यक्रम में सकारात्मक ऊर्जा भर दी और खिलाड़ियों को नई प्रेरणा मिली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 2014 से पहले खेल विभाग में और टीम चयन में होने वाली अनियमिततायें अब खत्म हो गई हैं और गरीब परिवारों के बच्चे भी कड़ी मेहनत और प्रतिभा के दम पर शीर्ष स्तर पर पहुंच रहे हैं।

युवाओं में खेल संस्कृति और नेतृत्व क्षमता को बढ़ावा देने के लिये आयोजित ‘सांसद खेल महोत्सव' के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि महोत्सव में शहरों से लेकर गांवों तक हर पृष्ठभूमि के लोगों की सहभागिता दिखाती है कि इसका दायरा और प्रभाव कितना बड़ा है। उन्होंने कहा,‘‘ यह महोत्सव युवा निर्माण से राष्ट्र निर्माण के मंत्र का मजबूत स्तम्भ बना रहा है। सांसद खेल महोत्सव से देश को हजारों की संख्या में प्रतिभाशाली खिलाड़ी मिल रहे हैं। जीत और हार से इतर खेलों से जो खेलभावना सीखने को मिलती है, उसी से सक्षम और अनुशासित युवाओं का निर्माण होता है और ऐसे युवा ही राष्ट्र के भविष्य का निर्माण करते हैं। यह महोत्सव समाज की सोच बदलने में भी अहम भूमिका निभा रहा है।''

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘ देश के दूर दराज इलाकों से कितने ही उदाहरण आ रहे हैं जो पूरे देश को प्रेरित करते हैं। कहीं कोई दिव्यांग खिलाड़ी चुनौतियों को छोटा बनाकर बुलंदियों को छू रहा है, कहीं किसी मैदान पर कोई बेटी अपने सपनों को पूरा करने में लगी है और सांसद खेल महोत्सव ऐसे खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका दे रहा है।''

उन्होंने कहा कि पहले खेलने पर बच्चों को डांटने वाले समाज में एक दशक के भीतर बदलाव इसलिये सम्भव हुआ क्योंकि अब माता-पिता को अहसास हो गया है कि खेलने से जीवन बर्बाद नहीं होता बल्कि बच्चे खेलों में आगे बढ़कर अपने परिवार की ही नहीं बल्कि पूरे गांव और समाज की किस्मत बदल सकते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश में अब ऐसा इकोसिस्टम बन गया है जहां खिलाड़ियों का चयन पहुंच या परिचय के आधार पर नहीं बल्कि प्रतिभा के आधार पर हो रहा है।

उन्होंने कहा कि 2014 से पहले खेल विभाग में  टीम चयन में और बुनियादी ढांचे में खेलों के नाम पर होने वाली गड़बड़ी बंद हो चुकी है। गरीब परिवारों के बच्चे भी कम उम्र में शिखर तक पहुंच सकते हैं। कल पंद्रह बीस साल के नौजवानों ने खेल के मैदान पर किसी ने 32 गेंद में शतक जमा दिया, किसी ने 40 गेंद में। यह है इनकी ताकत।''

उन्होंने कहा कि हम अपने युवाओं को खेलने के लिये ज्यादा से ज्यादा मंच दे रहे हैं। खेलो इंडिया के विविध खेलों और सांसद खेल महोत्सव से प्रतिभाओं की पहचान हो रही है। हमारे देश के टियर दो और तीन शहरों में भी विश्व स्तरीय खेल सुविधायें बन रही हैं।'' उन्होंने कहा कि 2014 से पहले देश का खेल बजट 1200 करोड़ रूपये से भी कम था जो अब 3000 करोड़ रूपये से अधिक है। उन्होंने कहा कि टॉप्स (टारगेट ओलम्पिक पोडियम) योजना के जरिये खिलाड़ियों को हर महीने 25 से 50 हजार रूपये तक मदद मिल रही है।

मोदी ने कहा कि इन सभी प्रयासों का लाभ भी हो रहा है। पिछले कुछ साल में हमारे खिलाड़ियों ने असाधारण प्रदर्शन किया है। टोक्यो ओलम्पिक में सात पदक और पेरिस पैरालम्पिक में 29 पदक जीतकर पूरी दुनिया का ध्यान खींचा। एशियाई खेलों में सौ से अधिक पदक जीतकर अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है। भारत के खिलाड़ी वैश्विक खेल मानचित्र पर देश को नयी पहचान दे रहे हैं।

उन्होंने कहा कि भारत 2030 में अहमदाबाद में राष्ट्रमंडल खेलों का आयोजन करेगा और पूरी दुनिया की नजरें भारत पर होंगी और युवाओं के लिये यह अच्छा मंच होगा। उन्होंने कहा,‘‘ इसके अलावा 2036 में खेलों के सबसे बड़े आयोजन ओलम्पिक की मेजबानी के लिये भी भारत प्रयासरत है और इसमें भारत का प्रतिनिधित्व वे युवा करेंगे जो आज 10 या 12 साल के हैं। हमें अभी से उन्हें तलाशना, तराशना और राष्ट्रीय पटल पर लेकर आना है और इसमें सांसद खेल महोत्सव अहम भूमिका निभा सकता है।''

उन्होंने कहा कि आज मैं देश के हर खिलाड़ी से कहना चाहता हूं कि आप सिर्फ अपनी जीत के लिये नहीं खेल रहे, आप अपने देश के लिये और तिरंगे के सम्मान और गरिमा के लिये खेल रहे हैं। सांसद खेल महोत्सव के तहत तीन स्तर की प्रतिस्पर्धा में गांव, ब्लॉक और संसदीय क्षेत्र के स्तर पर खेल होंगे। इसमें पारम्परिक खेलों के अलावा फुटबॉल, वॉलीबॉल और क्रिकेट भी खेला जायेगा। इसके अलावा रस्साकशी, नींबू चम्मच दौड़ और बोरी दौड़ जैसे आयोजन भी होंगे ताकि अधिक से अधिक युवा भाग ले सकें।

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