अंकित पाल एकादश ने जीता हॉकी टेस्ट सीरीज का फाइनल
होनहार दर्पण हॉकी फीडर सेण्टर की गौरवशाली परम्परा को आगे बढ़ाएं
खेलपथ संवाद
ग्वालियर। पहला खेल गुरु और पहला क्रीड़ांगन किसी खिलाड़ी के जीवन का न बिसरने वाला लम्हा होते हैं। हर कोच पहले दिन से ही अपने शिष्य को सफलता के शिखर पर पहुंचाने प्राणपण से जुट जाता है। जब उसका शिष्य सफलता की सीढ़ियां चढ़ता है तो सबसे अधिक खुशी उसे ही होती है। समय बदल चुका है, अब सफल शिष्य को पहला गुरु याद नहीं रहता। यह खुशी की बात है कि ग्वालियर के हॉकी सितारे को वह माटी और गुरु याद है, जिसने उसमें जीत का जोश, जुनून और जज्बा भरा।
गुरुवार को दर्पण मिनी हॉकी स्टेडियम में खेल एवं युवा कल्याण विभाग तथा महादजी सिंधिया हॉकी अकादमी ग्वालियर के संयुक्त प्रयासों से जूनियर हॉकी विश्व कप कांस्य पदक विजेता भारतीय टीम के सितारे अंकित पाल का सम्मान किया गया। इस अवसर पर दर्पण हॉकी फीडर सेंटर के अंकित पाल एकादश और अर्जुन शर्मा एकादश के बीच हॉकी टेस्ट सीरीज का फाइनल खेला गया। रोमांचक मुकाबले में अंकित पाल एकादश ने अर्जुन शर्मा एकादश को 2-1 से पराजित किया।
मैच के 11 मिनट में अहान शर्मा ने मैदानी गोल कर अंकित पाल एकादश को बढ़त दिलाई, यह बढ़त ज्यादा देर कायम नहीं रह सकी अर्जुन शर्मा एकादश के कप्तान ध्रुव शर्मा ने पेनल्टी कार्नर को गोल में बदलकर स्कोर बराबर कर दिया। मैच के अंतिम चरण में अंकित पाल एकादश के कप्तान वंश श्रीवास्तव ने खूबसूरत मैदानी गोलकर अपनी टीम को 2-1 की बढ़त दिला दी जोकि अंत तक कायम रही। मुकाबले के बाद मुख्य अतिथि आशीष प्रताप सिंह राठौड़ (वरिष्ठ भाजपा नेता) और वरिष्ठ समाजसेवी श्याम श्रीवास्तव ने विजेता तथा उप विजेता टीमों को ट्रॉफी एवं सभी खिलाड़ियों को मेडल पहनकर सम्मानित किया।
मुख्य अतिथि की आसंदी से आशीष प्रताप सिंह राठौड़ ने खिलाड़ियों से दर्पण फीडर सेण्टर की गौरवशाली परम्परा को आगे बढ़ाने का आह्वान किया एवं अपनी ओर से हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया। कार्यक्रम का संचालन हॉकी प्रशिक्षक अविनाश भटनागर ने किया। आभार हॉकी प्रशिक्षक संगीता दीक्षित ने माना। कार्यक्रम में सत्येंद्र यादव, विवेक पिशाल, नरेश डगरोलिया, विक्रम सिंह, नीरज शर्मा आदि मौजूद रहे।
