फर्जी समाचार पत्र-पत्रिकाओं का बढ़ा चलन

चिंतनीय दौर में पहुंच रही पत्रकारिता
खेलपथ संवाद
लखनऊ। कहते हैं पत्रकार एक मशीन है जो कॉफ़ी को कॉपी में बदल देती है। घण्टे लम्बे होते हैं, तनख्वाह कम होती है, लेकिन संतुष्टि हमेशा के लिए मिलती है। समय के साथ पत्रकारिता के मायने और पत्रकार दोनों बदल रहे हैं। पत्रकारिता के क्षेत्र में कुछ ‘भेड़ की खाल में छुपे भेड़ियों’ ने फर्जी समाचार पत्र-पत्रिकाओं के नाम पर सरकारी और प्राइवेट विज्ञापन लेने जैसे अनेकों गैरकानूनी काम फैला दिए हैं। इससे पत्रकारिता क्षेत्र की बदनामी हो रही है।
लखनऊ की समाजसेविका और आरटीआई कार्यकत्री उर्वशी शर्मा ने तथाकथित पत्रकारों द्वारा फर्जी अखबारों को खड़ा करके इन अखबारों के माध्यम से अपराध किये जाने का खुलासा किया है। साथ ही भारत के समाचार-पत्रों के पंजीयक द्वारा समाचार पत्र-पत्रिकाओं का पंजीकरण करने और भारत सरकार के विज्ञापन और दृश्य प्रचार निदेशालय द्वारा समाचार पत्र-पत्रिकाओं को विज्ञापन आवंटित करने की प्रणाली की ईमानदारी पर प्रश्नचिह्न लगाकर इन संस्थाओं को भी कठघरे में खड़ा कर दिया है।
मामला सोनभद्र का है जहाँ से प्रकाशित होने वाले हिन्दी साप्ताहिक अखबार ‘कूटचक्र’ के फर्जी होने की बात एक पुलिस जांच से सामने आई है l बताते चलें कि सोनभद्र के रहने वाले महेंद्र अग्रवाल का यह हिन्दी साप्ताहिक समाचार पत्र बाकायदा भारत के समाचार पत्रों के पंजीयक के कार्यालय से पंजीकृत हैl समाचार पत्रों के पंजीयक की वेबसाइट के अनुसार इस अखबार के पब्लिशर, प्रिंटर, एडिटर और ओनर महेंद्र अग्रवाल हैं जिसका पता अनपरा, सोनभद्र, उत्तर प्रदेश हैl यह वेबसाइट सोनभद्र, उत्तर प्रदेश में ‘कूटचक्र’ के नाम से एक प्रिंटिंग प्रेस का होना भी बताती है जहाँ इस अखबार की छपाई की जाती हैl
उर्वशी को पता चला कि यह समाचार पत्र फर्जी और जेबी है जिसकी मात्र फाइल कॉपी लखनऊ के रहने वाले महेंद्र अग्रवाल द्वारा लखनऊ में ही छाप ली जाती है। कूटरचित प्रपत्र बनाकर सोनभद्र के फर्जी पते पर इस अखबार का पंजीकरण कराया गया है। फर्जी प्रिंटिंग प्रेस से इसका बड़ी संख्या में छपना दिखाकर सरकारी विज्ञापन लेकर सरकार के साथ धोखाधड़ी की जा रही है। लोगों को ब्लैकमेल करने का अपराध भी किया जा रहा है।
उर्वशी की शिकायत पर सोनभद्र के पुलिस अधीक्षक ने अनपरा थाने द्वारा जो स्थलीय जांच कराई है उसमें यह चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है कि सोनभद्र जिले में न तो ‘कूटचक्र’ नाम के किसी अखबार का कोई कार्यालय है, न प्रिंटिंग प्रेस है, न इस अखबार की कोई छपाई होती है। स्थानीय मीडिया को भी ऐसे किसी भी समाचार पत्र की कोई जानकारी नहीं हैl यह जांच आख्या थाना अनपरा जिला सोनभद्र के उपनिरीक्षक विनोद कुमार यादव ने तैयार की है जिसके आधार पर अब उर्वशी ने महेंद्र अग्रवाल को फ्रॉड बताते हुए सोनभद्र के हिन्दी साप्ताहिक समाचार पत्र ‘कूटचक्र’ को पूरी तरह से फर्जी अखबार बताया हैl
बकौल उर्वशी पुलिस जांच से यह प्रमाणित हो गया है कि महेंद्र अग्रवाल ने फर्जीवाड़े से कूटरचित अभिलेखों के आधार पर इस जेबी अखबार का सर्कुलेशन 25500 दिखाकर इस फर्जी अखबार के लिए भारत सरकार के विज्ञापन और दृश्य प्रचार निदेशालय से वित्तीय वर्ष 2015-16 में 3708 Rs. के और वित्तीय वर्ष 2016-17 में अब तक 7270Rs. के विज्ञापन हासिल करके सरकार के साथ वित्तीय धोखाधड़ी भी की हैl
उर्वशी के मुताबिक महेंद्र द्वारा फर्जी अखबार कूटचक्र के नाम पर सरकारी और निजी क्षेत्र की कंपनियों, प्रतिष्ठानों आदि को ब्लैकमेल कर धनउगाही की जाती है। ब्लैकमेलिंग के पैसों से इस शातिर कथित पत्रकार ने न केवल लखनऊ के हजरतगंज जैसे पॉश इलाके में आवास बना रखा है अपितु गोमती पार नए लखनऊ की कई कॉलोनियों में फ्लैट भी ले रखे हैं जिनकी जांच आवश्यक है। उन्होंने 326-A, प्रिंस काम्प्लेक्स, हजरतगंज, लखनऊ निवासी महेंद्र अग्रवाल के खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराकर कठोर विधिक कार्यवाही कराने और अखबार का पंजीकरण तत्काल समाप्त कर विज्ञापन की धनराशि की वसूली कराने की कार्यवाही कराने के लिए प्रार्थना पत्र पुलिस विभाग और सूचना विभाग के अधिकारियों को प्रेषित कर दिए हैंl
Urvashi Sharma
Social Activist
102, Narayan Tower, Opposite F block Idgah
Rajajipuram, Lucknow-226017, Uttar Pradesh,India
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