आरआईएस के छात्र-छात्राओं को बताए डिजिटल खतरों से बचने के उपाय

भावी पीढ़ी को साइबर सुरक्षा की जानकारी होना बहुत जरूरी

मथुरा। के.डी. डेंटल कॉलेज के आडिटोरियम में गुरुवार को राजीव इंटरनेशनल स्कूल के छात्र-छात्राओं को साइबर सुरक्षा के उपाय बताए गए। मुख्य अतिथि डॉ. बबीता सिंह चौहान प्रेसीडेंट स्टेट वूमेन्स कम्युनिकेशन (उत्तर प्रदेश) ने कहा कि आज के समय में इंटरनेट किशोरों के जीवन का अभिन्न अंग बन गया है, इससे उनके सामने डिजिटल खतरों की सम्भावना बढ़ गई है। हम भावी पीढ़ी को साइबर सुरक्षा की जानकारी देकर ही इस वैश्विक समस्या से निजात पा सकते हैं।

गुरुवार को सिंधी वेलफेयर फाउंडेशन द्वारा रजिस्टर्ड मिशन स्माइल ट्रस्ट के साथ मिलकर राजीव इंटरनेशनल स्कूल द्वारा स्टूडेंट्स सेफ्टी अवेयरनेस प्रोग्राम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि डॉ. बबीता सिंह चौहान ने छात्र-छात्राओं को सुरक्षित इंटरनेट प्रथाओं, जिम्मेदार डिजिटल व्यवहार, फिशिंग, साइबरबुलिंग तथा डेटा उल्लंघनों जैसे साइबर खतरों की जानकारी दी। उन्होंने छात्र-छात्राओं से ऑनलाइन सामग्री, गोपनीयता सेटिंग्स, व्यक्तिगत जानकारी साझा न करने की सलाह दी। मुख्य अतिथि ने विद्यार्थियों के साइबर सुरक्षा से जुड़े प्रश्नों के उत्तर देकर उनकी जिज्ञासा को शांत किया।

आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि आजकल हमारी दिनचर्या का एक महत्वपूर्ण हिस्सा डिजिटल दुनिया से जुड़ा हुआ है। इंटरनेट बैंकिंग, ऑनलाइन शॉपिंग, सोशल मीडिया आदि सभी चीजें ऑनलाइन होती हैं। साइबर सुरक्षा की जानकारी के अभाव में लोग साइबर अपराधों के शिकार हो जाते हैं। ऐसे में यदि स्कूली स्तर से ही छात्र-छात्राओं को साइबर खतरों से आगाह किया जाए तो एक बड़ी समस्या से बचा जा सकता है।

राजीव इंटरनेशनल स्कूल के चेयरमैम मनोज अग्रवाल ने कहा कि ऐसे कार्यक्रमों से विद्यार्थियों में ऑनलाइन सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ती है। उन्होंने कहा कि साइबर सुरक्षा हमारे देश की अर्थव्यवस्था और सामाजिक विकास के लिए भी महत्वपूर्ण है। सुरक्षित साइबर स्पेस के बिना कोई भी व्यवसाय प्रभावी ढंग से संचालित नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि साइबर सुरक्षा एक साझा जिम्मेदारी है। परिवार ऑनलाइन सुरक्षा को हम बातचीत का नियमित विषय बनाकर एक बड़ी समस्या से बच सकते हैं। चेयरमैन श्री अग्रवाल ने कहा कि सतर्कता, जिज्ञासा और निरंतर सीखने की मानसिकता ही हमें साइबर खतरों से बचा सकती है।  

समापन अवसर पर स्कूल हेड प्रिया मदान ने कार्यक्रम में पधारे आगंतुकों को स्मृति चिह्न भेंटकर उनका आभार माना। उन्होंने छात्र-छात्राओं का आह्वान किया कि उन्होंने साइबर सुरक्षा को लेकर जो जानकारी हासिल की है, उसे अपने दैनिक जीवन में अमल में जरूर लाएं। अंत में सिंधी वेलफेयर सोसाइटी की प्रेसीडेंट गीता नथानी एवं जनरल सेक्रेटरी अनिता चावला एडवोकेट ने स्टूडेंट्स सेफ्टी अवेयरनेस प्रोग्राम की सफलता पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि एक-दूसरे से सीखकर, आधुनिक सुरक्षा उपकरणों का उपयोग करके ही एक सुरक्षित डिजिटल दुनिया बनाना सम्भव है। 

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