भगवान दास को के.डी. हॉस्पिटल में मिली किडनी कैंसर से निजात

कैंसर एण्ड ट्रांसप्लांट सर्जन डॉ. मयंक माथुर ने की सफल सर्जरी
मथुरा। के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर के विशेषज्ञ कैंसर एण्ड ट्रांसप्लांट सर्जन डॉ. मयंक माथुर ने एक ऐसे इंसान का जीवन बचाया है जिसकी सर्जरी करने से ही मथुरा के कुछ डॉक्टरों ने मना कर दिया था। डॉ. माथुर ने जन्मजात एक किडनी के साथ पैदा हुए जगनेर, आगरा निवासी भगवान दास (54) पुत्र रामनिवास की किडनी से कैंसरग्रसित गांठ निकाल कर उसे नई जिन्दगी दी है। भगवान दास की पेशाब न आने की समस्या पूरी तरह से सही हो गई है तथा स्वास्थ्य में निरंतर सुधार हो रहा है।
जानकारी के अनुसार भगवान दास कई दिनों से पेशाब न होने की समस्या से परेशान था। कुछ दिन पहले उसके पेशाब के रास्ते खून भी आया था। भगवान दास को मथुरा के कुछ चिकित्सालयों में दिखाया गया, वहां जांचें भी करवाई गईं लेकिन जांच रिपोर्ट देखने के बाद चिकित्सकों ने इलाज से मना कर दिया तथा दिल्ली ले जाने की सलाह दी। 24 घण्टे से पेशाब न होने तथा पेट के निचले हिस्से में असहनीय दर्द होने से भगवान दास को 24 अप्रैल को उनके बड़े भाई संतोष कुमार के.डी. हॉस्पिटल लाए। यहां के चिकित्सकों ने मरीज की जांच रिपोर्टें देखने के बाद विशेषज्ञ कैंसर एण्ड ट्रांसप्लांट सर्जन डॉ. मयंक माथुर से परामर्श लेने की सलाह दी।
डॉ. माथुर ने सबसे पहले मरीज की सीटी स्कैन कराई। सीटी स्कैन देखने से पता चला कि भगवान दास तो एक ही किडनी से जी रहा है। एकमात्र किडनी में भी बड़ी गांठ है। मरीज की नाजुक स्थिति को देखते हुए डॉ. माथुर ने परिजनों को ऑपरेशन की सलाह दी। परिजनों की स्वीकृति के बाद डॉ. मयंक माथुर और उनकी टीम द्वारा आंशिक नेफरेक्टोमी सर्जरी की गई। सर्जरी में गुर्दे का लगभग एक चौथाई कैंसर संक्रमित हिस्सा हटाकर बाकी गुर्दे को सुरक्षित रखा गया। इस सर्जरी में डॉ. मयंक माथुर का सहयोग डॉ. प्रवीण अग्रवाल, डॉ. प्रदीप सेठ, डॉ. दलवीर, डॉ. बाली, डॉ. विनायका, डॉ. कमल, निश्चेतना विशेषज्ञ डॉ. मंजू सक्सेना, डॉ. पुष्पेन्द्र, ओटी टेक्नीशियन रवि सैनी एवं शिवम सैनी ने किया।
डॉ. माथुर ने बताया कि चिकित्सा क्षेत्र में ऐसे कम मामले देखने को मिलते हैं। यह मामला पेशाब सम्बन्धी विकार के साथ ही कैंसर समस्या से गम्भीर हो गया था। डॉ. माथुर का कहना है कि अब भगवान दास सामान्य जीवन जिएंगे क्योंकि मरीज की सर्जरी के बाद रिकवरी बहुत जल्दी हो रही है। इस मामले में भगवान दास का कहना है कि जब मुझे अपनी बीमारी के बारे में पता चला तो मैं आशंकित था, लेकिन डॉ. मयंक माथुर ने मुझे उम्मीद दी कि सब ठीक होगा। अब मैं इस बात से हैरान हूं कि कितनी जल्दी ठीक हो रहा हूं। भगवान दास कहते हैं कि उन्हें जो नया जीवन मिला है, उसके लिए वह चिकित्सकों, नर्सेज तथा के.डी. हॉस्पिटल प्रबंधन के आभारी हैं।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल, के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर के चेयरमैन मनोज अग्रवाल, डीन और प्राचार्य डॉ. आर.के. अशोका, चिकित्सा निदेशक डॉ. राजेन्द्र कुमार ने सफल सर्जरी के लिए चिकित्सकों की टीम को बधाई दी तथा भगवान दास के स्वस्थ जीवन की कामना की है।