बच्चों को बचपन से ही वित्तीय शिक्षा की जानकारी देना जरूरी
राजीव एकेडमी में वित्तीय शिक्षा पर हुई दो दिवसीय कार्यशाला
मथुरा। हमारे देश में हर अभिभावक बच्चों के जन्म के साथ ही उसके लिए कई तरह के सपने बुनने लगता है। उनकी शिक्षा-दीक्षा को सुनिश्चित करने के लिए छोटी-छोटी बचत से लेकर बैंकों में सावधि जमा खाता या फिक्स्ड डिपॉजिट तक के बारे में सोचता है लेकिन कभी भी उसका ध्यान बच्चों की वित्तीय शिक्षा (फाइनेंशियल एज्यूकेशन) पर नहीं जाता। जबकि प्रत्येक बच्चे को यदि बचपन से ही वित्तीय शिक्षा मिले तो वे बड़े होकर स्वावलम्बी बन अपना करियर आसानी से संवार सकते हैं। यह बातें राजीव एकेडमी फॉर टेक्नोलॉजी एण्ड मैनेजमेंट के एमबीए विभाग द्वारा आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला में सेबी के मान्यता प्राप्त ट्रेनर नवाबुद्दीन ने प्रबंधन के छात्र-छात्राओं को बताईं।
राजीव एकेडमी के एमबीए फाइनेंशियल क्लब द्वारा आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला में फाइनेंशियल एज्यूकेशन पर अपने विचार साझा करते हुए रिसोर्स परसन नवाबुद्दीन ने कहा कि हमारे देश के विद्यार्थियों को वित्तीय शिक्षा पर साक्षर होना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि आज भी देश की बड़ी जनसंख्या को वित्तीय शिक्षा पर आधी अधूरी जानकारी है। हमारे यहां पढ़-लिखकर धन कमाने का उद्देश्य ही शिक्षित होना माना जाता है। यह आज के युग का कटु सत्य है। रिसोर्स परसन ने छात्र-छात्राओं को बताया कि जब आप एक ही कार्य को लम्बे समय तक करते हैं तो एक्सपर्ट कहलाते हैं। यह हमारे करियर के लिए बहुत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि करियर को देखते हुए हमें पहले फाइनेंशियल लिटरेट होना होगा बाद में एक्सपर्ट।
उन्होंने कहा कि आज की युवा पीढ़ी को वित्तीय कौशल जैसे बचत, निवेश और वित्तीय बाजार में करियर बनाने की शिक्षा बहुत आवश्यक है। छात्र-छात्राओं को वित्तीय साक्षरता में सशक्त बनने के लिए उन्हें सक्रिय रूप से अपनी पहुंच का विस्तार करना होगा। इसके अंतर्गत वित्तीय साक्षरता, वित्तीय बाजार में करियर बनाना, शेयर मार्केट में ट्रेडिंग और विनिवेश कैसे शुरू करें आदि पर फोकस करना होगा। ये स्नातक और स्नातकोत्तर दोनों ही कक्षा के विद्यार्थियों के लिए बहुत आवश्यक है।
रिसोर्स परसन ने विद्यार्थियों के प्रश्नों के उत्तर में कहा कि इंट्रा डे ट्रेडिंग के लिए तकनीकी विश्लेषण, शेयरों में निवेश के लिए मौलिक विश्लेषण या वित्तीय बाजार में करियर निर्माण जैसे विषयों पर शिक्षण संस्थाओं में और अधिक कार्यशालाओं का निरन्तर आयोजन होना चाहिए। उन्होंने अद्यतन निवेशक शिक्षा, निवेशक शिक्षा कार्यक्रम, एमडीपी कार्यक्रम, सेबी वित्तीय संसाधन व्यक्ति पुनश्चर्या, सेबी वित्तीय संसाधन, व्यक्तियों का पैनलीकरण, पॉकेट मनी, स्कूलों-कॉलेजों में वित्तीय शिक्षा तथा संकाय विकास पर भी सारगर्भित विचार साझा किए। उन्होंने निवेश की महत्ता एवं वित्तीय निवेश के अवसरों के विषय में भी छात्र-छात्राओं को विस्तार से जानकारी दी।
एमबीए द्वितीय वर्ष की छात्रा पूर्विका आर्य और गौरी खण्डेलवाल ने कार्यशाला के संचालन में सराहनीय योगदान दिया। कार्यक्रम के प्रारम्भ में एमबीए के विभाग प्रमुख डॉ. विकास जैन ने रिसोर्स परसन नवाबुद्दीन को पुष्पगुच्छ प्रदान कर सम्मानित किया तथा संस्थान के निदेशक डॉ. अभिषेक सिंह ने आभार माना।