नरसिंह यादव डब्ल्यूएफआई एथलीट पैनल के अध्यक्ष बने

खेलपथ संवाद
वाराणसी।
राष्ट्रमंडल खेलों के पूर्व स्वर्ण पदक विजेता नरसिंह पंचम यादव को बुधवार को भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के एथलीट आयोग का अध्यक्ष चुना गया। इस चयन से खेल की विश्व संचालन संस्था द्वारा अनिवार्य की गयी प्रक्रिया भी पूरी हो गयी। आयोग के सात स्थानों के लिए कुल आठ दावेदार दौड़ में थे और मतदान के बाद सात सदस्यों को चुना गया। इसके बाद उन्होंने आयोग के अध्यक्ष पद के लिए नरसिंह यादव की ताजपोशी की।
2016 ओलम्पिक से पहले टीम के सदस्य नरसिंह सुर्खियों में आ गये थे जब ओलम्पिक पदक विजेता सुशील कुमार ने उनके खिलाफ एक ट्रायल मुकाबले का अनुरोध किया था जबकि वह चोट के कारण क्वालीफिकेशन टूर्नामेंट में नहीं खेल पाये थे। सुशील ने दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और उनकी अपील खारिज होने के बाद पुष्टि हो गयी कि नरसिंह ही रियो ओलम्पिक जायेंगे। लेकिन हैरानी की बात रही कि नरसिंह ओलम्पिक से पहले करायी गयी दो डोप जांच में विफल हो गये थे जिससे खेल पंचाट ने उन्हें चार साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया था। हालांकि राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) ने उन्हें यह कहते हुए पाक साफ करार दिया था कि वह साजिश के कारण डोप जांच में पॉजिटिव आये थे।
खेल पंचाट का फैसला नरसिंह के शुरूआती मुकाबले से एक दिन पहले ही आया था जिससे वह रियो से बिना खेले ही वापस लौट आये थे। उनका प्रतिबंध जुलाई 2020 को खत्म हुआ और उन्होंने कहा था कि यह घटनाक्रम साजिश का हिस्सा था। एथलीट आयोग के लिए चुने गये अन्य सदस्य साहिल (दिल्ली), स्मिता ए एस (केरल), भारतीय भाघेई (उत्तर प्रदेश), खुशबू एस पवार (गुजरात), निक्की (हरियाणा) और श्वेता दुबे (बंगाल) हैं। खेल की अंतरराष्ट्रीय संस्था यूडब्ल्यूडब्ल्यू ने डब्ल्यूएआई का निलम्बन हटाते हुए कहा था कि संजय सिंह की अगुआई वाले राष्ट्रीय महासंघ के लिए पहलवानों की शिकायतों को निपटाने के लिए एथलीट आयोग गठित करना अनिवार्य होगा।

 

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