एकेडमिक और शोध के क्षेत्र में मिलकर काम करेंगे केएसएमयू-केडीएमसी
शासकीय रूसी मेडिकल विश्वविद्यालय के प्रतिनिधिमंडल ने किया के.डी. मेडिकल कॉलेज का भ्रमण
मथुरा। शिक्षा और चिकित्सा के क्षेत्र में विशिष्ट पहचान रखने वाले के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर मथुरा की प्रशंसा अब दूर देश में भी होने लगी है। बुधवार को पश्चिमी रूस की शासकीय कुर्स्क स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी के प्रतिनिधिमंडल ने के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर की उच्चस्तरीय चिकित्सा व्यवस्थाओं को देखा तथा मुक्तकंठ से सराहना करते हुए प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल से एकेडमिक और रिसर्च के क्षेत्र में मिलकर काम करने का आग्रह किया।
पश्चिमी रूस की शासकीय मेडिकल यूनिवर्सिटी केएसएमयू के प्रतिनिधिमंडल के साथ आए चांसलर प्रो. (डॉ.) विक्टर अनातोलेविच लजारेंको, अंतरराष्ट्रीय चिकित्सा संस्थान केएसएमयू के एसोसिएट प्रो. (डॉ.) मोहम्मद टी. चानिन तथा डॉ. पी.के. सिंह का स्वागत केडीएमसी के प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल ने किया। प्रतिनिधिमंडल ने संस्थान की आधुनिकतम चिकित्सा सुविधाओं तथा प्रयोगशालाओं के साथ ही संस्थान का भ्रमण करने के बाद डीन और प्राचार्य डॉ. आर.के. अशोका तथा सभी विभाग प्रमुखों से एकेडमिक तथा अनुसंधान के क्षेत्र में विकास पर लम्बी बातचीत की। प्रो. वी.ए. लजारेंको ने बताया कि केएसएमयू के संकाय सदस्यों तथा कर्मचारियों के पास बायोस्टैटिस्टिक्स, साइकोमेट्रिक्स, चिकित्सा शिक्षा मूल्यांकन, स्वास्थ्य देखभाल की गुणवत्ता का मूल्यांकन, बीमारी की गंभीरता के तरीकों का विकास और अनुप्रयोग, जोखिम समायोजन, स्वास्थ्य देखभाल वित्तपोषण तथा संस्थागत अनुसंधान में योग्यता और पेशेवर अनुभव है।
प्रो. लजारेंको ने बताया कि 1935 में पश्चिमी रूस में कुर्स्क मेडिकल इंस्टीट्यूट के रूप में शिक्षा और चिकित्सा के क्षेत्र में कदम रखने के बाद 1985 में संस्थान को चिकित्सकों, फार्मास्यूटिस्टों के प्रशिक्षण में योग्यता, सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा तथा चिकित्सा विज्ञान के विकास में योगदान के लिए सम्मानित किया गया तथा 1994 में इसे विश्वविद्यालय का दर्जा मिला। उन्होंने बताया कि यह रूस का पहला विश्वविद्यालय है जोकि मेडिकल छात्र-छात्राओं को अंग्रेजी में भी पूर्ण चिकित्सा शिक्षा व प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रदान करता है। केएसएमयू रूसी-चीनी चिकित्सा विश्वविद्यालयों के संघ का सदस्य है। यहां दुनिया भर के 50 देशों के लगभग नौ हजार से अधिक छात्र-छात्राएं एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं तथा इसका 80 देशों के चिकित्सा संस्थानों से एकेडमिक और अनुसंधान के क्षेत्र में अनुबंध है।
केएसएमयू प्रतिनिधिमंडल और केडीएमसी के प्राध्यापकों के बीच हुई बैठक में प्रोफेसर डॉ. विक्टर अनातोलेविच लज़ारेंको ने कहा कि हमने भारत में सिर्फ के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर का ही चुनाव किया है। केएसएमयू यहां की उच्चस्तरीय व्यवस्थाएं देखने के बाद केडीएमसी के साथ संयुक्त शैक्षणिक कार्यक्रमों के विकास पर काम करने का इच्छुक है, इससे दोनों देशों के छात्र-छात्राओं को लाभ मिलेगा। इसमें विनिमय कार्यक्रम, दोहरे डिग्री कार्यक्रम या सहयोगात्मक पाठ्यक्रम विकास शामिल हो सकते हैं। इतना ही नहीं बैठक में छात्रों तथा शिक्षकों के आदान-प्रदान तथा संयुक्त वैज्ञानिक अनुसंधान पर भी सहमति बनाने पर जोर दिया गया।
के.डी. मेडिकल कॉलेज की डीन और प्राचार्य डॉ. आर.के. अशोका ने केएसएमयू के प्रतिनिधिमंडल को बताया कि यह संस्थान आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप का हिस्सा है। इसकी स्थापना 2014 में हुई फिलवक्त यहां एक हजार से अधिक छात्र-छात्राएं एमबीबीएस तथा पोस्ट ग्रेज्युएट विषयों में शिक्षा ले रहे हैं। डॉ. अशोका ने बताया कि लगभग एक दशक में ही के.डी.एम.सी. ने अपनी विशिष्ट पहचान बना ली है। यह सब आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल, प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल के प्रोत्साहन और विषय विशेषज्ञों की मेहनत का सुफल है। बैठक में केडीएमसी के उप-प्राचार्य डॉ. राजेन्द्र कुमार, विभागाध्यक्ष मनो चिकित्सा डॉ. गौरव सिंह आदि ने भी संस्थान की उत्तरोत्तर प्रगति पर अपने विचार रखे।