आठ साल के अश्वथ कौशिक ने रचा इतिहास

भारतीय मूल के लड़के ने पोलैंड के ग्रैंडमास्टर को हराया
खेलपथ संवाद
सिंगापुर।
भारतीय मूल के सिंगापुर के आठ साल के अश्वथ कौशिक स्विट्जरलैंड में बर्गडोर्फर स्टेडथॉस ओपन टूर्नामेंट में पोलैंड के शतरंज ग्रैंडमास्टर जासेक स्टोपा को हराकर क्लासिकल शतरंज में किसी ग्रैंडमास्टर को हराने वाले सबसे युवा खिलाड़ी बने। 
चैनल न्यूज एशिया की खबर के अनुसार सिंगापुर का प्रतिनिधित्व कर रहे अश्वथ ने 37 साल के स्टोपा को हराया। पिछला रिकॉर्ड कुछ ही हफ्ते पहले बना था जब सर्बिया के लियोनिड इवानोविच ने बेलग्रेड ओपन में बुल्गारिया के 60 साल के ग्रैंडमास्टर मिल्को पोपचेव को हराया था। इवानोविच की उम्र अश्वथ से कुछ महीने अधिक है।
भारतीय मूल के शतरंज खिलाड़ी अश्वथ कौशिक ने पोलिश शतरंज ग्रैंडमास्टर जेसेक स्टोपा को बर्गडॉर्फर स्टैडथॉस में हराकर दिखा दिया कि भारतीय मूल का छोटा बच्चा भी ऐतिहासिक काम कर सकता है। अश्वथ शतरंज के क्लासिकल वर्जन में किसी ग्रैंड मास्टर को हराने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी बन गए हैं। चलिए हम आपको बताते हैं कौन हैं अश्वथ कौशिक, जिन्होंने सुनहरे अक्षरों में अपना नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज करा लिया है।
बता दें कि अश्वथ कौशिक से पहले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी सर्बिया के लियोनिद इवानोविच थे, जिन्होंने ग्रैंड मास्टर को मात दी थी। लियोनिद भी 8 साल के ही थे, लेकिन वह अश्वथ से काफी बड़े थे। लियोनिद ने बेलग्रेड ओपन में 60 वर्षीय बुल्गारियाई ग्रैंडमास्टर मिल्को पोपचेव को मात देकर यह ऐतिहासिक काम किया था। लेकिन लियोनिद के नाम यह रिकॉर्ड अधिक दिन तक नहीं रह सका और अश्वथ ने इसे अपने नाम कर लिया है। चलिए आपको बताते हैं कौन हैं अश्वथ कौशिक।
अश्वथ कौशिक का जन्म भारत में ही हुआ था। सिर्फ दो वर्ष भारत में बिताने के बाद वह सिंगापुर चले गए और वहीं से शतरंज के इस खेल में नए मुकाम की ओर बढ़ चले। कौशिक के लिए यह कोई पहली उपलब्धि नहीं है, इससे पहले भी साल 2022 में वह काफी सुर्खियों में रहे थे, जब खिलाड़ी ने ईस्टर्न एशियन यूथ चैम्पियनशिप के अंडर-8 वर्ग में तिहरा स्वर्ण पदक अपने नाम किया था। इस दौरान कौशिक सिर्फ 6 साल के थे। अब उन्होंने जिस ग्रैंडमास्टर को मात दी है, वह 37 साल के हैं और शतरंज की दुनिया के मंझे हुए खिलाड़ी हैं, बावजूद इसके वह कौशिक के सामने नहीं टिक सके।
कौशिक वर्तमान में फिडे में विश्व रैंकिंग में 37,338 स्थान पर विराजमान हैं। इस जीत के बाद कौशिक ने कहा कि मुझे अपने खेल और खेलने के अंदाज पर गर्व है। खेल के दौरान एक स्थिति ऐसी थी जब मैं बुरी तरह से फंस चुका था, मुझे लगा कि अब मैं यहां से नहीं निकल पाऊंगा। लेकिन फिर मैं खराब स्थिति से वापसी करने में कामयाब रहा, जिसके कारण से मुझे यह जीत नसीब हो सकी। कौशिक के पिता श्रीराम ने कहा कि मेरा बेटा काफी मेहनती है। वह हर दिन लगभग 7 घंटे तक चेस की प्रैक्टिस करता है। वह शतरंज पर हजारों पहेलियों को हल करता है।

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