निलम्बित भारतीय कुश्ती संघ अध्यक्ष पर भड़का खेल मंत्रालय

अध्यक्ष संजय सिंह पर कानूनी कार्रवाई की दी चेतावनी
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
खेल मंत्रालय और भारतीय कुश्ती संघ (डब्ल्यूएफआई) के बीच सबकुछ सही नहीं चल रहा है। खेल मंत्रालय ने मंगलवार को निलम्बित डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष संजय सिंह को कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है। दरअसल, मंत्रालय ने डब्ल्यूएफआई द्वारा सरकारी मान्यता के संबंध में बिल्कुल निराधार और शरारती दावे करने के बाद यह कदम उठाया है। उसने कहा कि संस्था द्वारा आयोजित किसी भी टूर्नामेंट को अस्वीकृत माना जाएगा। 
पिछले शनिवार को संजय सिंह ने दावा किया था कि लगभग 700 पहलवान 29-31 जनवरी तक पुणे में सीनियर नेशनल चैम्पियनशिप में भाग लेंगे। यह बयान मंत्रालय को पसंद नहीं आया। उसने गठन के तीन दिन बाद ही डब्ल्यूएफआई को निलम्बित कर दिया था। मंत्रालय ने संजय सिंह को सम्बोधित पत्र में कहा, ''आपके द्वारा डब्ल्यूएफआई की वर्तमान में निलम्बित कार्यकारी समिति की मान्यता और पुणे में आपके द्वारा आयोजित प्रतियोगिताओं के बारे में कुछ दावे किए जा रहे हैं, जो फिर से बिल्कुल निराधार और शरारतपूर्ण हैं। 
मंत्रालय ने पहले ही अपने पत्र दिनांक 7.1.2024 के माध्यम से आपको संबोधित किया है और जिसकी प्रतियां डब्ल्यूएफआई और राज्य सरकारों/केंद्र शासित प्रदेशों की संबद्ध इकाइयों को दी गई हैं, इस पूरे मुद्दे को स्पष्ट रूप से स्पष्ट कर दिया है। एक बार फिर सूचित किया जाता है कि डब्ल्यूएफआई की निलम्बित कार्यकारी समिति के सदस्यों द्वारा आयोजित किसी भी चैम्पियनशिप या प्रतियोगिता को अस्वीकृत और गैर-मान्यता प्राप्त प्रतियोगिता माना जाएगा।''
दिसम्बर के अंतिम सप्ताह में यूपी के गोंडा में 2023 आयु वर्ग के राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी करने की घोषणा के बाद अपने स्वयं के संविधान का उल्लंघन करने के लिए अपने चुनाव के ठीक तीन दिन बाद 24 दिसम्बर को खेल मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय निकाय को निलम्बित कर दिया गया था। खेल मंत्रालय ने तब से कहा था कि डब्ल्यूएफआई द्वारा आयोजित नेशनल को मान्यता नहीं दी जाएगी। भारतीय ओलम्पिक संघ (आईओए) ने खेल मंत्रालय के निर्देश पर डब्ल्यूएफआई के दिन-प्रतिदिन के मामलों को देखने के लिए एक तदर्थ समिति का गठन किया है।

 

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