डर पर काबू पाना सिखाते हैं एडवेंचर कैम्पः डॉ. रामकिशोर अग्रवाल
आरआईएस के छात्र-छात्राओं ने सीखे साहसिक खेलों के गुर
खेलपथ संवाद
मथुरा। छात्र-छात्राओं के मन से डर निकालने तथा उन्हें साहसी और निर्भीक बनाने के लिए राजीव इंटरनेशनल स्कूल में दो दिवसीय एडवेंचर कैम्प का आयोजन किया गया। दो दिवसीय एडवेंचर कैम्प में छात्र-छात्राओं ने न केवल साहसिक खेलों की बारीकियां सीखीं बल्कि उन्हें करने की भी कोशिश की। शनिवार को हर्षोल्लास के बीच एडवेंचर कैम्प का समापन किया गया।
बौद्धिक विकास के लिए जहां शिक्षा की आवश्यकता होती है वहीं शारीरिक और मानसिक दृढ़ता के लिए साहसिक खेल बहुत जरूरी हैं। साहसिक गतिविधियों से मनोरंजन तो होता ही है, छात्र-छात्राओं के मन से डर भी दूर होता है। इसी उद्देश्य के मद्देनजर राजीव इंटरनेशनल स्कूल में 29 और 30 दिसम्बर दो दिवसीय एडवेंचर कैम्प का आयोजन किया गया।
इस दो दिवसीय कैम्प में प्रशिक्षकों द्वारा छात्र छात्राओं को रॉक क्लाइंबिंग, रिवर क्रॉसिंग, मंकी ब्रिज, बर्मा ब्रिज, ब्रिज क्रॉसिंग, कमांडो नेट, जॉब रोलर, ट्रेम्पुलिन, बॉडी जॉर्ब, लेजर बीम, कमांडो क्रॉल, रनिंग बंजी, होप स्कॉच, टग आफ वार, मैजिकल मैज, ह्यूमन टैंक आदि साहसिक गतिविधियों का गहन प्रशिक्षण दिया गया।
दो दिवसीय एडवेंचर कैम्प में छात्र-छात्राओं ने न केवल साहसिक खेलों की बारीकियां सीखीं बल्कि एक तरफ भूल भुलैया तो दूसरी तरफ रस्सी में लटकने तथा दीवार पर चढ़ने का अनुभव भी हासिल किया। एक ही मैदान में इतने सारे एडवेंचर स्पोर्ट्स देखकर विद्यार्थियों के चेहरे जहां खुशी से खिल उठे वहीं उनमें कुछ कर गुजरने का विश्वास भी पैदा हुआ।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने अपने संदेश में कहा कि एडवेंचर कैम्प मन के डर पर काबू पाने का बेहतरीन तरीका है। साहसिक खेल बच्चों में छिपी प्रतिभा को बाहर निकाल कर उनमें साहस और रोमांच की भावना का विकास करते हैं। इससे बच्चों में निर्णय लेने और जीवन की चुनौतियों से मुकाबला करने की क्षमता पैदा होती है।
प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल ने एडवेंचर कैम्प के सफल आयोजन के लिए शिक्षकों की तारीफ करते हुए कहा कि छात्र-छात्राओं को हर तरह की शिक्षा पुस्तकों से नहीं दी जा सकती। विद्यार्थियों को जितना जरूरी पुस्तकीय ज्ञान है उतना ही जरूरी व्यावहारिक ज्ञान भी है। एडवेंचर कैम्प में विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से छात्र-छात्राओं में जो साहस की भावना पैदा की गई है, वह उनके जीवन भर काम आएगी।
विद्यालय की शैक्षिक संयोजिका प्रिया मदान ने कहा कि छात्र-छात्राओं के मन से डर निकालने तथा उन्हें साहसी और निर्भीक बनाने के लिए दो दिवसीय एडवेंचर कैम्प का आयोजन किया गया। साहसिक खेल व्यक्तिगत विकास का भाव पैदा करते हैं तथा इनसे छात्र-छात्राओं को अपनी क्षमता का पता लगाने का मौका मिलता है।