खेल हमें अनुशासन और परिश्रम की देते हैं सीखः एसपी ट्रैफिक पुलिस

राजीव इंटरनेशनल स्कूल में स्पर्धा-2024 का रंगारंग शुभारम्भ

पहले दिन कई खेल स्पर्धाओं में विद्यार्थियों ने दिखाया दम

खेलपथ संवाद

मथुरा। छात्र-छात्राओं के सर्वांगीण विकास में शिक्षा के साथ खेलकूद का भी बहुत महत्व है। खेलों से शरीर ही नहीं मन भी स्वस्थ रहता है। यदि हमें निरोगी रहना है तो प्रतिदिन किसी न किसी खेल में हिस्सा जरूर लेना चाहिए। खेल हमें अनुशासन तथा टीमभावना सिखाते हैं। यह बातें गुरुवार को राजीव इंटरनेशनल स्कूल में स्पर्धा-2024 के शुभारम्भ अवसर पर मुख्य अतिथि मनोज कुमार यादव एसपी ट्रैफिक पुलिस मथुरा ने छात्र-छात्राओं को बताईं।

श्री यादव ने अपने सम्बोधन में कहा कि जीवन में शिक्षा के साथ-साथ खेलों का अपना महत्व है। खेल हमें अनुशासन तथा परिश्रम की सीख देते हैं। खेलों से सामाजिकता एवं देशप्रेम का भाव भी उत्पन्न होता है। खेलकूद से संयम, दृढ़ता, गम्भीरता और सहयोग की भावना का भी विकास होता है। खेलों से नीरस जीवन सरस बनता है। खेलकूद व्यक्ति के बहुमुखी विकास के लिए बहुत आवश्यक हैं। 21 से 27 नवम्बर तक चलने वाले स्पर्धा-2024  के पहले दिन छात्र-छात्राओं ने बास्केटबॉल, रस्साकशी, लम्बीकूद, दौड़, गोलाफेंक, रिले रेस, फुटबॉल आदि में अपना कौशल दिखाया।

स्पर्धा-2024 में छोटी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए स्पून रेस, लेमन रेस जैसी आकर्षक प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। विद्यालय के शारीरिक शिक्षकों ने बताया कि एक सप्ताह तक विभिन्न आयु वर्ग के विद्यार्थियों के लिए अलग-अलग प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा। प्रतियोगिता के समापन अवसर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्र-छात्राओं को ट्रॉफी एवं प्रमाण-पत्र देकर पुरस्कृत किया जाएगा।

आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने सभी प्रतिभागी विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन करते हुए अपने संदेश में कहा कि शिक्षा के साथ-साथ आज के समय में खेल के क्षेत्र में भी अपार सम्भावनाएं हैं लिहाजा प्रत्येक छात्र-छात्रा अपनी रुचि के अनुसार खेलों का चयन कर अपना करियर बना सकता है। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि हर बच्चे के मन में एक सवाल रहता है कि क्या पढ़ाई और खेलकूद साथ-साथ चल सकते हैं, इसका उत्तर है हां। खेलों में सक्रियता का यह अर्थ नहीं है कि आप पढ़ाई-लिखाई छोड़ दो और अध्ययन का यह अर्थ नहीं है कि आप खेलना छोड़ दो। लगातार पढ़ाई के दौरान कई बार तनाव की स्थिति बनती है। खेल से तनाव का स्तर कम होता है। जो नित्यप्रति खेल में हिस्सा लेते हैं, उनकी एकाग्रता और अंतर्दृष्टि विलक्षण होती है। खेल से रचनात्मकता को भी बढ़ावा मिलता है।

प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल ने अपने संदेश में कहा कि खेल एक महान शिक्षक है। खेल हमें हमेशा तरोताजा रखते हैं। श्री अग्रवाल ने कहा कि आज के परिवेश और जीवन शैली का एक नकारात्मक पहलू यह है कि बच्चे हों या युवा, लगातार मोबाइल पर गेम खेलना उनकी एक आदत बनती जा रही है। ऐसे में नई पीढ़ी की खेलों में रुचि बढ़ाने के लिए अभिभावकों तथा शिक्षण संस्थाओं को विशेष ध्यान देने की जरूरत है। विद्यालय की शैक्षिक संयोजिका प्रिया मदान ने कहा कि खेल छिपी हुई प्रतिभाओं को निखारने का सबसे अच्छा माध्यम हैं। राजीव इंटरनेशनल स्कूल प्रत्येक विद्यार्थी के सर्वांगीण शारीरिक एवं मानसिक विकास के लिए प्रतिबद्ध है। स्पर्धा-2024 शारीरिक शिक्षक लक्ष्मीकांत, लोकपाल सिंह राणा, निशांत, वोमेश, रेखा आदि की देखरेख में हो रही है।

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