भारत के संकल्प और प्रयास दोनों विराटः प्रधानमंत्री मोदी

गोवा में 37वें राष्ट्रीय खेलों में प्रधानमंत्री के सम्बोधन का मूल पाठ
खेलपथ संवाद
पणजी।
भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय। गोवा के राज्यपाल श्रीमान पीएस श्रीधरन पिल्लई जी, यहां के लोकप्रिय और युवा, ऊर्जावान मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत जी, खेल मंत्री अनुराग ठाकुर, केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे अन्य साथी, मंच पर विराजमान अन्य जनप्रतिनिधिगण, भारतीय ओलम्पिक संघ की अध्यक्ष बहन पीटी ऊषा जी, देश के कोने-कोने से आए हुए सभी मेरे खिलाड़ी साथी, सपोर्टिंग स्टाफ, अन्य पदाधिकारी और  नौजवान दोस्तों, भारतीय खेल के महाकुंभ का महासफर आज गोवा आ पहुंचा है। हर तरफ रंग है, तरंग है, रोमांच है, रवानगी है। गोवा की हवा में बात ही कुछ ऐसी है। आप सभी को सैंतीसवें नेशनल गेम्स के लिए बहुत-बहुत शुभकामनाएं, अनेक- अनेक बधाईयां।
साथियों, 
गोवा वो धरती है जिसने देश को ऐसे अनेक स्पोर्ट्स स्टार दिए हैं। जहां फुटबॉल के प्रति दीवानगी तो गली-गली में दिखती है। और देश के सबसे पुराने फुटबॉल क्लब में कुछ यहां हमारे गोवा में हैं। ऐसे खेलप्रेमी गोवा में राष्ट्रीय खेलों का होना, अपने आप में नई ऊर्जा भर देता है।
मेरे परिवारजनों,
ये राष्ट्रीय खेल, ऐसे समय में हो रहे हैं, जब भारत का खेल जगत एक के बाद एक सफलता की नई ऊंचाई प्राप्त कर रहा है। 70 सालों में जो न हुआ, वो इस बार हमने एशियाई खेलों में होते हुए देखा है और अभी पैरा एशियन गेम्स भी चल रहे हैं। इनमें भी भारतीय खिलाड़ियों ने अब तक 82 से ज्यादा मेडल जीतकर अब तक के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। इससे पहले वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स हुए थे। इसमें भी भारत ने एक नया इतिहास रच दिया। ये सफलताएं यहां आए हर खिलाड़ी के लिए बहुत बड़ी प्रेरणा हैं। ये नेशनल गेम्स एक प्रकार से आपके लिए, सभी नौजवानों के लिए, सभी खिलाड़ियों के लिए एक मजबूत लांचपैड है। आपके सामने कितने अवसर हैं, उनको ध्यान में रखते हुए पूरे दम-खम के साथ आपको श्रेष्ठ प्रदर्शन करना है। करोगे ना? पक्का करोगे ? पुराने रिकॉर्ड तोड़ोगे?  मेरी शुभकामनाएं आपके साथ हैं। 
मेरे युवा साथियों,
भारत के गांव-गांव, गली-गली में टैलेंट की कोई कमी नहीं है। हमारा इतिहास साक्षी है कि अभाव में भी भारत ने चैम्पियंस पैदा किए हैं। मेरे साथ मंच पर हमारी बहन पीटी ऊषा जी बैठी हैं। लेकिन फिर भी हर देशवासी को हमेशा एक कमी खलती थी। हमारा इतना बड़ा देश इंटरनेशनल स्पोर्ट्स इवेंट्स की मेडल टैली में, हम बहुत पीछे रह जाते थे। इसलिए 2014 के बाद, हमने देश की इस पीड़ा को राष्ट्रीय संकल्प से दूर करने का बीड़ा उठाया। हम बदलाव लाए स्पोर्ट्स इन्फ्रास्ट्रक्चर में, हम बदलाव लाए चयन प्रक्रिया में, हमने उसे और पारदर्शी बनाया। हम बदलाव लाए खिलाड़ियों को आर्थिक मदद देने वाली योजनाओं में, हम बदलाव लाए खिलाड़ियों को ट्रेनिंग देने वाली योजनाओं में। हम बदलाव लाए समाज की मानसिकता में,  पुरानी सोच, पुरानी एप्रोच के कारण, हमारे स्पोर्ट्स इन्फ्रास्ट्रक्चर में जो रोडब्लाक्स थे, हमने उन्हें एक-एक करके दूर हटाने का काम शुरू किया। सरकार ने टैलेंट की खोज से लेकर उनकी हैंडहोल्डिंग कर, ओलम्पिक पोडियम तक पहुंचाने का एक रोडमैप बनाया। इसका परिणाम हम आज पूरे देश में देख रहे हैं।
साथियों,
पहले की सरकारों में स्पोर्ट्स के बजट को लेकर भी संकोच का भाव रहता था। लोग सोचते थे कि - खेल तो खेल ही है,  खेल ही है और क्या है?  इस पर खर्च क्यों करना! हमारी सरकार ने इस सोच को भी बदला। हमने स्पोर्ट्स का बजट बढ़ाया। इस वर्ष का सेण्ट्रल स्पोर्ट्स बजट 9 वर्ष पहले की तुलना में 3 गुणा अधिक है। सरकार ने खेलो इंडिया से लेकर टॉप्स स्कीम तक, देश में खिलाड़ियों को आगे बढ़ाने के लिए एक नया ईकोसिस्टम बनाया है। इन योजनाओं के तहत देशभर से स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी स्तर से आप जैसे प्रतिभाशाली खिलाड़ियों की पहचान की जा रही है। उनकी ट्रेनिंग, उनकी डाइट, उनके दूसरे खर्चों पर सरकार बहुत पैसा खर्च कर रही है। टॉप्स यानि टॉरगेट ओलम्पिक पोडियम स्कीम, इसके तहत देश के शीर्ष खिलाड़ियों को दुनिया की श्रेष्ठ ट्रेनिंग दी जाती है। आप कल्पना कीजिए, खेलो इंडिया योजना के तहत अभी देशभर के 3 हज़ार युवा खिलाड़ियों की ट्रेनिंग चल रही है। इतना बड़ा टैलेंट पूव खिलाड़ियों का तैयार हो रहा है। और इसमें से हर खिलाड़ी को प्रतिवर्ष 6 लाख रुपए से अधिक की स्कॉलरशिप दी जा रही है। खेलो इंडिया अभियान से निकलने वाले करीब सवा सौ युवा खिलाड़ियों ने एशियाई खेलों में हिस्सा लिया था। पुराना सिस्टम होता तो शायद ही इस प्रतिभा को कभी पहचान मिल पाती। इन प्रतिभाशाली खिलाड़ियों ने 36 मेडल्स जीते हैं। खेलो इंडिया से खिलाड़ियों की पहचान करो, उन्हें तैयार करो, और फिर टॉप्स से उन्हें ओलम्पिक पोडियम फिनिश की ट्रेनिंग और टेम्परामेंट दो। ये हमारा रोडमैप है। 
मेरे युवा साथियों,
किसी भी देश के स्पोर्ट्स सेक्टर की प्रगति का सीधा नाता, उस देश की अर्थव्यवस्था की प्रगति से भी जुड़ा होता है। जब देश में नकारात्मकता हो, निराशा हो तो मैदान पर भी, जीवन के हर क्षेत्र पर भी इसका बहुत बुरा असर दिखता है। भारत की ये सक्सेजफुल स्पोर्ट्स स्टोरी, भारत की ओवरआल सक्सेज स्टोरी से अलग नहीं है। भारत आज हर सेक्टर में आगे बढ़ रहा है, नए रिकॉर्ड बना रहा है। भारत की स्पीड और स्किल का मुकाबला आज मुश्किल है। भारत कैसे आगे बढ़ रहा है, इसका अंदाज़ा आपको बीते 30 दिनों के काम और उपलब्धियों से मिलेगा। 
साथियों,
मैं आपका ज्यादा समय नहीं ले रहा हूं। आप कल्पना कीजिए आपका उज्ज्वल भविष्य कैसे तैयार किया जा रहा है। मेरे नौजवान गौर से सुनिये सिर्फ 30 दिन का मैं काम बताता हूं आपको। बीते 30-35 दिन में क्या हुआ है और आपको लगेगा अगर इस स्पी़ड और इस स्किल से देश आगे बढ़ रहा है तो आपके उज्ज्वल भविष्य की मोदी की गारंटी पक्की है।
बीते 30-35 दिनों में ही, नारीशक्ति वंदन अधिनियम, कानून बना। गगनयान से जुड़ा एक बहुत ही अहम टेस्ट सफलता से किया गया। भारत को अपनी पहली regional rapid rail, नमो भारत मिली। बेंगुलुरु मेट्रो सेवा का विस्तार हुआ। जम्मू-कश्मीर की पहली vistadome train सेवा की शुरुआत हुई। इन्हीं 30 दिनों में दिल्ली-वड़ोदरा expressway का उद्घाटन हुआ। भारत में G-20 देशों के सांसदों और speakers का सम्मेलन हुआ। भारत में Global Maritime Summit हुई, इसमें 6 लाख करोड़ रुपए के समझौते हुए। इज़रायल से भारतीयों की वापसी के लिए ऑपरेशन अजय शुरु किया गया। 40 साल बाद भारत और श्रीलंका के बीच ferry service शुरु हुई। यूरोप को पीछे छोड़ते हुए भारत, 5G user base के मामले में दुनिया के top-3 देशों में पहुंचा। Apple के बाद Google ने भी मेड इन इंडिया smartphone बनाने का ऐलान किया। हमारे देश ने अन्न और फल-सब्जी उत्पादन का नया रिकॉर्ड बनाया। 
साथियों,
ये तो अभी हाफटाइम हुआ है अभी मेरे पास गिनाने को और भी बहुत कुछ है। आज ही मैंने महाराष्ट्र में नलवंडे डैम पर भूमिपूजन किया है , जो 50 साल से अटका हुआ था।   बीते 30 दिनों में ही तेलंगाना में 6 हजार करोड़ रुपए के super thermal power project का लोकार्पण हुआ। छत्तीसगढ़ के बस्तर में 24 हजार करोड़ रुपए के आधुनिक steel plant का लोकार्पण हुआ। राजस्थान में मेहसाणा-भटिंडा-गुरदासपुर gas pipeline के एक section का लोकार्पण हुआ। जोधपुर में नई airport terminal building और IIT कैंपस का शिलान्यास और लोकार्पण हुआ। बीते 30 दिनों में ही महाराष्ट्र में 500 से अधिक skill development केंद्र launch किए गए हैं। कुछ दिन पहले गुजरात के धोरडो को best tourism village का पुरस्कार मिला। जबलपुर में वीरांगना रानी दुर्गावती स्मारक का भूमि पूजन हुआ। हल्दी किसानों के लिए turmeric board की घोषणा हुई। तेलंगाना में central tribal university को स्वीकृति मिली। मध्य प्रदेश में एक साथ सवा दो लाख गरीब परिवारों को पीएम आवास योजना के घर मिले। इन्हीं 30 दिनों में पीएम स्वनिधि योजना के लाभार्थियों की संख्या 50 लाख पहुंची। आयुष्मान भारत योजना के तहत 26 करोड़ कार्ड बनने का पड़ाव पार हुआ। आकांक्षी जिलों के बाद देश में आकांक्षी ब्लॉक्स के विकास का अभियान शुरु किया। गांधी जयंती पर दिल्ली में खादी की एक ही दुकान पर डेढ़-करोड़ रुपए की सेल हुई। 
साथियों, इन्हीं 30 दिनों में खेलों की दुनिया में भी बहुत कुछ हुआ। भारत ने एशियाई खेलों में 100 से ज्यादा medals जीते। 40 साल बाद भारत में International Olympic Committee का session हुआ। उत्तराखंड को हॉकी astro-turf और velodrome stadium मिला। वाराणसी में आधुनिक cricket stadium पर काम शुरु हुआ।ग्वालियर को अटल बिहारी वाजपेयी दिव्यांग sports centre मिला। और यहां गोवा में ये National Games भी तो हो रहे हैं। सिर्फ 30 दिन के, मेरे नौजवान सोचिये, सिर्फ 30 दिन के कार्यों की ये लिस्ट बहुत लम्बी है। मैंने आपको बस एक छोटी सी झलक दिखाई है। आज देश के हर sector में, देश के हर हिस्से में अभूतपूर्व तेजी से काम हो रहा है, हर कोई विकसित भारत के निर्माण में जुटा है।
साथियों,
ये जितने भी काम हो रहे हैं, इनके मूल में मेरे देश का युवा है, मेरे भारत का युवा है। आज भारत का युवा, अभूतपूर्व आत्मविश्वास से भरा हुआ है। भारत के युवा के इसी आत्मविश्वास को राष्ट्रीय संकल्पों से जोड़ने के लिए हाल में एक और बड़ा काम हुआ है। मेरा युवा भारत, यहां आपने boards देखे हैं सब जगह पर, मेरा युवा भारत, यानि MY भारत नाम से एक नए platform को स्वीकृति दी गई है। ये ग्रामीण और शहरी, यानि देश के हर युवा को आपस में भी और सरकार के साथ connect करने का भी one stop centre होगा। ताकि उनकी आकांक्षाओं की पूर्ति के लिए, राष्ट्र निर्माण के लिए उन्हें ज्यादा से ज्यादा अवसर भी प्रदान किए जा सकें। ये भारत की युवा शक्ति को, विकसित भारत की शक्ति बनाने का माध्यम बनेगा। अब से कुछ दिन बाद, 31 अक्टूबर को एकता दिवस पर मैं MY भारत अभियान की शुरुआत करने जा रहा हूं। और देशवासियों को मालूम है 31 अक्टूबर को सरदार वल्लभ भाई पटेल की जन्म जयंती पर हम देश भर में Run for Unity बड़ा कार्यक्रम करते हैं। मैं चाहु्ंगा गोवा में भी और देश के हर कोने में 31 अक्टूबर को देश की एकता के लिए Run for Unity का शानदार कार्यक्रम भी होना चाहिए। आप सब भी इस अभियान से जरूर जुड़िएगा। 
साथियों,
आज जब भारत के संकल्प और प्रयास, दोनों इतने विराट हैं, तब भारत की आकांक्षाओं का बुलंद होना भी स्वभाविक है। इसलिए ही IOC के session के दौरान मैंने 140 करोड़ भारतीयों की आकांक्षा को सामने रखा है। मैंने Olympics की Supreme committee को आश्वस्त किया कि भारत 2030 में Youth Olympics और 2036 में Olympics के आयोजन के लिए तैयार है।
साथियों,
Olympics के आयोजन के लिए हमारी आकांक्षा सिर्फ भावनाओं तक सीमित नहीं है। बल्कि इसके पीछे कुछ ठोस कारण हैं। 2036 यानि आज से करीब 13 साल बाद भारत दुनिया की अग्रणी आर्थिक ताकतों में से एक होगा। उस समय तक आज के मुकाबले हर भारतीय की आय, कई गुना अधिक होगी। तब तक भारत में एक बहुत बड़ा middle class होगा। Sports से लेकर space तक, भारत का तिरंगा और शान से लहरा रहा होगा। Olympics के आयोजन के लिए connectivity और दूसरे आधुनिक infrastructure की जरूरत होती है। आज भारत आधुनिक infra पर 100 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च करने की तैयारी में है। इसलिए Olympics भी हमारे लिए उतना ही आसान हो जाएगा।
साथियों,
हमारे National Games, एक भारत, श्रेष्ठ भारत का भी प्रतीक हैं। ये भारत के हर राज्य को अपना सामर्थ्य दिखाने का बहुत बड़ा माध्यम होता है। इस बार गोवा को ये अवसर मिला है। गोवा सरकार ने, गोवा वासियों ने जिस प्रकार की तैयारियां की हैं, वो वाकई ही बहुत सराहनीय है। ये जो sports infrastructure यहां बना है, वो आने वाले अनेक दशकों तक गोवा के युवाओं के काम आएगा। यहां से अनेक नए खिलाड़ी भारत को मिलेंगे। इससे यहां और ज्यादा national और international sports events आयोजित करना संभव होगा। बीते कुछ वर्षों में गोवा में connectivity से जुड़ा आधुनिक infrastructure भी बना है। National Games से गोवा के tourism को, यहां की economy को भी लाभ बहुत होगा।
साथियों, 
गोवा, ये गोवा तो उत्सवों के लिए, celebrations के लिए जाना जाता है। गोवा International Film Festival की चर्चा अब पूरी दुनिया में होने लगी है। हमारी सरकार, गोवा को international conferences, meetings और summits का भी महत्वपूर्ण centre बना रही है। साल 2016 में हमने BRICS सम्मेलन गोवा में आयोजित किया था। G-20 से जुड़ी कई महत्वपूर्ण meetings भी यहां गोवा में हुई हैं। मुझे खुशी है कि दुनिया में tourism की sustainable growth के लिए, Goa Roadmap for Tourism को G-20 देशों ने आम सहमति से स्वीकार किया है। ये गोवा के लिए तो गर्व का विषय है ही, भारत के tourism के लिए भी बहुत बड़ी बात है।
साथियों,
मैदान कोई भी हो, चुनौती कैसी भी हो,  हमें हर हाल में अपना best देना है। इस अवसर को हमें खोना नहीं है। इसी आह्वान के साथ मैं 37वें (सैंत्तीसवें) राष्ट्रीय खेलों की शुरुआत की घोषणा करता हूं। आप सभी athletes को फिर से अनेक शुभकामनाएं। गोवा है तैयार! गोंय आसा तयार! Goa is ready !  बहुत-बहुत धन्यवाद।

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