800 मीटर दौड़ में हरमिलन का जलवा

21 साल बाद बेटी ने दोहराई मां की कामयाबी
मां माधुरी 2002 में 800 मीटर का रजत जीती थीं
खेलपथ संवाद
हांगझोऊ।
एशियाई खेलों के 11वें दिन हरमिलन बैंस ने 800 मीटर दौड़ में रजत पदक जीतकर अपनी मां की कामयाबी दोहराने में सफल रही। हरमिलन ने इन खेलों में दो रजत पदक जीते हैं। इससे पहले उसने 1500 मीटर दौड़ में भी चांदी का तमगा जीता था।
यूपी की एथलीट माधुरी सक्सेना ने 2002 के बुसान एशियाई खेलों में रजत पदक जीता। 21 साल बाद उनकी बेटी हरमिलन बैंस ने इस उपलब्धि को दोहरा दिया। इससे पहले 1500 मीटर में रजत जीत चुकीं हरमिलन ने बुधवार को 800 मीटर में 2.03.75 मिनट के साथ रजत जीता। वह श्रीलंका की तारुषि दिसानायके (2.03.20) से पीछे रहीं।
भारतीय पुरुष टीम ने चीन को 2-1 से हराकर एशियाई खेलों की ब्रिज स्पर्धा के फाइनल में प्रवेश कर लिया जिससे कम से कम रजत पदक पक्का हो गया। भारतीय पुरुष टीम ने जकार्ता में कांस्य पदक जीता था। अब फाइनल में उसका सामना शुक्रवार को हॉन्गकॉन्ग से होगा।
टीम में जग्गी शिवदासनी, संदीप ठकराल, सुमित मुखर्जी, राजेश्वर तिवारी, राजू तोलानी और अजय खरे शामिल हैं। सेमीफाइनल में भारत ने 155.60 अंक बनाए, जबकि मेजबान को 135 अंक मिले। दूसरे सेमीफाइनल में हांगकांग ने जापान को 153-118 से मात दी। भारतीय महिला और मिश्रित टीमें सेमीफाइनल में नहीं पहुंच सकी थी।
5000 मीटर दौड़ में साबले को रजत
वहीं 3000 मीटर स्टीपलचेज में स्वर्ण जीतने वाले अविनाश साबले ने 5000 मीटर में 13.21.09 मिनट का समय निकाल रजत जीता। बहरीन के बिरहानू येमाता (13.17.40) के साथ गेम्स रिकॉर्ड बनाकर स्वर्ण जीता। 35 किलोमीटर पदचाल में यूपी के रामबाबू (2.42.11), मंजू रानी (3.09.03 घंटा) ने कांस्य पदक जीता। चीन को स्वर्ण और जापान को रजत मिला।

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