एशियन चैम्पियंस ट्रॉफी में जापान ने भारत को बराबरी पर रोका
मलेशिया जीता, पाकिस्तान को नहीं मिली पहली जीत
पाकिस्तानी कप्तान को हॉकी इंडिया ने किया सम्मानित
खेलपथ संवाद
चेन्नई। विश्व नम्बर चार भारतीय टीम को एशियाई चैम्पियंस ट्रॉफी हॉकी में जापान ने बराबरी पर रोक दिया। मध्यांतर पर 0-1 से पिछड़ी भारतीय टीम तीसरे क्वार्टर में बराबरी हासिल कर पाई, लेकिन उसे विजयी गोल नसीब नहीं हुआ। यह जापान के गोलकीपर योशीकावा रहे जिन्हें न तो भारतीय ड्रैग फ्लिकर और अग्रिम पंक्ति भेद पाई।
भारत को पूरे मैच में 14 पेनाल्टी कॉर्नर मिले, लेकिन सिर्फ एक को गोल में बदला जा सका। भारतीय टीम मैदानी गोल करने में भी विफल रही। इससे पहले पाकिस्तान को गत विजेता कोरिया ने 1-1 से बराबरी रोका, जबकि मलेशिया ने चीन पर 5-1 से बड़ी जीत हासिल की। चीन के खिलाफ मिली 7-2 की जीत में भी भारत के छह गोल पेनाल्टी कॉर्नर पर आए थे। यहां भी मैदानी गोल करने में भारतीय टीम जूझती दिखी। यही खामी गत उपविजेता जापान के खिलाफ भी सामने आई, लेकिन भारतीय टीम का सबसे मजबूत पक्ष पेनाल्टी कॉर्नर को गोल में बदलना रहा है। चीन के खिलाफ उसे नौ पेनाल्टी कॉर्नर मिले थे, जिसमें उसने छह को गोल में बदला, लेकिन शुक्रवार को 14 पेनाल्टी कॉर्नर में से 42वें मिनट में सिर्फ एक को हरमनप्रीत ने गोल में बदला। भारत ने पेनाल्टी कॉर्नर के लिए हरमनप्रीत, वरुण कुमार, जुगराज सिंह को आजमाया, लेकिन ये तीनों ही प्रभाव नहीं छोड़ सके।
पहले दोनों क्वार्टर में भारतीय टीम प्रभाव नहीं छोड़ सकी। पहला क्वार्टर गोलरहित रहा, लेकिन दूसरे क्वार्टर के 28वें मिनट में प्लेयर ऑफ द मैच जापान के केन नागायोशी ने ड्रैग फ्लिक के जरिए पेनाल्टी कॉर्नर को गोल में बदल जापान को बढ़त दिला दी। जापान को पूरे मैच में सिर्फ दो पेनाल्टी कॉर्नर मिले। भारत को बराबरी हासिल करने में पसीने छूट गए। योशीकावा दीवार की तरह गोल के सामने थे और भारत के एक के बाद एक हमलों को विफल करते जा रहे थे। उन्होंने आकाशदीप सिंह के गोल पर किए गए प्रयास को बखूबी बचाया तो वरुण कुमार और हरमनप्रीत की ड्रैग फ्लिक को भी उन्होंने बाहर किया।
चौथे क्वार्टर में भारतीय टीम पूरी तरह से हावी थी, लेकिन मैच समाप्त होने में जब चार मिनट शेष रह गए थे तो मंदीप सिंह के फाउल पर उन्हें पीला कार्ड दिखा दिया गया और वह शेष मैच से बाहर हो गए। जिसके कारण भारत को 10 खिलाडिय़ों से खेलना पड़ा। भारत और जापान के बीच यह 34वां मुकाबला था, जिसमें 27 बार भारत को और तीन बार जापान को जीत मिली है। यह चौथा मुकाबला रहा जो दोनों टीमों के बीच बराबरी पर छूटा। भारत ने जापान से पिछला मुकाबला 8-0 से जीता था।
मलेशिया ने चीन को 5-1 से हराया
चीन को पहले मैच में मेजबान भारत से 2-7 से करारी हार मिली थी, लेकिन मलेशिया को आज उसने शुरुआत में ही हैरत में डाल दिया। खेल के चौथे मिनट में चांगकांग चेन ने रिवर्स हिट के जरिए गोल कर चीन को बढ़त दिला दी। इस गोल के बाद मलयेशिया के फैजल सारी ड्रैग फ्लिक पर टीम को बराबरी दिलाई। कुछ मिनट बाद ही प्लेयर ऑफ द मैच अबु कमाल अजराई ने मलयेशिया को बढ़त दिला दी। मध्यांतर तक मलयेशिया 2-1 से आगे था। तीसरे क्वार्टर में अबु के पास पर अशरी ने गोल कर अपनी टीम को 3-1 से आगे किया। चौथा क्वार्टर पहले अशरी ने मलयेशिया के लिए चौथा गोल किया। इसके बाद नज्मी जज्लान ने पेनाल्टी कॉर्नर पर पांचवां गोल किया।
पाकिस्तान-कोरिया ने खेला ड्रॉ
पाकिस्तान को गत विजेता कोरिया से 1-1 से ड्रॉ खेलना पड़ा। खेल समाप्ति से सात मिनट पहले तक पाकिस्तान 1-0 की बढ़त पर था, लेकिन 53वें मिनट में जीहुन यांग के पेनाल्टी स्ट्रोक पर किए गए गोल ने पाकिस्तान की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। इससे पहले नौवें मिनट में ही अब्दुल शाहिद के मैदानी गोल की बदौलत पाकिस्तान ने बढ़त बनाई थी। पाकिस्तान के कप्तान उमर भुटा का यह 200वां अंतरराष्ट्रीय मैच था। हॉकी इंडिया ने इस उपलब्धि के लिए उन्हें सम्मानित भी किया। शाहिद के गोल की बदौलत पाकिस्तान मध्यांतर तक 1-0 की बढ़त पर था।
पाकिस्तान के कप्तान उमर भुटा का यह 200वां अंतरराष्ट्रीय मैच था। हॉकी इंडिया ने इस उपलब्धि के लिए उन्हें सम्मानित भी किया। शाहिद के गोल की बदौलत पाकिस्तान मध्यांतर तक 1-0 की बढ़त पर था। तीसरे क्वार्टर में कोरिया ने बराबरी की भरसक कोशिश की, लेकिन उसे सफलता नहीं मिली। चौथे क्वार्टर में पेनाल्टी स्ट्रोक पर गोल खाने के बाद पाकिस्तान को बढ़त लेने के अवसर मिले, लेकिन टीम उसका फायदा नहीं उठा सकी। अंतिम मिनट में भी पाकिस्तान को पेनाल्टी कॉर्नर मिला, लेकिन यह भी बेकार गया। इससे पहले बृहस्पतिवार को पाकिस्तान को मलयेशिया के हाथों 1-3 से हार मिली थी। इस मुकाबले में भी पाकिस्तान ने पेनाल्टी स्ट्रोक गंवाया था।