साक्षी ने बजरंग-विनेश को ट्रायल में छूट देने का किया विरोध

आंदोलन करने वाले पहलवानों में फूट के संकेत
आईओए के दरवाजे पहुंचा पहलवानों का प्रदर्शन
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाने वाले पहलवान बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक की एकता में दरार पड़ गई है। बजरंग और विनेश को बिना ट्रायल के एशियाई खेलों की टीम में शामिल करने का साक्षी ने विरोध किया है। 
साक्षी ने कहा कि उन्हें भी ट्रायल में छूट देने का प्रस्ताव दिया गया था, लेकिन उन्होंने इसके लिए मना कर दिया। साक्षी ने कहा कि बजरंग-विनेश को सीधे टीम में प्रवेश देना गलत है। वहीं बजरंग-विनेश के साथ धरने पर बैठने वाली अंशु मलिक भी जूनियर पहलवानों के समर्थन में उतर आई हैं। साक्षी ने कहा कि वह नहीं चाहती हैं कि किसी भी बच्चे का हक छीना जाए। वह बजरंग-विनेश को सीधे टीम में प्रवेश दिए जाने के खिलाफ हैं। 
साक्षी मलिक ने कहा कि यह देखकर दुख हो रहा है कि जूनियर पहलवान अपने हक के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं। साक्षी कहती हैं कि इस मामले में पारदर्शिता अपनाई जानी चाहिए थी। उनकी मांग सिर्फ इतनी है कि जो उन्होंने 10 अगस्त का तैयारियों के लिए समय मांगा था। उसी के अनुसार ट्रायल कराए जाएं। 10 अगस्त के ट्रायल को ध्यान में रखते हुए वह तैयारियों के लिए बाहर आई हैं। उन्हें तीन-चार दिन पहले बताया गया कि बजरंग और विनेश को सीधे टीम में शामिल किया जा रहा है। वह भी इस बारे में मेल कर दें। उन्हें भी टीम में जगह दे दी जाएगी, लेकिन उन्होंने टीम में सीधे प्रवेश दिए जाने से तुरंत इंकार कर दिया। साक्षी ने कहा कि न तो वह बिना ट्रायल के किसी टूर्नामेंट गई हैं और न ही आगे जाएंगी। साक्षी इस वक्त अपने पति सत्यव्रत कादियान के साथ अमेरिका में तैयारियां कर रही हैं।
वहीं, आंदोलनकारी पहलवान बजरंग और विनेश फोगाट को सीधे एशियाई खेलों की टीम में प्रवेश दिए जाने के खिलाफ किया जा रहा धरना-प्रदर्शन बृहस्पतिवार को भारतीय ओलम्पिक संघ (आईओए) के दरवाजे पर पहुंच गया। ज्यादातर जूनियर पहलवानों के परिजनों ने आईओए दफ्तर के बाहर प्रदर्शन करते हुए वहां धरना दे दिया। विनेश के भार वर्ग 53 किलो में खेलने वाली जूनियर विश्व चैम्पियन अंतिम पंघाल और बजरंग के भार 65 किलो में खेलने वाले सुजीत कलकल ने तदर्थ समिति की ओर से बजरंग, विनेश को बिना ट्रायल के टीम में शामिल करने के विरोध किया था। अंतिम और उनके परिजनों ने बुधवार को हिसार में प्रदर्शन भी किया था। 
गुरुवार को लगभग डेढ़ सौ लोग आईओए पहुंच गए। ये सभी आईओए अध्यक्ष पीटी उषा और तदर्थ समिति सदस्य भूपेंदर सिंह बाजवा से मिलकर फैसले को वापस करवाना चाहते थे, लेकिन उनकी किसी से मुलाकात संभव नहीं हो सकी। 57 भार वर्ग में एशियाई खेलों के ट्रायल में खेलने जा रहीं अंशु मलिक ने सोशल मीडिया पर कहा कि जूनियर पहलवानों की सभी वर्गों में ट्रायल की मांग बिल्कुल ठीक है और यह उनका अधिकार है। किसी भी खिलाड़ी का सबसे बड़ा सपना एशियाई खेलों और ओलंपिक में पदक जीतना होता है, लेकिन यही अधिकार उनसे छीना जाएगा तो क्या होगा?

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