आज भारत के सामने होगी कुवैत की चुनौती

दोनों टीमों के बीच सैफ फुटबॉल की खिताबी भिड़ंत आज
खेलपथ संवाद
बेंगलूरु।
सैफ फुटबॉल चैम्पियनशिप के फाइनल में गत विजेता भारत के नौवें खिताब की राह में मजबूत कुवैत होगा। बेंगलुरु के कांतिरवा स्टेडियम में आज खेले जाने वाले फाइनल में भारतीय टीम के साथ घरेलू दर्शकों का जबरदस्त समर्थन होगा। यही नहीं सकारात्मक पक्ष यह भी है कि टीम को डिफेंडर संदेश झींगन का साथ मिलेगा। वह लेबनान के खिलाफ हुए सेमीफाइनल में दो यलो कार्ड दिखाए जाने के चलते नहीं खेले थे। भारतीय टीम की निर्भरता एक बार फिर अब तक टूर्नामेंट में पांच गोल करने वाले कप्तान सुनील छेत्री पर होगी।
भारत ने सेमीफाइनल में लेबनान को पेनाल्टी शूटआउट में 4-2 से पराजित कर फाइनल में जगह बनाई थी, जबकि कुवैत ने एक्स्ट्रा टाइम में बांग्लादेश को 1-0 से हराया था। यह टूर्नामेंट में दूसरा मौका होगा जब दोनों टीमें आपस में टकराएंगी। इससे पहले ग्रुप में मैच में दोनों टीमों के बीच मुकाबला 1-1 से बराबर छूटा था। भारत को यह ड्रॉ अंतिम क्षणों में अनवर अली के आत्मघाती गोल के कारण खेलना पड़ा था।
सहायक कोच को टीम की फिटनेस पर भरोसा
फाइनल से पहले भारत की चिंता के दो कारण हैं, एक उन्हें लगातार दो मैचों में बेहद कड़े संघर्ष के बाद फाइनल खेलने को नसीब हो रहा है। दूसरा, हेड कोच क्रोएशिया के इगोर स्टिमैक फाइनल में भारतीय टीम के डगआउट में नहीं होंगे। टीम के असिस्टेंट कोच महेश गावली का कहना है कि अगर टीम को फाइनल के लिए एक सप्ताह का समय मिल रहा है तो कोई कुछ नहीं कर सकता है, लेकिन आपको 50 से अधिक दिन का समय मिलता है तो आप अपनी फिटनेस पर काम करोगे। हमें लगभग 50 दिन मिले हैं।
उन्होंने कहा- टीम के स्ट्रेंथ और कंडीशनिंग कोच लूका रेडमैन ने जबरदस्त काम किया है। हमने देखा है कि हमारे खिलाड़ियों ने बिना चोटिल हुए टूर्नामेंट खेला है। उन्हें मैच के दौरान किसी तरह के खिंचाव भी नहीं आए हैं। गावली कहते हैं कि संदेश झींगन की वापसी से टीम मजबूत होगी। हालांकि, लेबनान के खिलाफ उनकी जगह खेले अनवर अली ने शानदार खेल दिखाया था।
रेड कार्ड के चलते बाहर हैं स्टिमैक
स्टिमैक को टूर्नामेंट में दो बार पाकिस्तान और कुवैत के खिलाफ रेड कार्ड दिखाया गया है। जिसके चलते उन पर दो मैचों का प्रतिबंध लगा है। भारत की फाइनल में निगाहें सुनील छेत्री पर होंगी। लेबनान के खिलाफ उनकी सहायता के लिए महेश सिंह को उनके पीछे खिलाया गया था। गावली फाइनल में भी इसी रणनीति को अपना सकते हैं। छेत्री ने पाकिस्तान के खिलाफ तीन, नेपाल और कुवैत के खिलाफ एक-एक गोल किया था। लेबनान के खिलाफ उन्होंने पेनाल्टी शूटआउट में गोल किया था। गावली को उम्मीद है कि साहल अब्दुल समद, महेश सिंह, उदांता सिंह पहले की तरह गति और ऊर्जा के साथ खेलेंगे।

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