अमित शाह से मिलने के बाद पहलवानों का गुस्सा कम

साक्षी मलिक बोलीं- रेलवे में जिम्मेदारी निभा रही हूं, लड़ाई से पीछे नहीं हटी
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
भारतीय कुश्ती संघ अध्यक्ष बृजभूषण सिंह के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे पहलवानों के आंदोलन में नया मोड़ आ गया है। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि 2016 रियो ओलम्पिक में कांस्य जीतने वाली पहलवान साक्षी मलिक प्रदर्शन से हट गई हैं और रेलवे में अपनी नौकरी पर वापस लौट गई हैं। 
इस खबर के सामने आने के बाद साक्षी ने तुरंत ट्वीट करते हुए इन खबरों का खंडन किया। उन्होंने लिखा- ये खबर बिल्कुल गलत है। इंसाफ़ की लड़ाई में न हममें से कोई पीछे हटा है, न हटेगा। सत्याग्रह के साथ साथ रेलवे में अपनी जिम्मेदारी को साथ निभा रही हूं। इंसाफ मिलने तक हमारी लड़ाई जारी रहेगी। कृपया कोई गलत खबर न चलाई जाए।
बृजभूषण के खिलाफ आंदोलन से साक्षी का पीछे हटना इस आंदोलन के लिए बड़ी क्षति माना जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 2021 टोक्यो ओलम्पिक के कांस्य पदक विजेता बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट भी आंदोलन से हट सकते हैं और अपने काम पर वापस लौट सकते हैं। इन तीनों पहलवानों के ही नेतृत्व में बृजभूषण का विरोध किया जा रहा था। पहलवानों ने बृजभूषण पर यौन शोषण का आरोप लगाया था।
इस आरोप को लेकर पहलवान बजरंग, साक्षी और विनेश सबसे पहले 18 जनवरी को दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे थे। इसके बाद खेल मंत्रालय से कार्रवाई का आश्वासन मिलने के बाद पहलवानों ने धरना समाप्त कर दिया था। कोई कार्रवाई न होने का आरोप लगाते हुए पहलवान 23 अप्रैल को दोबारा दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे। पहलवान और बृजभूषण दोनों तरफ से बयानबाजी का दौर चालू रहा। जहां एक तरफ बृजभूषण ने कहा कि आरोप साबित होने पर वह खुद को फांसी लगा लेंगे, तो वहीं पहलवान उनकी गिरफ्तारी की मांग पर अड़े रहे। 
28 मई को पहलवानों के नए संसद भवन की तरफ कूच करने पर दिल्ली पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया था। हालांकि, बाद में पहलवानों को छोड़ भी दिया गया था। इतना ही नहीं दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना-प्रदर्शन को भी बंद करा दिया गया था और उनके टेंट हटा दिए गए थे। इसके बाद 30 मई को पहलवान हरिद्वार पहुंचे थे और ओलम्पिक समेत कई अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में जीते पदकों को गंगा में बहाने का फैसला लिया था। हालांकि, किसान नेता नरेश टिकैत की मांग पर पहलवानों ने गंगा में पदक बहाने के फैसले को टाल दिया था।
इसके बाद भारत के पदकवीरों को 1983 वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम इंडिया के खिलाड़ियों का समर्थन मिला था। इनमें कपिल देव, सुनील गावस्कर, दिलीप वेंगसरकर और मदनलाल समेत कई दिग्गज क्रिकेटर्स शामिल हैं। इन सब ने एक साझा बयान जारी किया था और पहलवानों से मेडल को गंगा में न बहाने की अपील की थी। बयान में इन पूर्व दिग्गज क्रिकेटर्स ने कहा था कि पहलवानों के साथ जो हुआ वह दुखद है, लेकिन वह मेहनत से हासिल किए गए पदकों को गंगा में न बहाएं। 1983 की चैम्पियन टीम ने कहा कि पहलवानों ने देश का मान बढ़ाया है। वह जल्दबाजी में कोई फैसला न लें। उम्मीद है कि पहलवानों की मांग सुनी जाएगी।
शनिवार को अमित शाह से मिले पहलवान
इसके बाद शनिवार रात को साक्षी, बजरंग और विनेश ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। इस दौरान पहलवानों ने गृह मंत्री से बृजभूषण की गिरफ्तारी की मांग की थी। इसके बाद गृह मंत्री ने पहलवानों से बिना भेदभाव के पूरी जांच का भरोसा दिया था। अमित शाह ने कहा कि इस मामले में कानून अपना काम करेगा। पुलिस जांच कर रही है। उन्होंने पहलवानों से यह भी पूछा था कि क्या पुलिस को अपने काम करने का समय नहीं देना चाहिए?
'आंदोलन वापस लेने पर किसी खिलाड़ी पर कोई कार्रवाई नहीं होगी'
रविवार को ओलम्पियन साक्षी मलिक की मां सुदेश मलिक ने दावा किया था कि करीब एक से डेढ़ घंटे की मुलाकात में गृह मंत्री ने तीनों खिलाड़ियों से कहा कि वे जोश की बजाय समझदारी से काम लें। सुदेश मलिक ने बताया कि शाह ने पहलवानों को आंदोलन समाप्त करने के लिए समझाते हुए कहा कि किसी भी खिलाड़ी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी। 
इसके बाद रविवार को बजरंग पूनिया सोनीपत स्थित मुंडलाना पंचायत में पहुंचे और आह्वान किया कि आज कोई फैसला नहीं लिया जाए। उन्होंने कहा कि जल्द ही सभी संगठनों को एक मंच पर लाकर बड़ी पंचायत बुलाई जाएगी। इस बारे में तीन-चार दिन में फैसला लिया जाएगा। फिर सभी को पंचायत के स्थान और समय के बारे सूचित कर दिया जाएगा। इसी पंचायत में अगला फैसला लिया जाएगा।

 

रिलेटेड पोस्ट्स