भारत की हेमलता अंजनी तेली बन नेपाल से खेली

महिला विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में मिला चारसौबीसी का मामला
श्रीप्रकाश शुक्ला
नई दिल्ली।
महिला विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में चारसौबीसी के एक मामले ने आयोजकों को मुश्किल में डाल दिया है। अब तक भारत की ओर से दिल्ली का प्रतिनिधित्व करती रही महिला मुक्केबाज अब नाम बदलकर नेपाल की ओर से खेल रही है। यह सनसनीखेज खुलासा इस खिलाड़ी के अपना पहला मैच जीतने के बाद हुआ है। 
दिल्ली के इंदिरा गांधी स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स में इन दिनों विश्व महिला मुक्केबाजी का आयोजन किया जा रहा है। इस आयोजन पर भी विवाद उठने शुरू हो गए हैं। इस बार विवाद एक ऐसी महिला खिलाडी को लेकर खड़ा हुआ है, जो कुछ महीने पूर्व तक भारतीय मुक्केबाजी प्रतियोगिताओं में दिल्ली राज्य का प्रतिनिधित्व करती रही। मगर अब यह खिलाड़ी भारत के पड़ोसी देश नेपाल की ओर से विश्व महिला मुक्केबाजी में खेलने पहुंच गई। जहां उसने पहली बाउट में 4-3 से जीत भी दर्ज कर ली लेकिन अब उसका खेलना मुश्किल दिख रहा है।
दरअसल इस मामले से पर्दा तब उठा जब विश्व महिला मुक्केबाजी का मुकाबला देखने पहुंचे मुक्केबाजों ने इस महिला मुक्केबाज को पहचान लिया। अब सवाल यह उठ रहा है कि जो महिला खिलाड़ी अब तक भारत की ओर से खेल रही थी, वह नेपाल की ओर से कैसे खेल रही है? जबकि इंटरनेशनल मुक्केबाजी एसोसिएशन के नियमों के अनुसार कोई मुक्केबाज तभी दूसरे देश से खेल सकता है, जब उसके पास उस देश का पासपोर्ट हो ओर उसने पिछले देश से अनापत्ति प्रमाण पत्र लिया हो। इसके लिए कम से कम तीन साल का कूलिंग पीरियड नियम भी है। ऐसे में यह मामला धीरे-धीरे एक सनसनी के रूप में मुक्केबाजी जगत में फैलता जा रहा है।  
सूत्रों की मानें तो नेपाल की ओर से खेलने वाली अंजनी तेली हेमलता के नाम से बॉक्सिंग फेडरेशन आफ इंडिया द्वारा वर्ष 2021 में हिसार में आयोजित राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में दिल्ली का प्रतिनिधित्व कर चुकी है। यहीं नहीं उसने दिल्ली राज्य मुक्केबाजी में स्वर्ण पदक भी जीता था। यह स्वर्ण उसने 52 किलो भार वर्ग में जगजीत कौर को हराने पर पाया था, तभी वह राष्ट्रीय प्रतियोगिता में खेल सकी।
मजेदार बात यह है कि उक्त अंजनी तेली या हेमलता से दिल्ली की जिस मुक्केबाज महिला जगजीत कौर को रजत पदक पर संतोष करना पडा था, उसी ने उसको नेपाल का प्रतिनिधित्व करने पर पहचान लिया। भारतीय प्रतियोगिताओं के दौरान जगजीत कौर उस पर अपना विरोध जता चुकी है। मगर हद तो तब हो गई जब अंजनी ने सभी नियमों को ताक पर रखकर भारतीय राज्यों का प्रतिनिधित्व बदलने के बजाय देश ही बदल डाला।
सूत्रों कि मानें तो जगजीत कौर ने जब इसकी जानकारी अपने संबंधित मुक्केबाजी कोच को दी तो पहले किसी ने भरोसा नहीं किया। मगर जब नेपाल की तरफ से हेमलता उर्फ अंजनी को खेलता देखा तो चारसौबीसी का पता चल गया। जिसके बाद जगजीत कौर के कोच ही नहीं, अन्य कोचों ने भी भारत सरकार के खेल मंत्रालय, भारतीय बॉक्सिंग संघ, भारतीय ख्रेल प्राधिकरण, खेलों इंडिया आदि सबंधित विभागों को शिकायत की। उक्त शिकायत को लेकर विभाग के लोग कह रहे हैं कि वह सही है, मगर उस पर कोई कार्रवाई करने को तैयार नहीं है। ऐसे में अंजनी अगर विश्व महिला मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में एक ओर मुकाबला जीत जाती है तो उसका क्वार्टर फाइनल में भारतीय महिला मुक्केबाज से मुकाबला होगा। ऐसे में क्या अंजनी के भारतीय मुक्केबाज से भिड़ने के बाद सभी विभागों के अधिकारी कार्रवाई करेंगे? इस संबंध में प्रत्येक विभाग को लिखित और फोन पर शिकायत तो की गई, मगर किसी ने भी इस पर बात करना उचित नहीं समझा। फिलहाल महिला मुक्केबाज और कोच सच्चाई को लेकर दर-दर भटक रहे हैं, यह सोचकर कि कभी तो उनकी जीत होगी या कहिए कि अधिकारियों के कानों में जूं रेंगेगी।
इस बाबत जब हेमलता उर्फ अंजनी से फोन पर बात की तो उन्होंने बताया कि यह सही है 2021 में मैं दिल्ली से खेली थी यह मेरा बॉक्सिंग का पहला टूर्नामेंट था। इसमें मैंने पासपोर्ट अप्लाई करने वाला पर्चा दिखाया था जिसके बाद पासपोर्ट नहीं बना। मैं क्योंकि दिल्ली में पैदा हुई थी इसलिए दिल्ली से खेली थी, क्योंकि मेरा परिवार नेपाल में रहता है, पिता 20 वर्ष पहले दिल्ली आए थे। लेकिन मेरे चाचा और ताऊ सब नेपाल में आज भी रहते हैं, मैं वापस चली गई नेपाल। अब मैं नेपाल से ही खेल रही हूं, नेपाल से ही मेरा पासपोर्ट बना हुआ है। खास बात यह है कि उन्होंने अपना नाम बदलने का कारण अब भी नहीं बताया है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि अपने नाम के साथ तेली लगाने के पीछे कहीं सरकारी सुविधाओं का लाभ उठाना तो मकसद नहीं है। देखा जाए तो हेमलता दिल्ली में ही पढ़ी और खेली है। नियमतः उसे तीन साल का कूलिंग पीरियड पूरा करने के बाद ही नेपाल से खेलना था।

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