60 साल बाद अब क्यूबा की महिलाएं भी जड़ेंगी पंच

क्यूबा सरकार ने महिला बॉक्सिंग से प्रतिबंध हटाया
ओलम्पिक बॉक्सिंग में क्यूबा का दबदबा
हवाना।
बॉक्सिंग का दबदबा कहे जाने वाले क्यूबा की महिलाओं का बॉक्सिंग टूर्नामेंटों में हिस्सा लेने का लम्बा इंतजार खत्म हो गया। 60 वर्षों में पहली बार क्यूबा की महिलाएं प्रतिस्पर्धी मुकाबलों में हिस्सा ले सकेंगी। क्यूबा के अधिकारियों ने महिला मुक्केबाजों को 60 वर्षों के प्रतिबंध के बाद प्रतिस्पर्धी मुकाबले खेलने की स्वीकृति देने की घोषणा की।
क्यूबा के राष्ट्रीय खेल संस्थान (आईएनडीईआर) के उपाध्यक्ष एरियल सैंज ने कहा कि क्यूबा में महिलाएं भी बॉक्सिंग करेंगी। महिलाएं क्यूबा का नाम पदक तालिका में आगे लेकर जाएंगी। हमारा एक कानून है। अब पुरुष और महिला के बीच समानता रहेगी। आईएनडीईआर ने घोषणा की कि वे इस महीने 42 महिला मुक्केबाजों के बीच प्रतिस्पर्धा कराएंगे जिसके बाद 12 सदस्यीय महिला टीम का चयन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि यह टीम अल सल्वाडोर में मध्य अमेरिकी और कैरेबियाई खेलों के साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदार्पण करेगी।
अधिकारियों ने यह नहीं बताया कि क्यूबा में महिलाओं का बॉक्सिंग में प्रतिबंध क्यों लगा था, जबकि यहां महिलाओं को कुश्ती, भारोत्तोलन, कराटे, ताइक्वांडो और जूडो में हिस्सा लेने की अनुमति है। प्रतिस्पर्धी मुक्केबाजी में शिरकत की स्वीकृति मिलने के बाद से लेगनिस काला मासो जैसी बॉक्सर बेहद खुश हैं जिन्हें सात साल पहले मुक्केबाजी शुरू करने के बाद से इस दिन का इंतजार था। काला मासो जैसी महिला मुक्केबाजों ने इस स्वीकृति को हासिल करने के लिए वर्षों से काफी संघर्ष किया है। काला मासो ने कहा, ‘हमेशा से कहा जाता था कि मुक्केबाजी क्यूबा की महिलाओं के लिए नहीं है, यह हमेशा से समस्या रही थी। अब देखिए हम कहां हैं, हमने कभी नहीं सोचा था कि हम यहां पहुंचेंगे।’
क्यूबा को दुनिया भर में मुक्केबाजी के लिए जाना जाता है। उसने फेलिक्स सेवोन, टियोफिलो स्टीवसन और जूलियो सीजर ला क्रूज जैसे महान मुक्केबाज दुनिया को दिए और उसके पास ओलंपिक में दर्जनों पदक हैं। क्यूबा ने ओलंपिक में बॉक्सिंग में 41 स्वर्ण पदक जीते हैं। यह देश ओलंपिक में बॉक्सिंग में सर्वाधिक पदक जीतने के मामले में दूसरे नंबर पर है। शीर्ष पर अमेरिका है जिसने 50 स्वर्ण सहित कुल 117 पदक जीते हैं। क्यूबा के कुल पदक 78 हैं। अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) ने 2009 में घोषणा की थी कि महिलाएं भी बॉक्सिंग में हिस्सा लेंगी। इसके तीन साल बाद महिला बॉक्सरों ने 2012 लंदन, 2016 रियो डि जेनेरियो और 2020 में टोक्यो ओलंपिक में हिस्सा लिया था।

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