पिता प्रेरणा तो रोनाल्डो मेरे आदर्शः जेरेमी

पत्रकार वार्ता में स्वर्ण पदकधारी ने दिए जवाब
दादा-दादी को समर्पित है मेरा यह पदक
खेलपथ संवाद
बर्मिंघम।
जेरेमी लालरिनुंगा ने भारत को बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में दूसरा स्वर्ण दिलाया। उन्होंने वेटलिफ्टिंग में  67 किलोग्राम भारवर्ग में इतिहास रच दिया। जेरेमी ने कुल 300 किलोग्राम भार उठाकर देश को सोना दिलाया। मिजोरम के रहने वाले 19 वर्षीय जेरेमी ने स्नैच राउंड में 140 किलोग्राम और क्लीन एंड जर्क में 160 किलोग्राम वजन उठाया। वह इस राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण जीतने वाले पहले भारतीय पुरुष बन गए। उनसे पहले मीराबाई चानू ने वेटलिफ्टिंग में ही देश को सोना दिलाया था। स्वर्ण जीतने के बाद जेरेमी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रकारों के सवालों के जवाब दिए। 
सवाल: वेटलिफ्टिंग में आपकी शुरुआत कैसे हुई? किसने आपको प्रेरित किया?
जेरेमी: मैंने दिसंबर 2011 में वेटलिफ्टिंग की शुरुआत की थी। 2012 में स्पोर्ट्स अकेडमी जॉइन किया था। आर्मी इंस्टीट्यूट में ट्रेनिंग की। फिर नेशनल लेवल पर पदक जीतकर भारत का प्रतिनिधित्व करने का मौका हासिल किया। 
सवाल: आपके फेवरेट एथलीट कौन हैं?
जेरेमी: सबसे पहले मैं अपने प्रेरणा के बारे में बात करूंगा। मेरे पिता मेरे प्रेरणा रहे हैं। वह मुक्केबाज हैं। वह नेशनल में काफी मेडल जीते चुके हैं। उन्होंने काफी संघर्ष किया है। फेवरेट एथलीट के बारे में बात करें तो मैं क्रिस्टियानो रोनाल्डो को पसंद करता हूं।
फाइनल में जेरेमी का मुकाबला समोआ के वैपावा नेवो से था। वैपावा ने स्नैच में 127 किलोग्राम और क्लीन एंड जर्क में 166 किलोग्राम वजन उठाकर रजत पदक जीता। अपने आखिरी प्रयास में उन्होंने गोल्ड जीतने की चाहत में 174 किलोग्राम वजन उठाने की कोशिश की, लेकिन असफल रहे वहीं, नाइजीरिया के इडिडोंग ने स्नैच में 130 और क्लीन एंड जर्क में 160 किलोग्राम वजन उठाकर कांस्य पदक अपने नाम किया।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में जेरेमी ने कहा कि क्लीन एंड जर्क में जितना वजन उठाना चाहता था, उतना कर नहीं पाया, लेकिन फिर भी अपने प्रदर्शन से संतुष्ट हूं। लोग मुझे पोडियम पर चढ़ते हुए देखने आए थे। मुझे गर्व महसूस हुआ। मैं सबको धन्यवाद कहना चाहता हूं। जेरेमी ने पदक जीतने के बाद अपने दादा और दादी को इसका क्रेडिट दिया। इसको लेकर जेरेमी ने कहा- दादा-दादी हमेशा मेरे लिए प्रार्थना करते हैं। इसलिए यह पदक उनके लिए।
क्लीन एंड जर्क राउंड में दूसरे और तीसरे राउंड में जेरेमी जूझते हुए दिखे थे। इसको लेकर उन्होंने कहा कि क्लीन एंड जर्क में पहले राउंड के बाद मेरी जांघों में क्रैंप आ गया था। इसलिए वार्म अप नहीं कर पाया था। जेरेमी ने कहा कि वह स्वर्ण को लेकर कॉन्फिडेंट थे, क्योंकि इसके लिए वह एक महीने पहले से ही जमकर ट्रेनिंग कर रहे थे और उन्हें कोई इंजरी भी नहीं थी। उन्होंने कहा- मुझे पूरी उम्मीद थी कि मैं स्वर्ण जीतूंगा। मेरे फीजियो ने भी पूरी मदद की रिहैब में और ट्रेनिंग में। इस वजह से मैं कामयाब हो पाया हूं। 
फाइनल के दौरान सामोआ के वेटलिफ्टर ने जेरेमी से बात भी की थी। जेरेमी ने बताया कि सामोआ के वेटलिफ्टर ने उन्हें एक गिफ्ट भी दिया है। इसके अलावा वह पेरिस ओलम्पिक को भी अपना लक्ष्य बना रखे हैं। जेरेमी ने कहा है कि वह पेरिस ओलम्पिक में जरूर पदक लाने की कोशिश करेंगे। भारतीय स्टार वेटलिफ्टर दो साल से घर नहीं गए हैं, लेकिन अब पदक जीतने के बाद वह छुट्टी लेकर घर जाना चाहते हैं और अपने माता-पिता और भाई के साथ समय बिताना चाहते हैं। 
जेरेमी की जीत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बधाई दी है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा- हमारी युवा शक्ति इतिहास रच रही ! जेरेमी लालरिनुंगा को बधाई, जिन्होंने अपने पहले ही राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीता है और साथ ही एक अभूतपूर्व राष्ट्रमंडल खेल रिकॉर्ड भी बनाया है। छोटी सी उम्र में उन्होंने अपार गौरव और यश हासिल किया है। उन्हें उनके भविष्य के प्रयासों के लिए शुभकामनाएं। वेटलिफ्टिंग और कुल मिलाकर भारत ने अब तक छह पदक जीते हैं। मीराबाई चानू, अचिंता और लालरिनुंगा के स्वर्ण के अलावा बिंदियारानी देवी ने रजत, संकेत सरगर ने रजत और गुरुराजा पुजारी ने कांस्य पदक जीता है।

 

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