भारत में खेलना मेरे लिए अच्छा रहेगाः नीरज चोपड़ा

ओलम्पिक स्वर्ण पदकधारी का विदेश में खेलने पर छलका दर्द
खेलपथ संवाद
दोहा।
डायमंड लीग में खेलकर पेरिस ओलम्पिक की तैयारियों को बल देने वाले भारतीय भाला फेंक एथलीट नीरज चोपड़ा ने टूर्नामेंट में खेलने से पहले कहा कि अभ्यास के कारण अधिकतर विदेश में रहने के कारण उनकी स्टार खिलाड़ी की छवि भारत में उनके अभ्यास और प्रतिस्पर्धा में रोड़ा बन जाती है। मौजूदा विश्व और एशियाई चैम्पियन नीरज शुक्रवार को दोहा डायमंड लीग में प्रतिस्पर्धा करने उतरेंगे। यह इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट का पहला चरण है। 
नीरज ने दोहा डायमंड लीग में उतरने से पहले कहा, मेरे लिए खेल सबसे अधिक महत्वपूर्ण है। अगर मैं भारत में खेलता हूं तो यह मेरे प्रोफाइल के लिए अच्छा होगा क्योंकि वहां कई समारोह और विवाह भी हैं। इसके अलावा मैं अपने परिवार और दोस्तों से भी मिलना चाहता हूं। लेकिन यह ओलम्पिक वर्ष है और मेरे लिए अभ्यास करना सबसे अधिक महत्वपूर्ण है। टोक्यो ओलम्पिक से पहले मैं भारत में ही अभ्यास करता था, लेकिन अभी मैं केवल अपने खेल पर ध्यान देना चाहता हूं। मैं बाद में भारत में अभ्यास करूंगा। 
नीरज डायमंड लीग में हिस्सा लेने के बाद भारत आएंगे जहां वह भुवनेश्वर में 12 से 15 मई तक भुवनेश्वर में होने वाले फेडरेशन कप में हिस्सा लेंगे। पिछले तीन साल में यह पहला अवसर होगा जब वह भारत में किसी टूर्नामेंट में हिस्सा लेंगे। नीरज जानते हैं भारत में उन्हें सभी जानते हैं और उनकी उपस्थिति से किस तरह देश में उनके खेल का महत्व बढ़ा है। नीरज ने कहा, यह विराट कोहली या महेंद्र सिंह धोनी की तरह नहीं है, लेकिन काफी लोग मुझे जानते हैं। मैं कभी-कभी भारत जाता हूं और लोग मुझे जानते हैं जो एथलेटिक्स के लिए अच्छा है। ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने के कारण लोग एथलेटिक्स का अनुसरण करते हैं।
नीरज चोपड़ा ने भले ही अपने करियर में ओलंपिक में स्वर्ण पदक सहित कई पुरस्कार जीते हैं, लेकिन वह अब तक 90 मीटर का थ्रो नहीं कर सके हैं। हालांकि नीरज इसे लेकर किसी तरह का दावा नहीं करना चाहते हैं। उन्होंने कहा, पिछले साल मैंने कहा था कि मैं 90 मीटर भाला फेकूंगा, लेकिन 88 मीटर का थ्रो ही कर सका था। इस साल मैं कोई दावा नहीं करना चाहता, बस अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना चाहता हूं।

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