अमेरिकी महिला खिलाड़ी कार्सन पिकेट ने दी दिव्यांगता को मात

फुटबॉल टीम में शामिल होने का मिला गौरव
कोलम्बिया के खिलाफ मैत्री मैच में खेलीं
उटाही।
जीवन में कई लोग सामान्य दिव्यांग की स्थिति में होने पर निराशा या अवसाद की जिंदगी जीते हैं। वह हर समय संघर्ष करते रहते हैं, लेकिन अमेरिका की 28 वर्षीय कार्सन पिकेट जो जन्म से ही बाएं हाथ के बिना थीं, अपनी मेहनत और लगन से अमेरिका की अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल टीम (सीनियर) में जगह पाने वाली पहली डिफेंडर दिव्यांग खिलाड़ी बन गई हैं। रियो टिंटो स्टेडियम में आयोजित कोलंबिया के खिलाफ मैत्री मैच में वह टीम के साथ 90 मिनट तक लेफ्ट बैक पर खेलतीं नजर आईं। इस मैच में अमेरिका ने कोलम्बिया पर 2-0 से जीत दर्ज की। 
2019 में भी वायरल हुई थी फोटो
नार्थ कैरीलोना करेज फुटबॉल क्लब से खेलने वाली पिकेट ने पिछले दिनों राष्ट्रीय महिला फुटबॉल लीग (एनडब्ल्यूएसएल) में अपना 100वां मैच पूरा किया। जून में उन्हें लीग के सर्वश्रेष्ठ 11 में चुना गया था। पिकेट 2016 में एनडब्ल्यूएसएल से खेलना शुरू किया था। 2019 में उनकी एक फोटो इंटरनेट पर वायरल हुई थी, जिसमें वह एक मैच के दौरान स्टेडियम में बैठे एक छोटे बच्चे से मुलाकात कर रही हैं। उसका भी जन्म से एक हाथ नहीं था। अब तीन साल बाद वह फिर से अंतरराष्ट्रीय मैच में पदार्पण को लेकर चर्चा में हैं। इससे पहले वह यूएस-17 व यूएस-23 टीम में शामिल हो चुकी हैं।
पिकेट कहती हैं कि अंतरराष्ट्रीय मैच खेलना सपने का सच होने जैसा है। अपने एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा था कि मैं अपने हाथ का इस्तेमाल अपने से बड़ी चीज के लिए कर सकती हूं। जिन्हें अपने जीवन में रास्ता नहीं दिख रहा है, उन्हें प्रभावित करने में सक्षम हूं। उनके अनुसार, अगर आप आगे बढ़ना चाहते हैं तो सबसे पहले खुश रहना सीखना होगा, क्योंकि बहुत लंबा सफर तय करना है।

 

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