पीरियड्स आने से हार गई चीनी खिलाड़ी झेंग किनवेन

फ्रेंच ओपन से बाहर होने पर कहा- काश मैं लड़का होती 
पेरिस।
हर खेलप्रेमी खिलाड़ी बेटियों से जीत की अपेक्षा करता है और प्रायः वे अपेक्षाओं पर खरी भी उतरती हैं लेकिन यदा-कदा उन्हें ऐसी परेशानियों के चलते मुकाबले में हार का सामना करना पड़ता है जिसका निदान उसके हाथ में नहीं होता। यही कुछ हुआ चीनी खिलाड़ी झेंग किनवेन के साथ। इगा स्वितेक के खिलाफ मैच में झेंग किनवेन ने पहला सेट जीत लिया था। इसके बाद उन्हें पेट में दर्द शुरू हुआ और बाकी के दोनों सेट वो आसानी से हार गईं। इस हार के साथ ही वो फ्रेंच ओपन से बाहर हो गईं। 
फ्रेंच ओपन में दुनिया की नम्बर एक महिला खिलाड़ी इगा स्वितेक से हारने के बाद चीन की झेंग किनवेन ने कहा है कि पेट में दर्द की वजह से वो इतिहास रचने से चूक गईं। मैच हारने के बाद उन्होंने कहा कि काश मैं लड़का होती। 19 साल की झेंग पहली बार रोलैंड गैरोस में खेल रही थीं और टॉप सीड स्वितेक के खिलाफ उन्होंने शानदार शुरुआत की थी। पहला सेट 6-7 के करीबी अंतर से जीतने के बाद उन्हें दूसरे सेट में 6-0 और तीसरे सेट में 6-2 के अंतर से हार का सामना करना पड़ा। इस हार के साथ ही फ्रेंच ओपन में उनका सफर खत्म हो गया। 
इस मैच के दौरान दुनिया की 74वें नंबर की महिला खिलाड़ी झेंग को पैर में चोट लगी थी और इलाज के लिए उन्हें ब्रेक भी लेना पड़ा था, लेकिन उनकी हार की असली वजह कुछ और थी। झेंग ने बताया कि पैर में लगी चोट की उन्हें कोई चिंता नहीं थी, लेकिन पेट में दर्द की वजह से उनका खेल प्रभावित हुआ और उन्हें हार का सामना करना पड़ा। मैच के बाद झेंग ने पीरियड्स से होने वाले दर्द की तरफ इशारा करते हुए कहा "यह लड़कियों वाली चीज थी। पहला दिन हमेशा बहुत मुश्किल होता है और ऐसे में मुझे मैच खेलना था। मुझे पहले दिन हमेशा बहुत ज्यादा दर्द होता है। मैं अपने स्वभाव के खिलाफ नहीं जा सकती थी। मैं सोचती हूं कि काश मैं लड़का होती तो मुझे यह सब नहीं झेलना पड़ता। यह मुश्किल है।"
82 मिनट के बाद जीता पहला सेट
इस मैच का पहला सेट 82 मिनट तक चला था, जिसमें झेंग ने पांच बार सेट प्वाइंट बचाए। इसके बाद उन्होंने टाइब्रेक में 2/5 के अंतर से पिछड़ने के बाद वापसी की और दुनिया की नम्बर एक खिलाड़ी को मात दी। 23 अप्रैल के बाद स्वितेक पहला सेट हारी थीं। इससे पहले ल्यूडमिला समसोनोवा ने उन्हें सेमीफाइनल में हराया था। दूसरे सेट में 0-3 से पिछड़ने के बाद झेंग के पैर में चोट लगी और उन्हें ब्रेक लेना पड़ा। इसके बाद वो मैच में वापसी नहीं कर पाईं और दूसरे सेट के बाद तीसरा सेट भी गंवा दिया। झेंग ने सुपर-16 में जगह बनाने के लिए 2018 की चैम्पियन सिमोना हालेप को मात दी थी। पेट में दर्द की वजह से झेंग ने 46 गलतियां कीं। इस पर उन्होंने कहा कि पेट में दर्द के बाद पैर में चोट लगने से चीजें उनके लिए और मुश्किल हो गईं। उन्होंने कोर्ट में अपना सर्वश्रेष्ठ दिया, लेकिन यह मुश्किल था। 
स्वितेक ने बनाया रिकॉर्ड
झेंग पर जीत के साथ ही स्वितेक ने लगातार 32 मैच जीतने का रिकॉर्ड बना लिया है। उन्होंने जस्टिन हीन के 14 साल पुराने रिकॉर्ड की बराबरी की है। लगातार सबसे ज्यादा मैच जीतने के मामले में वो संयुक्त रूप से तीसरे नम्बर पर हैं। लगातार तीसरे साल क्वार्टर फाइनल में जगह बनाने वाली स्वितेक ने कहा कि झेंग ने बेहतरीन टेनिस खेली। उनके कुछ शॉट से उन्हें हैरानी भी हुई। उनकी टॉप स्पिन शानदार थी। उनको बहुत-बहुत बधाई। स्वितेक पहला सेट हारने के बाद मैच जीतने से खुश नजर आईं।  

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