10 खेलों की तैयारियों का अब खिंचेगा खाका

एशियाई खेल: टूर्नामेंट के शुरू होने में बचे सात माह
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
एशियाई खेलों को शुरू होने में ठीक सात माह का समय बचा है, लेकिन चार साल पहले जकार्ता में 25 पदक दिलाने वाले 10 ओलम्पिक और गैर ओलम्पिक खेलों की तैयारियां अब तक नहीं सिरे चढ़ी हैं। इन खेलों के कई खिलाड़ियों को जकार्ता एशियाई खेलों से तकरीबन एक साल पहले टारगेट ओलम्पिक पोडियम स्कीम (टॉप्स) में शामिल कर लिया गया था, लेकिन इस बार टॉप्स में इन खेलों के खिलाड़ी अब तक शामिल नहीं हैं। खेल मंत्रालय और साई ने अब एशियाई और राष्ट्रमंडल खेलों में पदक दिलाने वाले प्राथमिकता प्राप्त खेलों के अलावा 10 खेलों का चयन कर उनकी तैयारियां पटरी पर लाने की योजना बनाई है।
खेल सचिव से होगी चर्चा
मंत्रालय जल्द ही जकार्ता एशियाई खेलों में दो स्वर्ण समेत 25 पदक दिलाने वाले खेलों ब्रिज, घुड़सवारी, कबड्डी, कुराश, याचिंग, सेपक टाकरा, स्क्वाश, टेनिस और वुशू के अलावा इस बार के हांग झोऊ एशियाई खेलों में शामिल किए गए चेस की तैयारियों का खाका खीचने जा रहा है। खुद खेल सचिव इन खेल संघों के साथ जल्द उनकी तैयारियों पर चर्चा करेंगी। खेल सचिव इन खेलों से आगामी एशियाई, राष्ट्रमंडल खेलों में पदक जीतने की संभावनाओं और संभावित पदक विजेताओं की तैयारियों के बारे में बात करेंगी। 
दो स्वर्ण समेत 25 पदक जीते थे नौ खेलों ने
जकार्ता एशियाई खेलों में भारत ने 15 स्वर्ण समेत कुल 69 पदक जीते थे और वह पदत तालिका में आठवें स्थान पर रहा था। इनमें मंत्रालय की सूची में शामिल किए गए इन 10 खेलों (चेस को छोड़कर) का बड़ा हाथ था। स्क्वाश में पांच, वूशु में चार पदक आए थे। ब्रिज में एक स्वर्ण समेत तीन पदक आए थे। टेनिस में भी एक स्वर्ण दो कांस्य आए थे।
टॉप्स में शामिल करने की उठेगी आवाज
कुछ खेल संघों के पदाधिकारियों का कहना है कि एशियाई खेलों की तैयारियां ओलम्पिक के बाद शुरू हो जानी चाहिए थी। खासतौर पर संभावित पदक विजेताओं को टॉप्स में शामिल किया जाना चाहिए था। जो भी थोड़ी तैयारियां चल रही हैं वह वार्षिक कैलेंडर के अनुसार चल रही हैं जो नाकाफी हैं। खेल सचिव के समक्ष वे सबसे पहले संभावित पदक विजेताओं को टॉप्स में शामिल करने को कहेंगे।

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