कोरोना दवा कम्पनी के 80 फीसदी शेयर जोकोविच के पास
सीईओ का खुलासा- जोकोविच मेडिकल कम्पनी के सह संस्थापक हैं
नई दिल्ली। कोरोना वैक्सीन न लगवाने वाले नोवाक जोकोविच को लेकर नया खुलासा हुआ है। जोकोविच एक मेडिकल कम्पनी के सह संस्थापक हैं और उनके पास इस कंपनी के 80 फीसदी शेयर हैं। यह कंपनी कोरोना की दवा बना रही है। कंपनी के सीईओ ने बताया है कि जोकोविच और उनकी कंपनी में शेयरधारक हैं। यह दवा कंपनी ऐसी तकनीक पर काम कर रही है, जिसके जरिए वायरस और बैक्टीरिया से होने वाली बिमारियों का इलाज किया जा सकेगा। इस साल गर्मी के मौसम में इंग्लैंड के लोगों पर इस तकनीक का ट्रायल हो सकता है।
डेनमार्क की कंपनी क्वानटबायरेस के सीईओ इवान लॉनकार्विक ने बुधवार को बताया कि जोकोविच इस कंपनी के सह संस्थापकों में से एक हैं। इस कंपनी की संस्थापना 2020 में की गई थी। वहीं जोकोविच और उनकी पत्नी जेलेना के पास इंस कंपनी के लगभग 80 फीसदी शेयर हैं। यह कंपनी डेनमार्क के अलावा, सॉल्वेनिया, ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन में काम करती है।
क्वानटबायरेस कंपनी के वैज्ञानिक एक ऐसी तकनीक में काम कर रहे हैं, जो वायरस और बैक्टीरिया से होने वाली बीमारियों को रोकने में कारगर होगी। मौजूदा समय में वायरस से होने वाली बीमारियों को रोकने के लिए कोई दवा नहीं है। इसी वजह से कोरोना जैसी महामारी को रोकने के लिए वैक्सीन लगाई जा रही है। ताकि लोग इससे संक्रमित न हों। क्वानटाबयरेस के सीईओ ने कहा "हमारा उद्देश्य एक ऐसी नई तकनीक बनाना है, जो वायरस से लड़ने में मददगार हो और बैक्टीरिया को रोक सके। हमनें कोविड को एक शोकेश के रूप में इस्तेमाल करने का फैसला किया है। अगर हम कोरोना के साथ सफल रहते हैं तो हम बाकी वायरस के मामले में भी सफल रहेंगे।" यह कंपनी इसी साल गर्मी के मौसम में ब्रिटेन के लोगों पर नई तकनीक का ट्रायल कर सकती है।
कोरोना वैक्सीन न लगवाने के कारण नोवाक जोकोविच को ऑस्ट्रेलियन ओपेन में खेलने का मौका नहीं दिया गया। यह टूर्नामेंट शुरू होने से पहले दो बार दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी का वीजा रद्द हुआ और अंत में उन्हें ऑस्ट्रेलिया छोड़कर अपने देश जाना पड़ा। इसके बाद फ्रेंच ओपेन में भी उनके खेलने पर संशय बना हुआ है। आयोजकों ने कहा है कि अगर जोकोविच इस टूर्नामेंट में खेलना चाहते हैं तो उन्हें कोरोना वैक्सीन लगवानी होगी। न्यूजी एजेंसी एपी के अनुसार जोकोविच के प्रवक्ता ने क्वानटबायरेस कंपनी में उनके शेयर खरीदने को लेकर कुछ भी कहने से मना कर दिया।