आठवें सीजन के लिए तैयार हैं राहुल चौधरी
प्रो कबड्डी लीगः व्यक्तिगत प्रदर्शन नहीं इस बार टीम को जिताने पर होगा जोर
खेलपथ संवाद
बेंगलूरु। कबड्डी के स्टार खिलाड़ी राहुल चौधरी इस बार पुणेरी पलटन टीम का हिस्सा हैं। राहुल इस सीजन के लिए तैयार हैं और इस बार वो अपने व्यक्तिगत प्रदर्शन की बजाय अपनी टीम को जीत दिलाने पर ज्यादा ध्यान देंगे। इस लीग का आठवां सीजन 22 दिसम्बर से बेंगलूरु में शुरू हो रहा है।
कोरोना की वजह से इस बार लीग के सारे मैच एक ही स्टेडियम में खेले जाएंगे और दर्शकों को स्टेडियम में आकर मैच देखने की अनुमति नहीं होगी। राहुल को रनिंग हैंड टच में महारत हासिल है और वो अधिकर प्वाइंट इसी तरीके से लेते हैं। इस बार भी उनकी कोशिश यही होगी कि बोनस के साथ हर रेड में एक या दो प्वाइंट लेकर अपनी टीम को लगातार अंक दिलाएं।
उन्होंने साक्षात्कार में क्या कहा जानिए
1. आपने चौथे सीजन में बेस्ट रेडर का खिताब जीता था, उस सीजन में आपने क्या खास किया था और इस सीजन के लिए क्या प्लान है।
इस बार बहुत ज्यादा प्रैक्टिस की है, अपनी गेम में बहुत ज्यादा फोकस किया है। कोरोना की वजह से जो कमी आई थी उसे दूर करने के लिए मेहनत की है। इस बार भी बहुत अच्छा करेंगे, जैसा चौथे सीजन में किया था, वैसा ही करेंगे।
2. आप दूसरे खिलाड़ी हैं, जिन्होंने इस लीग में 1000 प्वाइंट पूरे किए। इसके अलावा भी कई रिकॉर्ड आपके नाम हैं। बड़ा खिलाड़ी होने से फैंस और टीम की उम्मीदें बहुत ज्यादा बढ़ जाती हैं। आपके प्रदर्शन पर ये चीजें कैसा असर डालती हैं।
ये चीजें दिमाग में नहीं होना चाहिए। हमारा काम अपने गेम पर फोकस करने का और अपनी गेम को और बेहतर करने का है। हम फैंस की उम्मीदों का दबाव नहीं लेते हैं, बल्कि उन्हें सकारात्मक तरीके से लेते हैं।
3. आप खुद को फिट रखने के लिए क्या करते हैं।
अगर अपने आपको फिट रखना है तो डाइट बहुत जरूरी होती है। वर्कआउट करना होता है और डाइट मेंटेन करनी पड़ती है। यही काम हम लोग करते हैं।
4. आपने दूसरे और चौथे सीजन में 6-6 सुपर रेड्स की थीं, लेकिन पिछले सीजन में कोई सुपर रेड नहीं हुई। अब इस सीजन के लिए क्या तैयारी है, क्या हर रेड में एक प्वाइंट्स लेकर ही वापस आएंगे या बड़ी रेड के लिए भी खुद को तैयार किया है।
जो टीम की जरूरत होगी उस हिसाब से खेलूंगा। अगर ज्यादा प्वाइंट्स की जरूरत होगी तो ज्यादा अंक लाने की कोशिश करूंगा। मैच के हिसाब से गेम को बदलना पड़ता है। कभी-कभी ज्यादा पिछड़ते हैं तो ज्यादा अंक की कोशिश करनी पड़ती है और कभी-कभी बोनस प्वाइंट से ही टीम की बढ़त बनी रहती है। इस बार भी मैच के हिसाब से अपने गेम को बदलूंगा और टीम को जिताने की कोशिश करूंगा।
5. पिछले साल कोरोना की वजह से यह लीग नहीं हो पाई थी। कई महीनों के बाद आप फिर से कोर्ट में उतरेंगे। इस दौरान आपके अंदर क्या बदलाव आए हैं और अब आपके सामने क्या चुनौतियां हैं।
सबसे बड़ी चुनौती तो कोरोना है। इसकी वजह से लीग नहीं हो पा रही है। इसकी वजह से खेल भी प्रभावित होता है, लेकिन मैं अपने खेल पर बहुत ज्यादा फोकस कर रहा हूं और अपना गेम बेहतर करने की कोशिश कर रहा हूं। अच्छी बात है कि इस बार यह लीग हो पा रही है।
6. अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हमेशा से कबड्डी में भारत का दबदबा रहा है, लेकिन 2018 एशियन गेम्स में भारत को कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा। अगले सीजन के लिए क्या तैयारी है और किस टीम को भारत के लिए सबसे बड़ा खतरा मानते हैं।
भारत खुद के लिए ही सबसे बड़ा खतरा है। भारतीय टीम को किसी और से खतरा नहीं है। भारत बहुत अच्छी टीम है। हम अच्छे से प्रैक्टिस करेंगे और पदक जीतने की कोशिश करेंगे।
7. आपका भिड़ेगा तो बढ़ेगा मोमेंट कौन सा रहा है?
मेरा भिड़ेगा तो बढ़ेगा मोमेंट तब था, जब मैंने कोरोना महामारी के दौरान हिम्मत नहीं हारी और प्रो कबड्डी लीग के अगले सीजन के लिए तैयारी करता रहा। लॉक डाउन हम सबके लिए काफी कठिन रहा है, पर कठिन परिस्थितयों में हार नहीं मानना और हर चुनौती से भीड़ जाना ही एक मात्र तरीका है जीतने का और मैं आशा करता हूं कि मैं यही भीड़ जाने का जज्बा मैच के दौरान भी दिखाऊंगा।
(साभार अमर उजाला)