पिता ने मकान बेचकर दिलाई थी पिस्तौल टोक्यो पैरालम्पिक में जीत दिखाया स्वर्ण खेलपथ संवाद नई दिल्ली। टोक्यो पैरालम्पिक में निशानेबाजी में स्वर्ण पदक जीतने वाले मनीष नरवाल के पिता के पास उन्हें पिस्टल दिलाने के लिए पैसे नहीं थे। उनके पिता ने घर बेचकर उन्हें पिस्तौल दिलाई थी। मनीष पहले फुटबॉल खेलते थे लेकिन एक बार चोट लग जाने के बाद उनके माता-पिता ने यह खेल छुड़वा दिया और तब से शूटिंग में हाथ आजमाने लगे। मनीष नरवाल का दांया.......
इस जांबाज की जिन्दगी का एक-एक पन्ना है संघर्ष की दास्तां खेलपथ संवाद नई दिल्ली। प्रवीण कुमार की कहानी है तो पूरी तरह फिल्मी, लेकिन इसका एक-एक पन्ना सच्चाई की कड़वी हकीकत से भरा है। बीते दो सालों में जो कुछ प्रवीण ने झेला उससे उनके पैरालम्पिक के रजत का मान और ज्यादा बढ़ जाता है। पहले उनके जन्म से छोटे और पूरी तरह बेजान पैर को आधा बेजान बता उनका वर्ग बदला गया। तब उन्होंने एथलेटिक्स छोड़ ग्रेटर नोएडा स्थित गोविंदगढ़ गांव में खेती.......
पैरों को बनाया अपनी ताकत पैरालम्पिक की ताइक्वांडो स्पर्धा में खेलने वाली देश की पहली खिलाड़ी खेलपथ संवाद नई दिल्ली। भले ही अरुणा तंवर के दोनों हाथ छोटे और इनमें तीन-तीन उंगलियां हैं पर उन्होंने अपने हाथों को कभी अपनी कमजोरी नहीं बनने दिया। बचपन में जरूर उन्हें दुख होता था पर अब खुद पर फख्र होता है। हो भी क्यों न अखिर 21 साल की यह ताइक्वांडो खिलाड़ी दूसरी लड़कियों के लिए मिसाल जो बन गई है। अरुणा (49 किलोग्राम) पैरालम्पिक में पह.......
17 वर्षीय शैली सिंह ने लम्बीकूद में रजत जीतकर रचा इतिहास खेलपथ संवाद नई दिल्ली। अंडर-20 विश्व एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में 17 वर्षीय शैली सिंह ने इतिहास रच दिया है। लम्बीकूद की उभरती हुई खिलाड़ी और दिग्गज अंजू बॉबी जॉर्ज से खेल की सीख लेने वाली शैली ने 6.59 मीटर की छलांग के साथ रजत पदक अपने नाम किया। शैली स्वर्ण पदक से सिर्फ एक सेंटीमीटर से चूक गईं। शैली अब अंडर-20 विश्व एथलेटिक्स चैम्पियनशिप के इतिहास में लम्बीकूद में पदक ज.......
उम्र छोटी पर संकल्प बहुत बड़े खेलपथ संवाद नई दिल्ली। टोक्यो पैरालम्पिक में भारत की 19 वर्षीय पलक कोहली से देश को पदक की उम्मीद है। पलक खेलों में तीन कैटेगरी में क्वालीफाई करने वाली एकमात्र भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी हैं। पलक ने अपनी प्रतिबद्धता और समर्पण के बलबूते पैरालम्पिक में जगह बनाई है। इस खिलाड़ी के जोश, जुनून और जज्बे को सलाम है। पलक बचपन से बाएं हाथ से दिव्यांग थी। मगर जीवन में कभी हार नहीं मानी। विश्व रैंकिंग में छठे स्थान पर म.......
चीन के खिलाड़ियों से सीख लेने की जरूरत टोक्यो। चीन की 14 साल की कुआन होंगचान ने ओलम्पिक खेलों में महिलाओं की 10 मीटर गोताखोरी (डाइविंग) प्लेटफॉर्म स्पर्धा में गुरुवार को स्वर्ण पदक अपने नाम किया। इस सात दौर की प्रतियोगिता के दूसरे और चौथे दौर में सभी सातों जजों ने उन्हें पूरे 10 अंक दिये। उसने कुल 466.20 अंक के साथ स्वर्ण पदक जीता, जबकि रजत पदक चीन की ही 15 वर्षीय चेन युशी (425.40) के नाम रहा। चेन 2019 की विश्व चैम्पियन है और व.......
इलाज के साथ की ओलम्पिक की तैयारी पिता ने कहा बेटा न होने का कोई मलाल नहीं हेमंत रस्तोगी नई दिल्ली। कोरोना के चलते बीते वर्ष लॉकडाउन क्या लगा मानों लवलीना पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा। पहले वह खुद संक्रमित हो गईं। 104 फॉरेनहाइट के तपते बुखार में उन्हें एनआईएस पटियाला से दिल्ली लाया गया। उसके बाद उनकी मां की तबियत खराब हो गई। उनका एक पैर राष्ट्रीय शिविर में और दूसरा गुवाहाटी में रहता था। डॉक्टरों ने कहा मां की .......
कैडेट विश्व चैम्पियनशिप: प्रिया को भी कामयाबी खेलपथ संवाद नई दिल्ली। भारत की युवा पहलवान तनु ने कैडेट विश्व चैंपियनशिप में खिताब जीतकर इतिहास रच दिया। तनु ने शानदर प्रदर्शन जारी रखते हुए अंक गंवाए बिना 43 किलोग्राम वर्ग में खिताब अपने नाम किया। वहीं प्रिया ने बेलारूस की सेनिया पटापोविच को 5-0 से हराकर 73 किलोग्राम वर्ग में खिताब जीता। शुरुआत में तनु बेरंग दिखाई दे रही थीं, लेकिन उन्होंने जल्द ही अपने हरफनमौला खेल के साथ .......
विश्व ताइक्वांडो ऑनलाइन पूमसे ग्रैंड प्रिक्स इनामी प्रतियोगिता में खेलने की पात्रता हासिल की खेलपथ संवाद वाराणसी। विश्व ताइक्वांडो ऑनलाइन ओपन चैलेंज में वाराणसी की होनहार यश्विनी सिंह ने अपने कौशल से प्रभावित करते हुए आठवां स्थान हासिल किया। इस प्रतियोगिता का आयोजन एक जून से 13 जुलाई तक हुआ। विश्व ताइक्वांडो ओपन चैलेंज सीरीज-2 में शानदार.......
लड़कों का एकल खिताब जीता विम्बलडन। भारतीय मूल के अमेरिकी टेनिस खिलाड़ी समीर बनर्जी ने रविवार को विम्बलडन में इतिहास रच दिया। उन्होंने फाइनल मुकाबले में हमवतन विक्टर लिलोव को सीधे सेटों में हराकर विम्बलडन में लड़कों का एकल खिताब अपने नाम किया। अपना दूसरा जूनियर ग्रैंड स्लैम खेल रहे 17 साल के इस खिलाड़ी ने एक घंटे 22 मिनट तक चले फाइनल में 7-5, 6-3 से जीत हासिल की। बनर्जी के माता-पिता भारत के रहने वाले थे लेकिन 1980 के दशक में वह .......