गाजियाबाद की होनहार साक्षी ने गोवा में बरसाए स्वर्णिम तीर

42वीं एनटीपीसी जूनियर नेशनल आर्चरी चैम्पियनशिप एक स्वर्ण और दो रजत पदक जीतकर मचाया धमाल खेलपथ संवाद गाजियाबाद। होनहार तीरंदाज साक्षी चौधरी के लिए अब मेडल जीतना हंसी-खेल का काम हो गया है। यह बिटिया जिस भी तीरंदाजी प्रतियोगिता में उतरती है, उसके गले में मेडल जरूर होता है। हाल ही गोवा में हुई 42वीं एनटीपीसी जूनियर नेशनल आर्चरी चैम्पियनशिप में भी साक्षी.......

स्केटर मासूमा फातिमा ने जीते तीन स्वर्ण पदक

अब तक विभिन्न प्रतियोगिताओं में 86 पदक जीते खेलपथ संवाद भोपाल। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित स्केटिंग प्रतियोगिता में सैय्यदा मासूमा फातिमा ने तीन स्वर्ण पदक जीतकर अपने कौशल का शानदार प्रदर्शन किया। मासूमा फातिमा साजिद खान से प्रशिक्षण लेती है। गत दिनों ज्ञान उदय आवासीय विद्यालय .......

प्रज्ञानानंदा और पीवी नंधिधा ने जीते खिताब

एशियाई शतरंज चैम्पियनशिप नयी दिल्ली। शीर्ष वरीय भारतीय ग्रैंडमास्टर आर. प्रज्ञानानंदा और पीवी नंधिधा ने बृहस्पतिवार को यहां एशियाई महाद्वीपीय शतरंज टूर्नामेंट में क्रमश: ओपन और महिला वर्ग के खिताब जीते। प्रज्ञानानंदा नौवें और अंतिम दौर में हमवतन बी. अधिबान से 63 चाल में ड्रॉ खेलकर सात अंक के साथ शीर्ष रहे।  चेन्नई के 17 साल के प्रज्ञानानंदा ने अंतिम दौर से पहले अन्य खिलाड़ियों पर आधे अंक की बढ़त बना रखी थी। उन्होंने अंतिम दौर मे.......

19 साल की टेस फ्लिंटॉप ने 16 गेंदों में जड़े 51 रन

महिला बिग बैश लीग का सबसे तेज अर्धशतक सिडनी। 19 साल की टेस फ्लिंटॉप ने महिला बिग बैश लीग का सबसे तेज अर्धशतक लगाया है। मेलबर्न स्टार्स के लिए खेलते हुए उन्होंने 16 गेंदों में नाबाद 51 रन बना दिए और एडिलेड स्ट्राइकर्स की टीम को 22 रन से हराने में अहम योगदान दिया। फ्लिंटॉप से पहले यह रिकॉर्ड ऑस्ट्रेलियाई ऑलराउंडर एश्ले गार्डनर और दक्षिण अफ्रीका की लिजेल ली के नाम था। इन दोनों खिलाड़ियों ने 22 गेंदों में अर्धशतक लगाया था। दोनों ने साल 2017 में.......

पहलवान अमन की जांबाजी से स्पेन में जय हिन्दुस्तान

अंडर-23 वर्ल्ड चैम्पियनशिप में गोल्ड मेडल जीतने वाला पहला भारतीय खेलपथ संवाद नई दिल्ली। भारत युवाओं का देश है। हमारे युवा ऐसे कारनामे अंजाम दे रहे हैं जिन्हें देखकर दुनिया अचम्भित है। हाल ही पहलवान अमन सेहरावत ने वह कर दिखाया जोकि इससे पहले कोई भारतीय पहलवान नहीं कर सका था। इस युवा ने अंडर-23 वर्ल्ड रेसलिंग चैम्पियनशिप में गोल्ड मेडल जीत दिखाया। भारतीय युवा रेसलर अमन सहरावत ने स्पेन में अंडर-23 विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप में स्व.......

16 साल के डोनारुम्मा गुकेश ने रचा इतिहास

वर्ल्ड चैम्पियन कार्लसन को हराने वाले सबसे युवा खिलाड़ी बने खेलपथ संवाद नई दिल्ली। एमचेस रैपिड ऑनलाइन चेस टूर्नामेंट में भारत 16 साल के डोनारुम्मा गुकेश ने इतिहास रच दिया है। उन्होंने वर्ल्ड चैंपियन मैग्नस कार्लसन को हराकर रिकॉर्ड बनाया। गुकेश विश्व चैंपियन के रूप में कार्लसन को हराने वाले दुनिया के सबसे कम उम्र के खिलाड़ी बन गए हैं। गुकेश ने नौवें दौर के मुकाबले में कार्लसन को हराया। इससे पहले रविवार को कार्लसन को इसी टूर्नामेंट में.......

कुलदीप यादव ने यूथ एशियन चैम्पियनशिप में कांस्‍य पदक जीता

स्पोर्ट अथारिटी आफ इंडिया बेंगलुरु में कोच विजीस एम. से लेता है प्रशिक्षण खेलपथ संवाद प्रयागराज। प्रयागराज के मऊआइमा इलाके के कई एथलीट कीर्तिमान स्थापित कर क्षेत्र को गौरवान्वित कर रहे हैं। इन एथलीटों के साथ ही अब एक नाम और जुड़ गया है। वह हैं कुलदीप यादव, जिन्होंने शुक्रवार को कुवैत में आयोजित चौथी एशियन अंडर-18 एथलेटिक्‍स चैम्पियनशिप में कांस्‍य पदक जीता। कुलदीप के घर व गांव में जश्न का माहौल है। एक पखवाड़ा पूर्व उन्‍हों.......

हर जुबां पर बस एक ही नाम शौर्यजीत

10 साल की उम्र में जीता राष्ट्रीय खेलों में मेडल खेलपथ संवाद अहमदाबाद। 10 साल की उम्र में किसी भी बच्चे के लिए पिता को खोने का गम झेलना आसान नहीं होता लेकिन, गुजरात के 10 साल के शौर्यजीत ने न सिर्फ इस दर्द को झेला, बल्कि अपने पिता के सपने को पूरा करने के लिए गुजरात में चल रहे 36वें नेशनल गेम्स में भी उतरे और अपने नाम के अनुसार ही मलखम्ब के खेल में शौर्य गाथा लिखी। 10 साल के शौर्यजीत ने अपने प्रदर्शन से सबको मुरीद बना लिया। खुद प्रधान.......

10 साल का बच्चा शौर्यजीत बना देश की शान

मलखम्ब में कांस्य जीत रचा इतिहास 30 सितम्बर को ही सिर से उठ गया पिता का साया खेलपथ संवाद अहमदाबाद। गुजरात में खेले जा रहे नेशनल गेम्स में सोमवार को मेजबान राज्य के 10 साल के शौर्यजीत खैरे ने पदक जीतकर इतिहास रच दिया है। इस बच्चे ने पोल मलखम्ब में कांस्य पदक अपने नाम किया और इसी के साथ शौर्यजीत इन खेलों में पदक जीतने वाला सबसे युवा खिलाड़ी बन गया। गुजरात हालांकि पदक तालिका में शीर्ष-3 से बाहर है। यहां महाराष्ट्र ने अपना दम दिखा.......

गरीबी भी नहीं रोक पाई करण की राह

मिट्टी के दीये बेच परिवार पाल रहा करण प्रोफेशनल फुटबाल खिलाड़ी बनना चाहता है करण खेलपथ संवाद जालंधर। जिस उम्र में युवा अपने सपनों को जीने और उन्हें पूरा करने में जुटते हैं, उस आयु में करण को परिवार के पालन-पोषण की जिम्मेदारी संभालनी पड़ी। महज 11 वर्ष की आयु से दीये बेच कर परिवार चला रहे करण ने मजबूरी के चलते अपने सपने को भी छोड़ दिया, लेकिन संघर्ष की सीढ़ी चढ़ते-चढ़ते वह उस मुकाम पर आ पहुंचा कि अब 19 साल की उम्र में उसका सपना .......