चंडीगढ़ की गनेमत सेखो ने कर्णी सिंह शूटिंग रेंज में रचा इतिहास

स्कीट शूटिंग में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला शूटर
कभी बंदूक भी नहीं उठा पाती थी वह
नई दिल्ली।
प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती। चंडीगढ़ की रहने वाली गनेमत सेखो ने इस कहावत को सही साबित कर दिया। दिल्ली के कर्णी सिंह शूटिंग रेंज में चल रहे विश्व कप में गनेमत ने नया करिश्मा कर दिया। वह देश की पहली महिला खिलाड़ी बनी जिन्होंने स्कीट शूटिंग में भारत को पदक दिलाया। गनेमत की शूटिंग के प्रति जज्बे को लेकर और पदक जीतने तक की कहानी बड़ी ही दिलचस्प है। 
गनेमत सेखों ने शूटिंग की शुरूआत राइफल से की थी, लेकिन उन्हें इसमें मजा नहीं आया तो उन्होंने बंदूक थाम ली। जिस किसी ने भी दुबली पतली गनेमत को देखा यही कहा कि बंदूक चलाना उसके बस की बात नहीं है। वजन कम होने के चलते उनसे बंदूक नहीं उठती थी। कंधे और हाथ थक जाते थे। बावजूद इसके उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और रविवार को कर्णी सिंह शूटिंग रेंज में इतिहास रच डाला। स्कीट शूटिंग आज तक किसी महिला शूटर ने विश्व कप में पदक नहीं जीता। गनेमत ने कांस्य जीतकर यह कारनामा कर दिखाया।
इससे पहले सौरभ चौधरी, अभिषेक वर्मा, शहजर रिजवी और यशस्वनी देशवाल, मनु भाकर, श्रीनिवेदिता परमनाथन की तिकड़ी ने पुरुष और महिला 10 मीटर एयर पिस्टल की टीम इवेंट का स्वर्ण जीता। 10 मीटर एयर राइफल में भारतीय टीम को रजत हासिल हुआ।
चंडीगढ़ की गनेमत ने 2013 में अपने शूटर चचेरे भाई से प्रभावित होकर राइफल शूटिंग शुरू की, लेकिन इसमें उन्हें मजा नहीं आया तो 2015 में उन्होंने मोती बाग शूटिंग रेंज पटियाला में स्कीट में हाथ आजमाया, लेकिन इसमें गनेमत का वजन आड़े आ रहा था। गनेमत खुलासा करती हैं कि उन्होंने इसके बाद अपनी फिटनेस पर काफी काम किया और हिम्मत नहीं हारी। गनेमत आज अगर स्वर्ण जीत जातीं तो उन्हें 1000 रैंकिंग अंक मिलते जिससे वह टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालिफाई करने की होड़ में शामिल हो जातीं।
गनेमत ने क्वालीफाइंग में 117 का स्कोर कर तीसरे स्थान पर रहीं। वहीं फाइनल में कांस्य पदक से चूक चौथे स्थान पर रहने वाली कार्तिकी सिंह शेखावत ने क्वालिफाइंग में 116 का स्कोर किया और वह वहां भी चौथे स्थान पर रहीं। फाइनल में गनेमत ने 40 और कार्तिकी ने 32 का स्कोर किया। पुरुषों के स्कीट फाइनल में गुरजोत खंगूड़ा छठे स्थान पर रहे। वह 121 का स्कोर कर शूटऑफ के जरिए फाइनल में पहुंचे। ओलंपिक कोटा हासिल करने वाले मेराज अहमद खान ने भी 121 का स्कोर किया, लेकिन शूट ऑफ में वह फाइनल की दौड़ से बाहर हुए। 
विश्व कप में पहली बार शुरू किए गए टीम इवेंट मुकाबलों में यहां आए ज्यादातर देशों ने रुचि नहीं दिखाई। पुरुषों के 10 मीटर एयर पिस्टल में सौरभ, अभिषेक और शहजर की टीम ने वियतनाम को 17-11 से पराजित किया। महिलाओं में यशस्वनी, मनु, श्रीनिवेदिता की टीम ने पोलैंड को 16-8 से पराजित कर स्वर्ण जीता। खास बात यह रही कि इस टीम इवेंट मुकाबलों में सिर्फ दो देश ही खेले। 
पुरुषों के 10 मीटर एयर राइफल फाइनल में अमेरिकी टीम ने भारत के ऐश्वर्य प्रताप सिंह तोमर, दीपक कुमार और पंकज कुमार की टीम को कड़े मुकाबले में 16-14 से पराजित कर स्वर्ण जीता। कोरिया ने ईरान को 17-15 से हरा कांस्य जीता। कांस्य पदक मुकाबले में पोलैंड ने भारतीय तिकड़ी श्रियंका सदांगी, निशा कंवर, अपूर्वी चंदेला को 17-7 से हराया। डेनमार्क ने अमेरिका को 16-8 से हराकर स्वर्ण जीता।

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