अपने गुरु को गुरुकुल देंगे निशानेबाज सौरभ चौधरी

शिक्षक दिवस पर विशेष

खेलपथ प्रतिनिधि

मेरठ। एक प्रशिक्षक ही खिलाड़ी को शिखर तक पहुंचने में मदद करता है। इसलिए खेल में सुविधाओं से कहीं अधिक प्रशिक्षक की अहम भूमिका होती है। भारत के उभरते निशानेबाज और हाल ही अर्जुन पुरस्कार हासिल करने वाले सौरभ चौधरी भी मानते हैं कि उनके जीवन में गुरु अमित श्योराण का सबसे बड़ा योगदान है। सौरभ अपने गुरु को ऐसा  गुरुकुल देना चाहते हैं, जिसमें देश के प्रतिभाशाली शूटर बिना किसी तकलीफ के लक्ष्य पर सटीक निशाना साधना सीख सकें।  
टीन शेड में बनी शूटिंग रेंज की तपती गर्मी में निशाने लगवाकर गुरु ने तपती भट्टी में कुंदन सी चमक बिखेरने वाले शूटर सौरभ चौधरी को निखार दिया। अब एशियाई खेलों के चैम्पियन सौरभ गुरु अमित श्योराण को दक्षिणा में गुरुकुल देना चाहते हैं। जहां प्रतिभाशाली शूटरों को मुफ्त में रहने और पढ़ाने के साथ ही उनके खेल को निखारा जाएगा।
सौरभ कहते हैं कि कोच का सपना पूरा करना उनकी ओलम्पिक की तैयारियों की बड़ी प्रेरणा बन गया है। 
यूथ ओलम्पिक चैम्पियन और विश्व कप में छह स्वर्ण पदक जीतने वाले सौरभ जानते हैं कि गुरुकुल स्थापित करने में भारी-भरकम राशि खर्च होनी है। अभी उनके पास इतना पैसा नहीं है। वह शूटिंग में अपनी मेहनत के दम पर इतनी ईनामी राशि एकत्र करना चाहते हैं जिससे गुरुकुल बनाने में मदद मिले। वह इसके लिए खेलप्रेमियों से भी मदद की गुहार लगाएंगे। सौरभ मेरठ स्थित अपने गांव कलीना में रेंज में अकेले ओलम्पिक की तैयारियों में जुटे हैं। बागपत के बिनौली में शूटिंग रेंज चलाने वाले अमित श्योराण को सौरभ ही नहीं अपने हर शिष्य पर नाज है। अमित ने कहा कि उनके गुरुकुल के सपने को हर शिष्य जानता है। सौरभ भी नंगी आंखों से इस सपने को देखते हैं।
यह शिष्य ही हैं जिनकी वजह से टीन शेड की शूटिंग रेंज में पक्की छत के साथ पंखे भी लगे हैं। वह गुरुकुल में शूटिंग की शुरुआत करने वाले कम उम्र के बच्चों को सिखाएंगे। प्रतिभाशाली बच्चों को मुफ्त रहने, खाने, शिक्षा के साथ शूटिंग की कोचिंग देंगे।

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