रवि के लिए चुनौती बनेगा वजन

टोक्यो ओलम्पिक टलने से होगी दिक्कत
नई दिल्ली।
टोक्यो ओलम्पिक एक साल आगे बढ़ने का नुकसान भारतीय पहलवान रवि कुमार (57 किलोग्राम) को भी हुआ है। एशियाई चैम्पियन रवि इस वक्त जबरदस्त फॉर्म में थे और ओलम्पिक खत्म होते ही 57 किलोग्राम भारवर्ग को छोड़ इससे ज्यादा वजन में जाने वाले थे। लम्बाई के चलते उन्हें इस भार वर्ग में दिक्कत हो रही है। उन्हें कम्पटीशन से पहले चार किलो तक वजन कम करना पड़ता है। इसके चलते उन्होंने ओलम्पिक के बाद वजन बदलने की ठान रखी थी। अब उन्हें योजनाएं बदलनी पड़ रही हैं। वह मानते हैं कि यह दिक्कत वाली बात है, लेकिन इसके अलावा उनके पास कोई चारा नहीं है। अगले डेढ़ साल तक 57 किलो वजन बनाकर रखना चुनौती है।
मीठा छोड़ेंगे, खाने पर रखेंगे काबू:
रवि साफ करते हैं कुश्ती में लम्बाई का उन्हें फायदा मिलता है, पर इसके चलते वजन कम करने में परेशानी भी होती है। ओलम्पिक तक उन्हें न सिर्फ अपने खाने पर नियंत्रण रखना होगा बल्कि मीठे का भी त्याग करना होगा। वजन कम करना पहलवान के जीवन का हिस्सा है। इस कष्टकारी प्रक्रिया से हर किसी को दो-चार होना पड़ता है। ओलम्पिक अगर समय से होता तो उनके अच्छे अवसर थे। फिलहाल वह छत्रसाल स्टेडियम में हैं और थोड़ी बहुत प्रैक्टिस कर रहे हैं। उन्हें उम्मीद  है कि अगले साल ओलम्पिक के लिए भी वह फॉर्म हासिल कर लेंगे।
वजन घटाने में आती है दिक्कत:
24 वर्षीय रवि की लम्बाई अभी बढ़ रही है। उनकी लम्बाई 170 सेंटीमीटर से अधिक है। फ्रीस्टाइल टीम के चीफ कोच जगमिंदर का मानना है पहलवान लम्बा हो और उसका शरीर भरा हो तो उसे वजन कम करने में  दिक्कत नहीं होती है, लेकिन कम वजन के लंबे पहलवान का शरीर भरा नहीं होता है। ऐसे में उसे वजन कम करने में काफी दिक्कत होती है। रवि के साथ भी यही है। कोच मानते हैं कि रवि डेढ़ साल तक वजन कायम रखने में कठोर परिश्रम करना होगा।

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