शूटर अनीश बनवाला की प्रतिभा को सलाम

जीते चार गोल्ड मेडल
करनाल।
साउथ एशियन गेम के बाद अनीश बनवाला एक फिर चमके हैं। भोपाल में 17 से 4 जनवरी तक आयोजित नेशनल शूटिंग प्रतियोगिता में अनीश बनवाला ने 25 मीटर रैपिड फायर जूनियर, सीनियर इंडिविजुअल, नेशनल चैंपियनशिप इवेंट और टीम इवेंट में 4 गोल्ड मेडल जीत कर मनसूबे जाहिर कर दिये हैं। उन्होंने दिखा दिया है कि वह लम्बी रेस के खिलाड़ी हैं। भोपाल में चल रही नेशनल शूटिंग प्रतियोगिता में सभी प्रदेशों से करीब 250 शूटरों ने भाग लिया। अनीश ने क्वालफाई मैच में 600 में से 582 और सीनियर वर्ग के फाइनल में 28.8 का स्कोर किया। जूनियर वर्ग में उन्होंने अपना ही नेशनल रिकॉर्ड 33 का स्कोर बनाया। 
पिता जगपाल ने बताया कि बेटे की इस उपलब्धि से वह बहुत खुश हैं। अनीश मार्च में दिल्ली में आयोजित वर्ल्ड कप में अपनी प्रतिभा को प्रदर्शित करेंगे। उन्होंने बताया कि अभी अनीश के दो इवेंट और बाकी हैं। महज साढे़ 4 साल के खेल करियर में अनीश ने अपनी मेहनत से बुलंदियों को छुआ है। 
नेपाल में भी जीते थे दो गोल्ड
अनीश बनवाला ने अभी हाल में नेपाल के काठमांडू में 1 से 10 दिसंबर तक आयोजित 13वीं साउथ एशियन शूटिंग प्रतियोगिता में भी इनडिविजुअल और टीम इवेंट में दो गोल्ड अपने नाम किये थे। इस प्रतियोगिता में एशिया के 7 देशों से 18 शूटरों ने भाग लिया था, जिसमें अनीश ने पाकिस्तान के बसीर खान मुस्तफा को हराया था। 
लेजर गन का प्रदर्शन देख कोच ने दी थी शूटिंग की सलाह
पिता जगपाल ने बताया कि अनीश ने 2012 में स्वीमिंग से खेल की शुरुआत की थी। इसके बाद मार्डन पैंटाथलॉन में हाथ आजमाए। इस गेम में शूटिंग, दौड़, फैंसिंग, घुड़सवारी और स्वीमिंग सहित पांच खेल थे। बीजिंग में हुई एशियन चैंपियनशिप में अनीश ने लेजर गन में शानदार प्रदर्शन किया तो कोच सत्यवीर ने शूटिंग में जाने की सलाह दी। इसके बाद अनीश ने शूटिंग की तरफ कदम बढ़ा दिए।पहले जुंडला फिर करनाल के एसबीएस स्कूल की 10 मीटर शूटिंग रेंज में प्रैक्टिस की। फिलहाल दिल्ली की डॉ. करणी सिंह शूटिंग रेंज में अभ्यास करते हैं। फरीदाबाद के मानव रत्ना स्कूल में अनीश पढ़ाई कर रहा है।
जब सीनियर बोला-बेटा तू अभी बच्चा है...
करीब साढ़े तीन साल पहले अनीश व मुस्कान दिल्ली की करणी सिंह शूटिंग रेंज में पहुंचे। गन उठाई तो सीनियर निशानेबाज बोला-बेटा तू अभी बच्चा है..। साथ में परिजन भी थे लेकिन अनीश ने पहले ही ठान रखा था कि शूटिंग में पहचान बनानी है। पहले दिन ऐसा सटीक निशाना लगाया कि उसके फौलादी इरादे धुरंधर निशानेबाज भी पहचान गए। इसके बाद अनीश ने मुड़कर नहीं देखा।
दादा को यकीन: पोता जीतेगा ओलंपिक में गोल्ड
अनीश को मेडल के बारे में जब 71 वर्षीय दादा को पता चला तो वह खुशी से उछल पड़े। कहा कि उसे गर्व है कि अनीश ने एक बार फिर देश का नाम रोशन किया है। उन्होंने विश्वास जताया कि पोता अब 2020 में ओलंपिक में भी देश के लिए गोल्ड मेडल जरूर जीतेगा। अनीश के गोल्ड की बदौलत बूढ़ी आंखों में चमक साफ दिख रही थी। चेहरे के भाव पूरी कहानी खुद ही बयां कर रहे थे।

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