गौरी ने लगाए सोने-चांदी पर निशाने

खेलपथ प्रतिनिधि
चंडीगढ़ की निशानेबाज गौरी श्योराण ने आखिरकार साबित कर दिया कि उसे गोल्डन गर्ल ऐसे ही नहीं कहा जाता। गौरी ने साउथ एशियन गेम्स में 25 मीटर पिस्टल इवेंट में गोल्ड और सिंगल कैटेगरी में सिल्वर मेडल जीता है। साउथ एशियन गेम्स-2019 का नेपाल में एक से 10 दिसंबर तक करवाई जा रही है।
बुधवार का दिन भारतीय निशानेबाजों के नाम रहा। महिला शूटिंग टीम ने 25 मीटर पिस्टल इवेंट के फाइनल में गोल्ड मेडल जीता। गोल्ड मेडल जीतने वाली टीम में शहर की गौरी श्योराण के अलावा अनुराज सिंह और नीरज कौर शामिल हैं। इसके बाद गौरी श्योराण ने 25 मीटर सिंगल कैटेगरी में सिल्वर पर निशाना साधा। गौरी श्योराण के पिता जगदीप सिंह श्योराण आईएएस ऑफिसर हैं। वे स्पेशल सेक्रेटरी फाइनेंस हरियाणा के पद पर तैनात हैं।
पिता का हमेशा सहयोग मिला
गौरी श्योराण को इंटरनेशनल लेवल तक पहुंचाने में उनके पिता जगदीप सिंह श्योराण का बड़ा हाथ है। एक पिता होने के साथ-साथ जगदीप सिंह एक खेल प्रेमी भी हैं। उनके सहयोग की वजह से आज इंटरनेशनल लेवल तक मुकाम बनाने में गौरी कामयाब हुई हैं। जगदीप सिंह हमेशा ही अपनी बेटी को सहयोग देते हैं, चाहे वह जीतकर मेडल लाना हो या फिर हारने के बाद बेटी का मनोबल बढ़ाने की बात हो। कंपटीशन में जीत के जश्न में वह शामिल तो होते ही हैं।
बेटी पर गर्व : जगदीप सिंह
जगदीप सिंह श्योराण ने कहा कि अक्सर आईएएस माता-पिता अपने बच्चों को आईएएस बनाना चाहते हैं। उन्होंने अपने बच्चों (बेटी गौरी और बेटे इंटरनेशनल शूटर विश्वजीत सिंह) को खेल के प्रति समर्पित किया है। मुझे अपने बच्चों पर नाज है। मैं बेटी गौरी पर गर्व महसूस करता हूं, जब वह नेशनल और इंटरनेशनल लेवल पर मेडल जीतकर देश का नाम रोशन करती हैं। उन्होंने कहा कि उनकी बेटी को खेल में हर तरह चुनौती पसंद है।
गौरी का इंटरनेशनल करिअर
गौरी ने 34 इंटरनेशनल स्तर के शूटिंग इवेंट में हिस्सा लेकर 26 इंटरनेशनल पदक जीत चुकी हैं। इनमें 10 गोल्ड, 8 सिल्वर और 8 ब्रॉन्ज मेडल शामिल हैं। वहीं, नेशनल और स्टेट लेवल पर 102 मेडल उनके नाम हैं।
पूरी तैयारी के साथ पहुंची
साउथ एशियन गेम्स के लिए गौरी पिछले एक महीने से तैयारी कर रही थीं। इसके लिए रोजाना सुबह और शाम को कई घंटे प्रैक्टिस भी की। शूटिंग में भारत सहित पाकिस्तान, श्रीलंका, अफगानिस्तान की टीमें हिस्सा ले रही हैं। इस कंपीटिशन के लिए रवाना होने से पहले गौरी ने कहा था कि भारतीय टीम अन्य टीमों से बेस्ट है। यह बात टूर्नामेंट में मेडल जीतकर भारतीय महिला शूटर ने सच साबित कर दी।

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