किरण का सपना लॉस एंजिल्स ओलम्पिक में पदक हो अपना

चार सौ मीटर दौड़ में उम्मीद जगाती हरियाणा की सुपरस्टार
खेलपथ संवाद
ग्वालियर। भारतीय बेटियां आज हर क्षेत्र में अपनी सफलता के नए प्रतिमान गढ़ रही हैं। खेल का क्षेत्र भी अछूता नहीं है। देश में हरियाणा को खेलों का सुपर पॉवर कहा जाता है। यहां एक से बढ़कर एक बेजोड़ एथलीट हैं जिनका लोहा देश ही नहीं दुनिया मानती है। ऐसी ही बेजोड़ एथलीटों में ओलम्पियन किरन पहल का शुमार है। चोटें, पारिवारिक और वित्तीय समस्याओं के बावजूद किरण के इरादे फौलादी हैं, यही वजह है कि वह भारतीय एथलेटिक्स की बड़ी उम्मीद के रूप में देखी जा रही हैं।
किरण पहल को उम्मीद है कि वह पेरिस ओलम्पिक की असफलता को पीछे छोड़ते हुए लॉस एंजिल्स में भारत के लिए मेडल जरूर जीतेंगी। चार सौ मीटर दौड़ की सुपरस्टार किरण पहल भारत की दूसरी सबसे तेज धावक हैं। राष्ट्रीय स्तर की जिस प्रतियोगिता में भी वह उतरती हैं, प्रतिद्वंद्वी अपने आपको असहज महसूस करते हैं। किरण पहल ने पेरिस ओलम्पिक की 400 मीटर रेस में हिस्सा लिया था, तब उन्हें पोडियम तक पहुंचने में सफलता नहीं मिली थी। भारत को पेरिस ओलम्पिक में एथलेटिक्स में नीरज चोपड़ा ने एकमात्र सिल्वर मेडल दिलाया था।
सोनीपत की किरण पहल की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है लेकिन इरादे बेहद मजबूत हैं। वह जो ठान लेती हैं, उसे पूरा करके ही दम लेती हैं। कड़ी मेहनत और अडिग प्रयासों से सबका दिल जीतने वाली इस बेटी का अगला लक्ष्य लॉस एंजिल्स ओलम्पिक खेल में प्रतिभागिता तथा पदक जीत कर हिन्दुस्तान को गौरवान्वित करना है। हर एथलीट की तरह किरण भी अपनी गलतियों से सीखती हैं। चार गुणा चार सौ मीटर रिले रेस की भारतीय चौकड़ी की जांबाज सदस्य किरण कहती हैं कि उन्होंने पेरिस ओलम्पिक से बहुत कुछ सीखा है।
आगामी ओलम्पिक में देश के लिए मेडल जीतना ही अब मेरा एकमात्र लक्ष्य है। 400 मीटर रेस की जहां तक बात है हिमा दास के पास 2018 से 50.79 सेकेंड का राष्ट्रीय रिकॉर्ड है। पिछली बार किरण ने 50.92 सेकेंड का समय लेकर पेरिस ओलम्पिक के लिए क्वालीफिकेशन हासिल किया था। किरण से पहले निर्मल श्योराण (हरियाणा) ने 2016 ओलम्पिक खेलों में दमखम दिखाया था। किरण पहल ने पेरिस ओलम्पिक में महिलाओं की 400 मीटर रेपेचेज राउंड हीट-1 में छठे स्थान पर रहते हुए अपना अभियान समाप्त किया था।
खेलपथ की दुआ, दुनिया में फहरे किरण का परचम
खेलपथ का अपनी 16 वर्षों की लम्बी यात्रा में एकमात्र लक्ष्य खेल और खिलाड़ियों का प्रोत्साहन रहा। खिलाड़ियों की तरह खेलपथ ने भी तरह-तरह की चुनौतियों का सामना किया है, लेकिन अपने उद्देश्यों से नहीं भटका। हम देश में डोपिंग के बढ़ते चलन से व्यथित हैं। केन्द्रीय खेल मंत्रालय, भारतीय ओलम्पिक संघ तथा देश के सभी राष्ट्रीय खेल संगठन डोपिंग को लेकर परेशान हैं। इससे देश को वैश्विक स्तर पर शर्मिंदगी उठानी पड़ रही है। हाल की नाडा द्वारा दी गई जानकारियां चौंकाने वाली हैं। भारत में डोपिंग चिन्ताजनक स्थिति में पहुंच चुकी है। किशोरों में डोपिंग के बढ़ते मामले डरा रहे हैं। आलम यह है कि अब हर खिलाड़ी का प्रदर्शन शक की दृष्टि से देखा जाने लगा है। जांबाज किरण पहल अपने लक्ष्य हासिल करें तथा भारत को डोपिंग मुक्त बनाने में खेलपथ का साथ दें। सुधि पाठकों डोपिंग की खबर में त्रुटिवश जांबाज किरण पहल की फोटो रिलीज होने का मुझे दुख है। मैं सखेद माफी चाहता हूं। खेलपथ किरण पहल बेटी के स्वस्थ, सुखद उज्ज्वल भविष्य की कामना करता है।