राष्ट्रीय खेल संघों को वित्तीय सहायता देने को समिति बनी

ओलम्पिक मेजबानी हासिल करने को खेल मंत्रालय की कवायद
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली। खेल मंत्रालय ने भारत के सामने आने वाली चुनौतियों और 2036 में ओलंपिक खेलों की मेजबानी की देश की दावेदारी को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय खेल महासंघों (एनएसएफ) को वित्तीय सहायता प्रदान करने के मानदंडों में संशोधन करने के लिए छह सदस्यीय समिति का गठन किया है। 
समिति की अध्यक्षता संयुक्त सचिव (खेल) कुणाल करेंगे। इसमें कार्यकारी निदेशक (टीम) रितु पथिक, टारगेट ओलम्पिक पोडियम स्कीम (टॉप्स) के सीईओ एनएस जोहल, पूर्व टॉप्स सीईओ कमोडोर (सेवानिवृत्त) पीके गर्ग और भारतीय भारोत्तोलन महासंघ (आईडब्ल्यूएफ) के अध्यक्ष सहदेव यादव शामिल हैं। सहदेव यादव भारतीय ओलम्पिक संघ (आईओए) के कोषाध्यक्ष भी हैं।
खेल मंत्रालय के अवर सचिव तरुण पारीक ने समिति के सदस्यों को भेजे गए सर्कुलर ने कहा, 'नया ओलम्पिक चक्र शुरू हो गया है। नई परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए मानदंडों की समीक्षा करने की जरूरत महसूस की गई ताकि सामने आने वाली चुनौतियों और 2036 में होने वाले ओलम्पिक खेलों की मेजबानी करने की भारत की इच्छा से जुड़े पहलुओं की व्यापक समीक्षा की जा सके।'
इस सर्कुलर में कहा गया है कि, 'इसलिए एनएसएफ को सहायता प्रदान करने के लिए मानदंडों में संशोधन करने के सुझाव देने के लिए समिति का गठन करने का फैसला किया गया है।' भारत ने 2036 में होने वाले ओलम्पिक और पैरालंपिक खेलों की मेजबानी के लिए अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आइओसी) के साथ कई दौर की अनौपचारिक बातचीत के बाद पिछले साल नवंबर में इस विश्व संस्था के भविष्य के मेजबान आयोग को अपना आशय पत्र सौंपा था।
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