नियमों पर सवाल पूछे जाने पर भड़के कप्तान रोहित शर्मा
भारतीय क्रिकेट में ड्रामा जारी: 10 नीतियों के बारे में किसने बताया?
अजित अगरकर और रोहित शर्मा के बयान में स्पष्ट अंतर
खेलपथ संवाद
मुम्बई। भारतीय क्रिकेट में हाईवोल्टेज ड्रामा जारी है। शनिवार को मुख्य चयनकर्ता अजीत अगरकर और कप्तान रोहित शर्मा ने चैम्पियंस ट्रॉफी और इंग्लैंड के खिलाफ तीन मैचों की वनडे सीरीज के लिए टीम का एलान किया। हालांकि, इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में कई ऐसी चीजें रहीं जिसने फैंस का ध्यान खींचा है। इसने फैंस को भ्रमित कर दिया है।
दरअसल, प्रेस कॉन्फ्रेंस में अगरकर और रोहित से बीसीसीआई द्वारा लगाई गई 10 नीतियों के बारे में सवाल पूछे गए। एक तरफ जहां अगरकर ने नियमों को लागू करने के पीछे की वजहें बताईं, वहीं रोहित मीडिया पर भड़क गए। उन्होंने कहा कि आपको नीतियों के बारे में किसने बता दिया। क्या यह बीसीसीआई के आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल से आया है?
शनिवार को मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान भारत के कप्तान रोहित शर्मा से बीसीसीआई के दिशानिर्देशों पर अपने विचार साझा करने के लिए कहा गया था। हालांकि, रोहित ने रिपोर्टर पर अपना आपा खो दिया और उन्हें बीसीसीआई से आधिकारिक पुष्टि की प्रतीक्षा करने के लिए कहा। रोहित ने कहा, 'इन नियमों के बारे में आपको किसने बताया? क्या यह आधिकारिक हैंडल से आया है? इसे पहले आने दो और उसके बाद हम बात करेंगे।' वहीं, अगरकर का बयान इससे अलग दिखा।
अगरकर ने कहा, 'मेरा मानना है कि हर टीम के अपने नियम होते हैं। पिछले कुछ महीनों में हमने उन क्षेत्रों पर चर्चा की है जहां हम एक टीम के रूप में संबंधों को बेहतर और मजबूत कर सकते हैं। हमने महसूस किया है कि बेहतर टीम एकजुटता को बढ़ावा देने के लिए कुछ बदलावों की आवश्यकता है।' अगरकर ने आगे स्पष्ट किया कि नए नियम सजा नहीं हैं और ऐसे दिशानिर्देश पहले भी मौजूद रहे हैं। उन्होंने अपने देश का प्रतिनिधित्व करते समय इन नियमों का पालन करने के महत्व पर जोर दिया।
अगरकर ने कहा, 'यह खिलाड़ियों को छात्रों जैसा व्यवहार करने या उन्हें दंडित करने के बारे में नहीं है। बस कुछ नियम हैं और जब आप अपनी राष्ट्रीय टीम के लिए खेल रहे होते हैं, तो आप उनका पालन करते हैं। ये परिपक्व पेशेवर हैं और अंतरराष्ट्रीय खेल में अपने आप में सुपरस्टार हैं। वे जानते हैं कि खुद को कैसे प्रबंधित करना है। आप अपने देश का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, और कुछ अपेक्षाएं हैं जिनका आपको पालन करना चाहिए, जैसा कि किसी भी टीम के साथ होता है।'
ऐसे में अगरकर और रोहित के बयान में स्पष्ट अंतर है। इतना ही नहीं, अगरकर रोहित को नियमों का पता नहीं था तो वह कॉन्फ्रेंस की शुरुआत में अगरकर को परिवार वाले नियमों के बारे में बताते क्यों दिखे? बीसीसीआई के 10 फरमानों में से एक में यह कहा गया है कि खिलाड़ियों को दौरे पर अपने परिवार के साथ दो हफ्ते से ज्यादा अवधि तक रुकने की इजाजत नहीं होगी। इस नियम को लेकर रोहित माइक ऑन रहते हुए अगरकर से कहते दिखे- 'मुझे वापस सचिव के साथ बैठना पड़ेगा। ये सब चीज फैमिली का, अब सब मेरे को पूछ रहे हैं।' दिलचस्प बात है कि रोहित इतना कहकर रुक गए और पत्रकारों से बात करने लगे।
क्या है 10 सूत्रीय नीति?
बीसीसीआई ने आधिकारिक तौर पर दिशा-निर्देशों की घोषणा नहीं की है, लेकिन मीडिया की खबरों में ये 10 सूत्री निर्देश सामने आ चुके हैं। इसके अनुसार, बीसीसीआई ने इसके अलावा सभी खिलाड़ियों के लिए घरेलू क्रिकेट खेलना अनिवार्य कर दिया गया था और विदेशी दौरे पर निजी स्टाफ पर रोक लगा दी थी। इसके अलावा खिलाड़ी सीरीज के दौरान व्यक्तिगत विज्ञापन की शूटिंग भी नहीं कर पाएंगे। 10 सूत्रीय नीति का पालन करना अनिवार्य होगा। अगर ऐसा नहीं हुआ तो बीसीसीआई कार्रवाई करेगा। अब से खिलाड़ियों को दौरे में अलग से यात्रा की अनुमति नहीं होगी तथा मैच के जल्दी समाप्त होने पर उन्हें जल्दी नहीं जाने दिया जाएगा।
यह नीति राष्ट्रीय क्रिकेट टीम में अनुशासन और एकजुटता को बढ़ावा देने के लिए लागू की गई है। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज हार और न्यूजीलैंड के खिलाफ घर पर सूपड़ा साफ होने के बाद टीम में गुट बनने और खिलाड़ियों के एकसाथ न बैठने की खबरें सामने आ रही थीं। ऐसे में बीसीसीआई ने इस नीति को लागू करना आवश्यक समझा ताकि खिलाड़ियों के प्रदर्शन और प्रतिबद्धता को बेहतर किया जा सके।