ओलम्पिक में मुक्केबाजी को बनाए रखने लवलीना ने उठाई आवाज
भारतीय मुक्केबाज नवगठित एशियाई इकाई के एथलीट आयोग का हिस्सा
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली। मुक्केबाजी का जब ओलम्पिक खेल के रूप में भविष्य अधर में लटका हुआ है तब भारत की स्टार मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन ने रविवार को इस खेल को 2028 में लॉस एंजिलिस में होने वाले ओलम्पिक खेलों में बनाए रखने के लिए सभी उचित कदम उठाने की अपील की। मुक्केबाजी को लॉस एंजिलिस ओलम्पिक के शुरुआती कार्यक्रम में जगह नहीं मिल पाई और इस खेल को ओलम्पिक में बनाए रखने के लिए प्रयास जारी हैं।
लवलीना अब विश्व मुक्केबाजी (वर्ल्ड बॉक्सिंग) की नवगठित एशियाई इकाई के एथलीट आयोग का हिस्सा हैं। लवलीना ने साई (भारतीय खेल प्राधिकरण) मीडिया से कहा- इस समिति में होना सौभाग्य की बात है क्योंकि निर्णय लेने में अब भारत की आवाज भी सुनी जाएगी।
उन्होंने कहा कि मुक्केबाजी की तकनीकी पहलुओं विशेष रूप से स्कोरिंग और जजिंग की निष्पक्ष आत्मनिरीक्षण करने की आवश्यकता है। लवलीना ने कहा- अभी तक भारत सिर्फ एक सामान्य सदस्य था जिसके पास विरोध जताने या व्यवस्था में खामी बताने के बहुत कम मौके होते थे। यह अब बदलने जा रहा है क्योंकि एशियाई निकाय में हमारे पास सात पद होंगे।
उन्होंने कहा- यह उन खिलाड़ियों के लिए बहुत फायदे वाली बात है जो अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना चाहते हैं और ओलंपिक पदक जीतना चाहते हैं। मुक्केबाजी को लॉस एंजिल्स ओलंपिक खेलों में बनाए रखने के लिए सभी उचित कदम उठाए जाने चाहिए।
मुक्केबाजी को अगर लॉस एंजिलिस ओलंपिक में शामिल किया जाता है तो लवलीना लगातार तीसरी बार इन खेलों का हिस्सा बनना चाहती हैं। उन्होंने 2021 में टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीता था लेकिन पिछले साल पेरिस ओलंपिक से उन्हें खाली हाथ वापस लौटना पड़ा था।
लवलीना ने कहा- टोक्यो ओलंपिक का आयोजन कोविड के समय हुआ था जबकि पेरिस ओलंपिक सीखने का दौर था। मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया और मुझे इसका कोई मलाल नहीं है कि मैं पदक नहीं जीत पाई। प्रत्येक खिलाड़ी को कुछ नए सबक सिखाने के लिए मिलते हैं और लॉस एंजिल्स में मैं अधिक समझदारी के साथ आगे बढ़ना चाहती हूं।
उन्होंने कहा- लेकिन मैं अपनी तैयारियों में जल्दबाजी नहीं करूंगी। लॉस एंजिल्स ओलंपिक में अभी काफी समय है। अभी उचित वजन बनाए रखना और चोट से बचना मेरी योजनाओं में शामिल हैं। मैं अभी उत्तराखंड में होने वाले राष्ट्रीय खेलों से आगे के बारे में नहीं सोच रही हूं।